पत्नी के क़त्ल के लिए पति का बोतल वाला साइनाइड प्लान
Husband murdered wife by injecting cyanide into glucose drip
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ये वारदात गुजरात में अंकलेश्वर जिले के मोताली गांव की है। इस गांव में जिग्नेश पटेल अपनी पत्नी उर्मिला के साथ रहता था। 7 जुलाई को उर्मिली की तबीयत बिगड़ी और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। हालांकि उसका मर्ज ज्यादा गंभीर नहीं था। हल्का पेट दर्द था, डॉक्टरों ने निगरानी में रखने के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया।
उर्मिला को ग्लूकोज की ड्रिप लगाई गई और उसकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा था। अगले दिन डॉक्टर उसे अस्पताल से छुट्टी देने वाले थे। पति जिग्नेश देखभाल के लिए अस्पताल में ही मौजूद थे। अचानक देर रात उर्मिला की तबीयत बिगड़ी, डॉक्टरों ने उसे ठीक करने की काफी कोशिश की लेकिन उसने दम तोड़ दिया।
पति जिग्नेश को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कैसे अचानक उसकी पत्नी की मौत हो गई। उर्मिला की मौत की खबर जब उसके परिवार को लगी तो वो भी अस्पताल पहुंच गए। परिवार वाले जिग्नेश पर उर्मिला के कत्ल का इल्जाम लगा रहे थे। लिहाजा पुलिस को इत्तिला दे दी गई। मौके पर पुलिस पहुंची और उसने तमाम दवाइयों और उर्मिला पर चढ़ाई गई ग्लूकोज की बोतल को अपने कब्जे में ले लिया।
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पुलिस ने उर्मिला की लाश का पोस्टमार्टम कराया और विसरा को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया। पुलिस ने अस्पताल से भी तमाम दवाइयां जब्त की साथ ही ग्लूकोज की एक बोतल भी अपने कब्जे में ले ली। पुलिस ने इन सभी चीजों को भी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा दिया। एक महीने बाद जब फॉरेंसिक की रिपोर्ट आई तो पुलिस हैरान रह गई। उर्मिला को दी गई दवा में तो कोई मिलावट नहीं निकली लेकिन ग्लूकोज की बोतल से पुलिस को साइनाइड के कण मिले।
जब उर्मिला की मौत हुई उस वक्त जिग्नेश उसके साथ था। तफ्तीश में ये भी पता चला कि पति-पत्नी के रिश्ते ठीक नहीं है। अस्पताल के स्टाफ के साथ ही जिग्नेश से भी पूछताछ की गई। पुलिस के आड़ेतेड़े जवाबों के सामने जिग्नेश ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया।
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जिग्नेश ने बताया कि उसकी शादी उर्मिला से सात साल पहले हुई थी। शुरुआती साल तो अच्छे निकले लेकिन बाद में दोनों के बीच अनबन हो गई। हर रोज दोनों के बीच लड़ाई होने लगी। रोज रोज के झगड़े से तंग आकर जिग्नेश ने तय कर लिया कि वो उर्मिला को रास्ते से हटा देगा। बस वो मौके का इंतजार कर रहा था और ये मौका जिग्नेश को तब मिला जब उर्मिला की तबीयत बिगड़ी।
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दरअसल जिग्नेश केमिकल बनाने वाली एक कंपनी यूपीएल में नौकरी करता था। कंपनी में साइनाइड से कम असर वाली गोलियां भी थीं। जिग्नेश की उन गोलियों तक पहुंच भी थी। जिग्नेश ने बहुत पहले साइनाइड की गोली कंपनी से पहले ही चुराकर अपने पास रख ली थी। जब उर्मिला अस्पताल में भर्ती हुई तब जिग्नेश को मौका मिल गया और उसने पहले तो गोली को पीसकर महीन किया फिर उसमें पानी मिलाने के बाद इंजेक्शन की मदद से उस ग्लूकोज की बोतल मे डाल दिया जो उर्मिला को चढ़ाई जा रही थी।
थोड़ी देर तड़पने के बाद उर्मिला का बदन शांत हो गया जिसके बाद जिग्नेश ने डॉक्टरों को उसकी खराब तबीयत के बारे में बताया। जिग्नेश ने प्लानिंग तो बेहतरीन की थी लेकिन उर्मिला के घरवालों के शक ने उसकी पोल खोलकर रख दी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
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