गैंग्स्टर संदीप के शिकार के लिए दिव्या को बनाया था 'चारा', पुलिस के इशारे पर बनी थी 'नकली गर्लफ्रेंड'

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गैंग्स्टर संदीप गाडौली और उसकी गर्लफ्रेंड रही दिव्या पाहुजा
गैंग्स्टर संदीप गाडौली और उसकी गर्लफ्रेंड रही दिव्या पाहुजा
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Fake Girlfriend Divya Pahuja Helped Gurgaon Cops: गुरुग्राम में जिस मॉडल दिव्या पाहुजा की हत्या हुई उसके अतीत को लेकर जो खबरें सामने आईं उसने सभी को बुरी तरह से चौंकाया है। दिव्या के आठ साल पुराने अतीत के बारे में छपी खबरों पर यकीन किया जाए तो दिव्या पाहुजा असल में हरियाणा पुलिस के लिए एक मोहरे की तरह थी। यानी जिस गैंग्स्ट सदीप गाडोली के साथ दिव्या पाहुजा का रिश्ता बताया जा रहा है दरअसल वो उसकी रियल गर्लफ्रेंड नहीं बल्कि पुलिस के मोहरे के तौर पर थी जिसकी आड़ में गुरुग्राम पुलिस ने साल 2016 में हरियाणा के एक लाख इनामी बदमाश संदीप गाडोली का शिकार किया। 

संदीप गाडोली के एनकाउंटर के लिए पुलिस ने दिव्या को बनाया था चारा 

गुड़गांव पुलिस ने किया था फर्जी एनकाउंटर

संदीप गाडोली के एनकाउंटर को लेकर फरवरी 2016 में एक रिपोर्ट मिड डे में छपी थी। और उस रिपोर्ट के हवाले से दावा किया जा रहा था कि गुड़गांव पुलिस ने एक फर्जी एनकाउंटर में संदीप गाडोली को मार गिराया था। और इस एनकाउंटर के लिए ही गुड़गांव पुलिस ने दिव्या का इस्तेमाल एक चारे के तौर पर किया था। मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक गाडोली के उस फर्जी एनकाउंटर के प्लान में दिव्या के साथ पांच पुलिस वाले भी शामिल थे। 

पुलिस ने दिव्या को ऐसे पहुंचाया संदीप तक 

रिपोर्ट का खुलासा कुछ यूं है कि संदीप गाडोली और दिव्या पाहुजा की दोस्ती भी जिस तरीके से सामने आई वो भी बड़ी सनसनीखेज और फिल्मी है। मिड डे के रिपोर्टर की तफ्तीश के मुताबिक शातिर बदमाश संदीप गाडोली को हरियाणा पुलिस काबू में करने को बेताब थी। इसी बीच संदीप गाडोली का एक दोस्त था मनीश, जो एक होटल चलाता था। मनीश ने ही संदीप की मुलाकात दिव्या पाहुजा से करवाई थी। संदीप को मनीश ने ये कहकर दिव्या से मिलवाया था कि वो उसके होटल में ही काम करती है। गैंग्स्टर संदीप पहली ही मुलाकात में दिव्या की खूबसूरती का दीवाना हो गया था। रंगदारी वसूली में माहिर संदीप गाडौली और दिव्या पाहुजा अब एक दूसरे के बेहद नजदीक आ चुके थे। 

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हरियाणा का नामी बदमाश संदीप गाडोली को गुड़गांव पुलिस ने 2016 में मार गिराया था

अक्सर मुंबई में जाकर छुपता था संदीप

संदीप अक्सर पुलिस से बचने के लिए मुंबई और पुणे भाग जाया करता था और वहां कुछ वक्त बिताने के बाद फिर हरियाणा में आकर अपने जुर्म करने लगता था। रिपोर्ट में ही पुलिस के हवाले से ये भी छपा है कि खुद हरियाणा पुलिस के आला अफसर मानते थे कि संदीप को काबू में करना बेहद मुश्किल है। लिहाजा संदीप को निहत्था करने के लिए उन्हें किसी ऐसे चारे की दरकार थी जिसके जरिए वो इस काम को अंजाम दे सकें। 

पूरी प्लानिंग से संदीप को फंसाया

रिपोर्ट इशारा करती है कि इस काम के लिए ही पुलिसवालों ने मनीश को अपने साथ मिलाया और दिव्या पाहुजा की खूबसूरती के जाल में संदीप को फंसाने के लिए पूरी प्लानिंग की और उसी प्लानिंग के तहत दिव्या पाहुजा को संदीप से मिलवाया गया था। ताकि वो अपने प्रेम जाल में संदीप को फंसाकर किसी भी तरह उसे निहत्था कर सके और फिर उसे एनकाउंटर में मार गिराया जा सके। 

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संदीप को निहत्था करने की चाल

खुलासा यही है कि साल 2016 में संदीप जिस समय हरियाणा पुलिस से बचने के लिए मुंबई के अपने ठिकाने पर छुपने के लिए जा रहा था तभी दिव्या ने उसे इस बात के लिए मना लिया था कि वो अपने हथियारों को कहीं और छुपाकर ही वहां जाए। क्योंकि अगर वो हथियारों के साथ पकड़ा गया तो वो लंबा फंस सकता है। 

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राजस्थान में छुपा दिए थे हथियार

कहा जा रहा है कि दिव्या की बातों और उसकी खूबसूरती के चक्कर में फंसकर संदीप गाडौली ये गलती कर बैठा और मुंबई जाने से पहले वो राजस्थान के भिवाड़ी में जाकर अपने हथियारों को छुपाकर आगे बढ़ा। जिस वक्त राजस्थान के भिवाड़ी से वो मुंबई जा रहा था तो उसके साथ दिव्या के अलावा उसका दोस्त मनीश दीपक और दो विदेशी लड़कियां भी थीं। ये सभी मुंबई में मौज मस्ती की गरज से वहां गए थे। संदीप की बहन ने अपनी शिकायत में ये बात साफतौर पर लिखी है कि ये सारी जानकारी उसे अपने भाई कुलदीप से मिली थी जो एनकाउंटर के बाद मनीश से मिला भी था। 

दिव्या पाहुजा ने अपनी खूबसूरती के जाल में पूरी तरह से फंसा लिया था गैंग्स्टर संदीप गाडोली को

दिव्या ने लोकेशन साझा की थी 

रिपोर्ट कहती है कि मुंबई पहुँचकर दिव्या का असली काम शुरू हुआ था। वो मुंबई से लगातार अपनी लोकेशन साझा कर रही थी और फोन के जरिए अपनी मां के संपर्क में बनी हुई थी। ये बात दिव्या के मोबाइल की सीडीआर से सामने आ गई थी। दिव्या की दी गई लोकेशन के जरिए ही गुड़गांव पुलिस ने मुंबई के अंधेरी में छुपकर बैठे संदीप गाडौली को घेरने का प्लान तैयार किया और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट टीम को मुंबई रवाना किया।

एयरपोर्ट मेट्रो होटल का कमरा नंबर 111

मिड डे की रिपोर्ट कहती है कि एनकाउंटर के वक्त संदीप के पास कोई हथियार नहीं था। लेकिन पुलिस ने उसे अंधेरी के उस मकान में घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया था। उस एयरपोर्ट मेट्रो होटल के जिस कमरे में संदीप और दिव्या मौजूद थे उस होटल के कमरे का नंबर भी 111 ही था। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम पुलिस ने होटल को घेरकर संदीप को गोलियों से छलनी कर दिया था। गुरुग्राम पुलिस के एक दारोगा प्रद्युम्न यादव ने संदीप के सीने में तीन गोलियां मारी थीं। 

गुड़गांव पुलिस का झूठ और होटल की सीसीटीवी फुटेज

इस एनकाउंटर के बाद गुड़गांव पुलिस ने दावा किया था कि वो लोग संदीप गाडोली को पकड़ना चाहते थे लेकिन उसने पुलिस की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी थी जिससे जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया। लेकिन जब उस होटल की सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी तो ये एनकाउंटर फर्जी साबित हो गया था क्योंकि एनकाउंटर के वक्त संदीप निहत्था था। हैरानी की बात ये हैकि उस गोलीबारी में संदीप के साथ उसी कमरे में मौजूद दिव्या को एक खरोंच तक नहीं आई थी। 

एनकाउंटर का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन

इस एनकाउंटर के बाद मुंबई पुलिस ने इस एनकाउंटर को फर्जी साबित कर दिया था और दावा किया था कि गुड़गांव पुलिस के जिस दारोगा ने संदीप गाडौली को गोली मारी वो असल में अंडरवर्ल्ड से ही जुड़ा हुआथा और अंडरवर्ल्ड के इशारे पर ही पुलिस ने संदीप की हत्या की। 

एनकाउंटर के बाद पिस्तौल प्लांट की

सीसीटीवी में एक बात और सामने आई थी कि संदीप की हत्या के बाद पुलिस ने उसकी जेब में एक पिस्तौल डाल दिया था। जिसके बारे में गुड़गांव पुलिस का दावा था कि संदीप ने वो पिस्तौल बेंगलुरू के एक व्यापारी से छीनी थी।  जबकि इस मामले में जब संदीप की बहन सामने आई तो उसने दावे से कहा था कि संदीप गाडौली अपनी पूरी जिंदगी में कभी भी बेंगलूरू नहीं गया था। एनकाउंटर के वक्त संदीप पूरी तरह से निहत्था था ये बात मनीश ने भी मुंबई पुलिस को बताई थी। 

गोली मारने वाला दारोगा गिरफ्तार

मिडडे की रिपोर्ट का खुलासा ये है कि दिव्या पाहुजा को संदीप तक पहुँचाने का प्लान उसी दारोगा प्रद्युम्न यादव का ही था जो उसने मनीश के साथ मिलकर तैयार किया था। हालांकि एनकाउंटर के बाद मुंबई पुलिस की जांच में गुरुग्राम पुलिस के उस दारोगा प्रद्युम्न यादव को गिरफ्तार भी किया गया था। 

गुड़गांव के दारोगा प्रद्युम्न यादव को जब गिरफ्तार किया गया था तो उसकी ये तस्वीर मुंबई के मिड डे अखबार में छपी थी

सोते समय मारी गोली

गुड़गांव पुलिस ने संदीप गडौली को मार गिराने के लिए जो ऑपरेशन लांच किया उसे नाम दिया गया था ऑपरेशन खात्मा। और संदीप गडौली की बहन ने हरियाणा पुलिस पर जो इल्जाम लगाया था उसके मुताबिक गडौली को उस वक्त गोली मारी गई जब वो अपने होटल के कमरे में सो रहा था। संदीप गाडोली की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई थी कि संदीप की मौत तीन गोली लगने से हुई। जिसमें एक गोली उसके सीने में लगी थी। संदीप को लगी गोलियों से उसके शरीर के तमाम वाइटल अंग छलनी हो गए थे। 

दिव्या ने किया पुलिस का काम आसान

रिपोर्ट खुलासा करती है कि जो काम हरियाणा पुलिस संदीप के लिए सालों से नहीं कर पाई थी उसे दिव्या पाहुजा ने चंद महीनों के भीतर ही कर दिखाया और संदीप को पूरी तरह से निहत्था करके मौत के घाट उतरवा दिया।  एनकाउंटर के बाद पुलिस ने दिव्या को मौके से पकड़ने के बाद सरकारी गवाह भी बना दिया था लेकिन फिर उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। सात साल जेल में बिताने के बाद दिव्या पिछले साल जून में ही बाहर आई थी। 

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