गौतम गंभीर ने मनोज तिवारी से क्यों कहा था, 'मैच के बाद मुझसे बाहर मिलना, देख लूंगा'
Old Memories of Cricketer : अपने समय के स्टार बल्लेबाज मनोज तिवारी ने जब अपनी यादों को साझा किया तो दो झगड़ों का जिक्र करना नहीं भूले।
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Cricket and Crime: इन दिनों सचिन तेंदुलकर ग्राउंड के बाहर क्रिकेट खेलते दिख जाते हैं...और सोशल मीडिया पर उनकी ऐसी तस्वीरें वायरल हो जाती हैं तो हर किसी को पुराने दिन याद आ जाते हैं। अक्सर ज्यादार क्रिकेटरों के पुराने दिन कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें वो एक बार फिर से जीना चाहते हैं। मगर कुछ ऐसे क्रिकेटर भी हैं जिन्हें अपने कुछ पुराने दिनों को लेकर बेहद अफसोस है।
क्रिकेटर का पुराना अफसोसनाक किस्सा
ऐसा ही एक किस्सा IPL में अपने दौर के स्टार क्रिकेटर रह चुके मनोज तिवारी का भी है। जिसको लेकर उन्हें भीतर ही भीतर बेहद अफसोस है। मगर उस वक्त तो ऐसा लगा था कि मानों वो मोहल्ले के दादा हैं।
रिटायरमेंट के बाद याद आए दो किस्से
ये किस्सा थोड़ा पुराना है लेकिन उसे ताजा ताजा याद किया है स्टार क्रिकेटर रह चुके मनोज तिवारी ने। हालांकि मनोज तिवारी क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। संन्यास लेने के बाद ही मनोज तिवारी ने एक बम फोड़ा है, हालांकि रिटायरमेंट के बाद जब उन्हें उनके बीते दिनों की याद दिलाई गई है तो वो कम से कम दो ऐसे किस्से हैं जिन्हें जरूर दोहराते हैं ताकि बातों ही बातों में उनके वो दागदार पल और उनकी याद उनके जेहन से दूर हो जाएं।
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ड्रेसिंग रूम में हुई बहस, मिली धमकी
यह घटना साल 2013 के आईपीएल सीजन के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम में हुई थी। तिवारी ने चौंकाने वाला खुलासा करते गुए कहा कि एक IPL मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम में उनकी कप्तान गौतम गंभीर से बहस हो गई थी। उस बहस के बाद तो गंभीर ने उन्हें धमकी दी थी। ये वही दौर था जब गंभीर और तिवारी कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला करते थे।
ड्रेसिंग रूम का झगड़ा, चश्मदीद पत्रकार
आनंद बाजार पत्रिका के साथ बातचीत में मनोज तिवारी ने बताया, उस रोज गौतम गंभीर ने कहा था, ‘तुम मैच के बाद मुझसे बाहर मिलना, मैं तुम्हें देख लूंगा…. आज तुम्हारा काम खत्म हो गया’। तिवारी ने बड़े ही मायूस चेहरे के साथ कहा, गौतम को उस रोज ऐसा नहीं कहना चाहिए थे। ड्रेसिंग रूम के बाहर कोटला में पत्रकारों का हुजूम मौजूद था. हर कोई उन शब्दों को सुन सकता था।
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उस दिन की लड़ाई, आजतक अफसोस
मनोज तिवारी ने कहा, 'मुझे आज भी गंभीर के साथ हुई उस लड़ाई का बेहद अफसोस है क्योंकि मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो अपने सीनियर्स से बहस करें। मेरे हिसाब से उस बात को टाला भी जा सकता था। अपने करियर में सीनियर्स के साथ मेरे रिश्ते हमेशा ही बहुत अच्छे रहे हैं, लेकिन इस एक वाकये से मेरी बहुत बदनामी हुई। ये बात मेरे लिए इसलिए भी अफसोस करने वाली है क्योंकि एक समय गंभीर के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे थे। शुरुआती दो सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलने के बाद मनोज तिवारी 2010 में केकेआर में शामिल हुए थे। मनोज तिवारी 2012 में आईपीएल जीतने वाली केकेआर टीम का भी हिस्सा थे।
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सेंचुरी मारकर भी हो गए टीम से बाहर
मनोज तिवारी एक और किस्सा हमेशा याद करते हैं। वो किस्सा है महेंद्र सिंह धोनी को लेकर। मनोज तिवारी ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मुकाबले से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया। हालांकि वह अपने पहले ही मैच में दो रन पर आउट हो गए थे और उसके बाद उन्हें अपना अगला मुकाबला तीन साल बाद खेलने को मिला था। मनोज तिवारी ने दिसंबर 2011 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक शतकीय पारी खेली थी लेकिन हैरानी की बात ये है कि उन्हें अगले 14 मैचों में मौका ही नहीं मिला।
धोनी से बस एक ही सवाल पूछना है?
रिटायरमेंट के बाद मनोज तिवारी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर भड़क गए थे। मनोज तिवारी का कहना था कि उन्हें शतक मारने के बावजूद टीम से बाहर कर दिया गया था। अपना सिर झटकते हुए तिवारी कहते हैं कि वह धोनी से बस यही पूछना चाहते हैं कि शतक बनाने के बावजूद उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर क्यों किया गया था। मनोज तिवारी ने आखिरी बार 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
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