कार चोरी का ऐसा था नायाब तरीक़ा, पुलिस भी नहीं रोकती थी चोरों को, कारों की चीर फाड़ में माहिर
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अब पहचान लेंगे कार चोरों को
LATEST CRIME : कार चोरी के इस तरीके की ये खबर पढ़ने के बाद अब कोई भी दिल्ली और NCR में कार चोरों को बड़ी आसानी से देख भी सकता है और अगर चाहे तो उनका पीछा भी कर सकता है। शर्त ये है कि सावधान रहना होगा बस। क्योंकि हम इस खबर में कार चोरों की वो निशानी बताने जा रहे हैं जिसे या तो कार चोर जानते हैं या फिर पुलिस। लेकिन पब्लिक चोरों के इस शातिर तरीक़े से कतई वाकिफ़ नहीं है।
अब कभी भी आपको दिल्ली या उसके आसपास के इलाक़ों की सड़कों पर किसी रिकवरी वैन को किसी कार को घसीटते हुए ले जाते देखों तो ये मानने की भूल न कर बैठे कि वो कार वाकई ख़राब हो गई थी और उसे कार का मालिक वर्कशॉप ले जाने के लिए रिकवरी वैन से उठवाकर ले जा रहा है। मुमकिन है कि कार चोर अपने साथ उस कार को उठाकर ले जा रहे हों।
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75 कार चुराकर डकार गए पैसे
CRIME NEWS IN HINDI: ये शक इसलिए यहां जाहिर किया जा रहा है क्योंकि ग्रेटर नोएडा पुलिस ने जब एक कार चोर गैंग को पकड़ा तो वो दिल्ली NCR की क़रीब 75 कारों को इसी तरह से उठाकर ले गया और उन्हें कटवा दिया।
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आमतौर पर यही सुना जाता था कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाक़ों में कारों की चोरी के बाद उन्हें मेरठ के सोतीगंज बाज़ार में ले जाकर कटवाया जाता था। लेकिन दिल्ली से मेरठ तक पहुँचना कार चोरों के लिए धीरे धीरे मुश्किल होता जा रहा था। रास्ते में पुलिस की चेकिंग का झंझट वो अलग। तब कार चोरों ने जो तरीक़ा निकाला वो इससे भी कहीं ज़्यादा शातिर है।
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कार चोरों की ये थी 'मॉडस ऑपरेंडी'
LATEST CAR THEFT NEWS:बकौल पुलिस होता ये है कि ये गैंग खासतौर हॉन्डा सिटी और सेंट्रो कारों की ही चोरी करता था। कार की चोरी करने के बाद ये गैंग सबसे पहले नोएडा के सेक्टर 122 में एक गैराज में कार ले जाकर खड़ी कर देता था।
और फिर गैराज में रहने वाला आस मोहम्मद नाम का मैकेनिक दिल्ली में रहने वाले हरदीप ओबेरॉय को फोन पर कार के आने की इत्तेला दे देता था। खबर मिलते ही हरदीप अपने एक दोस्त संजय को इसके बारे में बताता। क्योंकि संजय का काम होता था कार की फर्जी RC तैयार करना।
असल में उस फ़र्जी RC में कार को 15 साल पुराना दिखा दिया जाता है। इसके अलावा कार की नंबर प्लेट भी बदल देते थे। इस पूरे काम में कम से कम तीन दिन तो लग ही जाते थे। नई नंबर प्लेट और नई RC के साथ उस कार को नोएडा पहुँचा दिया जाता था।
CNG कार कार चोरों की पहली पसंद
CAR THEFT IN NCR: फिर उस कार को रिकवरी वैन के हुक में लटकाकर दिल्ली के नजफगढ़ के एक गोदाम तक पहुँचा दिया जाता। और फिर शुरू होता है कार की चीर फाड़कर उसके एक एक पुर्जे को अलग अलग करने का काम। और कार के वो तमाम पुर्जे लोकल मार्केट में बेच दिए जाते थे।
पुलिस ने जब इस गिरोह को पकड़ा तो उसे ये जानकर बड़ी हैरानी हुई कि CNG किट वाली कारों की कार चोरों में बड़ी डिमांड है। क्योंकि उसके पैसे इन्हें ज़्यादा मिलते हैं। आमतौर पर कोई कार कटवाने पर 25 हज़ार रुपये ही मिलते हैं। लेकिन अगर कारमें CNG किट लगी हो तो उसके लिए उन्हें एक्स्ट्रा पेमेंट होता है। यानी ऊपर की मलाई है CNG।
चोरी के बाद होती थी चीर फाड़
SMART CAR THIEF: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने जब इस कार चोर गैंग का पता लगाया तब तक ये गैंग 75 कारों को चीर फाड़कर पुर्जा पुर्जा बाज़ार में बेच कर उसके पैसे डकार भी चुका था। पुलिस की पूछताछ में ये भी पता चला है कि ग्रेटर नोएडा के बीटा -2 सूरजपुर, बिसरख, सेक्टर 49 सेक्टर 58 दादरी ऐसी जगहों से जो भी कारें चोरी होती थी उसे चुराने वाला यही गैंग था।
अब पुलिस को इस गैंग का पता तो चल ही गया है। गैंग के तीन लोग पकड़े भी जा चुके हैं। लेकिन अभी भी इनके फैले हुए तार के सिरे तक पहुँचने के लिए पुलिस जुगत लगा रही है।
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