शिल्पा शेट्टी के मानहानि दावे पर हाईकोर्ट ने कहा: आपके पति पर गंभीर केस है तो ख़बर दिखाना मानहानि कैसे? जानिए कोर्ट की पूरी सुनवाई
If there is a serious case against Raj Kundra, then how to show the news of the media is defamation: High Court raj kundra update news
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राज कुंद्रा पोर्नोग्राफी (RAJ KUNDRA PORNOGRAPHY) मामले में शिल्पा शेट्टी की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में कई मीडिया समूहों के खिलाफ मानहानि का दावा किया गया था. लेकिन हाईकोर्ट से शिल्पा शेट्टी को धक्का ही लगा. हालांकि, इस मामले पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 सितंबर की डेट तय की है.
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिल्पा शेट्टी के वकील से कहा कि आपके क्लाइंट के पति के खिलाफ एक गंभीर मामला है. इसलिए मीडिया शुरू से इस पूरे मामले को कवर कर रहा है. भारत में बोलने की आज़ादी है.
हाईकोर्ट ने कहा कि ये मीडिया का मौलिक अधिकार है. ऐसे में मीडिया को खबर प्रकाशित करने और दिखाने दोनों की पूरी आजादी है. हाईकोर्ट मीडिया की स्वतंत्रता को प्रभावित करने का कोई काम नहीं करेगा. और ना ही इस मामले में कोई हस्तक्षेप करेगा.
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आपका क्लाइंट कोई भी हो. वो चाहे सेलिब्रेटी ही क्यों ना हो. मानहानि को लेकर एक निश्चित कानून है. और कोर्ट उसी कानून के तहत काम करता है. इससे पहले, शिल्पा शेट्टी के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में 30 जुलाई को कई मीडिया हाउस के खिलाफ किए गए मानहानि के दावे की सुनवाई हुई.
यहां बता दें कि अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने 29 जुलाई को 29 मीडिया कर्मियों और मीडिया हाउस के खिलाफ पोर्नोग्राफी मामले में ‘झूठी रिपोर्टिंग करने और उनकी छवि खराब करने’ को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
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क्या हुआ हाईकोर्ट में : ऐसे पूरा समझें
हाईकोर्ट ने शिल्पा शेट्टी के वकील से पूछामीडिया अगर पुलिस सूत्रों के हवाले से कोई खबर चला रहा है तो वो गलत कैसे है? आपके क्लाइंट के पति के खिलाफ एक गंभीर केस है. इस केस को मीडिया कवर कर रहा है. भारत में मीडिया को खबर प्रकाशित करने और दिखाने की पूरी आजादी है. आपका क्लाइंट कोई भी हो. मानहानि को लेकर एक निश्चित कानून है. अदालत उसी के तहत काम करती है. हम यह नहीं जानते कि केस में वे दोषी हैं या नहीं हैं. लेकिन पुलिस सूत्रों के आधार पर मीडिया अगर किसी खबर को सामने ला रही है तो वो मानहानि के तहत कैसे आ सकता है.
शिल्पा शेट्टी के वकील :मीडिया में कुछ लोग राज कुंद्रा के अलावा उनके बेटे, मां यानी पूरे परिवार का नाम इस मामले में घसीट रहे हैं.
हाईकोर्ट का जवाबएक व्यक्ति द्वारा ऐसा किए जाने से बाकी लोगों को अपना काम करने से रोका नहीं जा सकता. ऐसे व्यक्तिगत उदाहरण को कोर्ट के सामने लाइए.
शिल्पा शेट्टी के वकील :मीडिया को दूसरा पक्ष यानी शिल्पा के साइड का मत यानी उनका पक्ष जानकर लिखा जाना चाहिए.
हाईकोर्ट का जवाब :ऐसा लिखा जाना अपमानजनक क्यों समझा जाए कि शिल्पा शेट्टी को रोना आया और उनका अपने पति से झगड़ा हुआ?
शिल्पा के वकील :एक रिपोर्ट में शिल्पा के आंसू को ‘मगरमच्छ के आंसू’ कहा गया है. हम मीडिया पर पाबंदी की बात नहीं कर रहे, लेकिन निजी स्तर पर ऐसी टीका-टिप्पणी कहां तक ठीक है?
हाईकोर्ट का जवाब :हां, इस बात में दम है. मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, लेकिन कोर्ट उन्हें बाध्य नहीं कर सकता. मीडिया अपना मानक स्वयं ही तय करे. लेकिन प्रेस की आजादी भी जरूरी है. साथ ही शिल्पा शेट्टी के निजता के अधिकार का सम्मान भी जरूरी है. इसलिए अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी.
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