खेत में मोबाइल पर बात कर रहे डीएम साहब तार में उलझकर गिरे किसान के खिलाफ करा दिया सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा
FIR registered against farmer after district magistrate fell down after entangling in farm wire
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नरसिंगपुर से संवाददाता अनुज ममार की रिपोर्ट
अब सरकारी की नौकरी करोगे तो काम तो करना पड़ेगा । डीएम साहब ये बात जानते भी है और मानते भी हैं लेकिन नौकरी वो अपने हिसाब से ही करेंगे । सरकार कहती है विकास के कामों को हर बड़े शहर से लेकर छोटे गांव तक पहुंचना चाहिए। इसी विकास की गंगा को गांवों तक पहुंचाने के लिए डीएम साहब को भागरीथ के तौर पर चुना गया। ऐसे ही विकास की गंगा को बहाने के लिए नरिसंगपुर के डीएम वेद प्रकाश एक गांव में पहुंचे थे।
गांव का नाम था राम निवारी। दरअसल मूंग दाल की खरीद को लेकर किसानों से चर्चा करने के लिए डीएम साहब राम निवारी गांव पहुंचे थे। गांव के किसान भानू जैन के यहां पर किसानों को बुलाया गया और यहीं पर चर्चा भी की गई। चर्चा चल ही रही थी कि डीएम साहब के मोबाइल पर किसी का फोन आ गया। अब न जाने फोन पर डीएम वेद प्रकाश को ऐसी क्या बात करनी थी जो वो किसानों के बीच बैठकर नहीं कर पाते। लिहाजा वो किसानों से दूर चले गए।
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घूम घूम कर टहल टहल कर डीएम साहब की बातें मोबाइल पर हो रही थी। वो बातों में इतना ज्यादा खो गए कि उन्हें खेत में पड़े तार का भी पता नहीं चला। उनका पैर तार में फंसा और डीएम साहब मुंह के बल जमीन पर जा गिरे। जमीन पर गिरने के बाद डीएम साहब का पारा हाई हो गया। पता किया गया कि ये खेत किस का है जिसमें तार लगाए गए हैं। खेत उसी किसान भानू जैन का था जिनके घर पर डीएम साहब किसानों से चर्चा कर रहे थे। लगे हाथ डीएम साहब ने चर्चा में आए किसानों को भी खूब डांटा और वहां से चलते बने।
डीएम वेद प्रकाश को गिरने से थोड़ी बहुत चोट भी लगी । इसी बात से तिलमिलाए डीएम ने एसडीएम को खेत के मालिक किसान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दे डाले। कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम निधि गोयल ने पुलिस में स्थानीय निवासी भानु जैन के खिलाफ शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी। भानु जैन के खिलाफ धारा 186 एवं 341 के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है ।
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वही जब पीड़ित से क्राइम तक की टीम ने संपर्क करना चाहा तो वह बेहद डरा हुआ था और इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। हां उसने ये जरुर बताया कि फोन पर उसे मुकदमें की जानकारी दी गई थी। इस पूरे मामले में बदले की भावना से किसान के ऊपर मामला दर्ज किया जाना लगता है। जिन किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कलेक्टर वहां गए हुए थे उसी किसान को ही कलेक्टर साहब ने समस्या में फंसा दिया।
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क्या किसान की इसमें कुछ गलती थी कि जानवरों से अपनी फसल बचाने के लिए उसने तार लगाया था। ये बात हर कोई जानता है कि कई राज्यों में आवारा जानवरों से किसान किस तरह त्रस्त हैं । तार उसके घर के सामने लगा था इत्तेफाक से डीएम साहब उसमें फंसकर गिर गए इसमें किसी की गलती नहीं है। पुलिस को भी पूरे मामले की जांच करके मामला दर्ज करना चाहिए था लेकिन जिलाधीश का आदेश पालन करने में सभी नियमो को ताक पर रखकर चमचागिरी चमकाने के लिए एसडीएम सहित पुलिस भी गलती कर बैठी ।
जिलाधीश शासकीय कार्य से ग्राम रामनिवारी गए हुए थे जहां एक तार लगा हुआ था जिससे रास्ता रुका और व्यवधान उत्पन्न हुआ और फंस कर गिरे तो शासकीय कार्य मे बाधा उत्पन्न हुई जिसकी रिपोर्ट एसडीएम गोटेगावँ द्वारा की गई है। जिसे हमने धारा 341 एवं 186 भारतीय विधान के तहत दर्ज की है,भानु जैन के खिलाफ जाँच जारी है ।अखिलेश मिश्रा, थाना प्रभारी, गोटेगांव थाना,नरसिंगपुर
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