FBI की सनसनीख़ेज़ रिपोर्ट के बाद अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लागों में कैसे बना भय का माहौल ?

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FBI की सनसनीख़ेज़ रिपोर्ट के बाद अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लागों में कैसे बना भय का माहौल ?
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अमेरिका, विश्व भर में एक महाशक्ति के रूप में जाना जाता है. अत्याधुनिक चीजें और संवेदनशील लोग. मगर इन सब के ठीक विपरीत हाल में आए कुछ आंकड़े आपको देश और देश के लोगों का मुखौटा उतारते नज़र आ रहें है. आंकडे जो अश्वेत वर्ण के लोगों और ख़ास कर भारतीयों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं.

दरअसल, 21वी सदी के अमेरिका में हाल में जारी एक एफ. बी. आई. (Foreign bureau of Investigation) की रिपोर्ट कई सनसनीख़ेज़ खुलासे कर रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में अमेरिका में हैट क्राइम (Hate crime) मतलब जाति, रंग या नस्ल के आधार पर होने वाले क्राइम की संख्या में एकाएक इज़ाफ़ा हुआ है. पिछले 12 सालों में ये पहली बार है जब अमेरिका में नस्लभेद से होने वाले अपराध इस कदर बढ़ गए हैं. फ़ेडरल एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 7783 अश्वेतों और एशियाई लोगों पर नस्लभेद से संबंधित अपराध हुए हैं. साल 2019 की तुलना में यह आंकडे 6 फ़ीसदी तक ज़्यादा है.

आपको बंता दें कि अमेरिका में भारतीय मूल के क़रीब 42 लाख लोग रहते हैं और ये आंकड़े उनके लिए बेहद चिंताजनक हैं. माना जाता है कि अमेरिका मे हर चौथा डॉक्टर भारतीय है. भारत से विदेश गए लोगों में सबसे ज्यादा लोग अमेरिका रहते हैं.

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बहरहाल, तो आख़िर साल 2020 में ऐसा क्या हुआ जो आंकडों में अचानक इतना इज़ाफ़ा हो गया ?

विशेषज्ञ मानते हैं कि पिछले साल अमेरिका में White Nationalism अर्थात सफेद लोगों का प्रभुत्व बढ़ा है जिस वजह से साल भर हिंसक गतिविधियां देखने को मिली. संभवत व्हाइट नेशनलिजम के बढ़ने का कारण साल 2020 में हुए अमेरिकी चुनाव को माना जा रहा है.

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