Delhi Nikki Murder : श्मशान घाट लाकर जिंदा निक्की को मुर्दा बनाने और फिर शादी रचाने की साहिल की पूरी कहानी

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Delhi Nikki Murder : श्मशान घाट लाकर जिंदा निक्की को मुर्दा बनाने और फिर शादी रचाने की साहिल की पूर...
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दिल्ली से हिमांशु मिश्रा के साथ अरविंद ओझा की रिपोर्ट
Delhi Nikki murder mystery : दिल्ली में निक्की के कत्ल की कहानी. मौत से पहले ही श्मशान घाट पर ले जाना और फिर उसे मौत की नींद सुला देना. ये असली कहानी है कि निक्की के मर्डर की. जिसे अंजाम दिया उसके प्रेमी साहिल गहलोत ने. आखिर कैसे दिल्ली के श्मशान घाट में एक जिंदा लड़की को लाश बनाया गया और फिर वहां पर दफनाने की जगह कई किमी दूर फ्रिज की सुनी दीवारों में उसे दफना दिया गया. जानते हैं पूरी कहानी...

दिल्ली का निगम बोझ घाट 

दिल्ली के श्मशान घाट में जिंदा को लाया फिर किया कत्ल

ये दिल्ली का निगमबोध घाट है। यानी दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान। औसतन हर रोज यहां 70 से 80 अंतिम संस्कार होता है। जाहिर है हरेक अंतिम संस्कार के लिए दर्जनों लोग यहां आते हैं। इसी निगमबोध घाट की ये कार पार्किंग है। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बहुत सी महिलाएं भी निगमबोध घाट आती हैं। लेकिन वो चिता तक जाने की बजाय इन्हीं पार्किंग में अपनी गाडियों में इंतजार करती रहती हैं। जाहिर है ये एक श्मशान है, तो यहां मुर्दे ही लाए जाएंगे। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि इसी श्मशान के अंदर कोई किसी का कत्ल कर दे। अमूमन ऐसा होता तो नहीं है, लेकिन दिल दहला देनेवाला सच यही है कि साहिल गहलोत ने निक्की यादव का कत्ल इसी निगमबोध घाट श्मशान की इसी पार्किंग में किया था।

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जी हां, निक्की यादव का कत्ल कहीं और नहीं, बल्कि दिल्ली के इस सबसे बडे श्मशान घाट के अंदर हुआ था। और इस बात खुलासा किसी और ने नहीं खुद साहिल गहलोत ने किया है। इतना ही नहीं, श्मशान घाट के अंदर पार्किंग में साहिल की वो सफेद हुंडई वेरना कार भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी। वो फुटेज अब दिल्ली पुलिस के पास है। दरअसल साहिल की इस कहानी के बाद कि उसने निक्की का कत्ल 10 फरवरी की सुबह नौ बजे कश्मीरी गेट इलाके में किया था, तभी से पुलिस ये पता लगाने में जुटी थी कि आखिर दिन के उजाले में बीच सड़क पर साहिल ने निक्की का कत्ल कैसे किया? इसी के बाद 15 और 16 फरवरी को साहिल को लेकर पुलिस ने हर उस जगह की रेकी की, जहां-जहां वो उस रात और सुबह गया था। इसी रेकी के दौरान साहिल ने पहली बार खुलासा किया कि उसने निक्की का गला निगमबोध घाट की पार्किंग में दबाया था।

Delhi Nikki Yadav Murder Mystery Story

CCTV फुटेज से सामने आई असली कत्ल की कहानी

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साहिल के बयान और निगम बोध घाट की सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस के सामने निक्की के कत्ल पूरी कहानी सामने आ चुकी थी। साहिल सुबह 8 बजकर 57 मिनट पर निगमबोध घाट की मेन गेट से अंदर पहुंचा। अंदर जाने के बाद उसने बाईं तरफ की पार्किंग में अपनी हुंडई वेरना कार पार्क कर दी। निक्की यादव डाइवर के बराबर वाली सीट पर बैठी थी। कार के चारों शीशे टिंटेड ब्लैक थे। यानी कार के अंदर की चीजें बाहर से नहीं देखी जा सकती थी। इसी पार्किंग के अंदर साहिल और निक्की का फिर से झगडा हुआ। 
इसके बाद इसी पार्किंग में साहिल ने डेटा केबल से निक्की का गला दबा दिया। निक्की की मौत के बाद करीब साढे नौ बजे कार निगमबोध घाट से बाहर निकल गई। यानी साहिल निगम बोध घाट के अंदर करीब 33 मिनट तक रहा। और इसी 33 मिनट में निक्की का कत्ल हो गया।

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10 फरवरी की उस सुबह निगम बोध घाट के दो सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी पर थे। उन्होंने साहिल की कार देखी भी थी। लेकिन उन्हें कोई शक नहीं हुआ। वजह ये थी कि एक तो कार का शीशा काला था और दूसरा सिक्योरिटी गार्ड को ये पता होता है कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ज्यादातर महिलाएं जो श्मशान आती हैं, वो कार में ही बैठी रहती हैं। इसके अलावा नौ बजे के बाद श्मशान में भीड़ भी बढ़ जाती है। इनमं से एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया है कि उसने दस फरवरी की सुबह नौ बजे एक सफेद हुंडई वेरना कार इसी पार्किंग में देखी थी। कार की अगली सीट पर डाइवर के बराबर में एक महिला बैठी थी। इससे ज्यादा वो कुछ नहीं देख पाया। क्योंकि कार का शीशा काला था।

निगम बोध घाट में कुल 44 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। लेकिन इतेफाक देखिए कि जिस जगह पार्किंग में साहिल ने अपनी कार पार्क की थी, उस जगह को एक भी कैमरा कवर नहीं करता था। इसीलिए पुलिस को सिर्फ उन कैमरों में साहिल की कार कैद मिली, जिसमें वो श्मशान में आते और जाते दिख रहा है। दिल्ली पुलिस अब तक दो बार निगम बोध घाट के चक्कर लगा चुकी है। कैमरे के फुटेज और हार्ड डिस्क भी जांच के लिए वो अपने साथ ले गई है। साथ ही दोनों सिक्योरिटी गार्ड के बयान भी दर्ज कर चुकी है।

निगमबोध घाट से सुबह 9:30 बजे निकला था साहिल


जांच में शामिल एक पुलिस अफसर के मुताबिक साहिल ने पूछताछ में बताया कि वो निगम बोध घाट से सुबह साढे नौ बजे निकला था। सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरें भी उसके इस बयान की तस्दीक करते हैं। निगमबोध घाट से निकल कर उसने करीब चवालीस किलोमीटर तक अपनी कार चलाई। इसके बाद सुबह 11 बजे के बाद वो मित्राऊ गांव में मौजूद अपने ढाबे पहुंचा। निगमबोध घाट से मित्राऊ गांव तक के रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने उन कैमरों के फुटेज भी हासिल कर लिए हैं। इन कैमरों में भी साहिल की सफेद हुंडई वैरना कार उन रास्तों पर जाती नजर आ रही है। यानी साहिल का बयान सच है।

एक लाश को एक कार की अगली सीट पर सीट बेल्ट से बांध कर साहिल 44 किलोमीटर का सफर तय करता है। साहिल की कार के शीशे काले हैं यानी टिंटेड ग्लास हैं। जो कि टैफिक नियम के खिलाफ है और जिसके लिए बाकायदा चालान कटते हैं। अब यहां सवाल ये है कि साहिल काले शीशे वाली कार के साथ चवालीस किलोमीटर तक दिल्ली की सडकों पर घूमता है मगर एक भी रेड लाइट, नाके या बैरिकेड के इर्द गिर्द एक भी पुलिसवाला उसे नहीं रोकता। अगर टिंटेड ग्लास की वजह से उसकी कार रोक ली जाती, तो दस फरवरी की सुबह ही निक्की यादव के कत्ल का राज खुल चुका होता। लगभग ऐसी ही गलती करीब दो महीने पहले दिल्ली पुलिस ने तब दोहराई थी, जब अंजलि नाम की एक लडकी को लगभग 14 किलोमीटर तक एक कार के नीचे कार सवार घसीटते रहे थे। और एक भी पुलिसवालों को ये दिखाई नहीं दिया।

कातिल साहिल की शादी की फोटो

कत्ल के बाद घर पहुंचा, कपड़े बदले फिर शादी की

Delhi Murder Story : घर पहुंचने के बाद वो कपडे बदलता है। फिर शादी से पहले की तमाम रस्मों में हिस्सा लेता है। अब तक शाम हो चुकी थी। अब बारात निकलने का वक्त करीब आता जा रहा था। साहिल की बारात मित्राऊ गांव से मंडोथी गांव जानी थी। रात करीब 9 बजे बारात अपनी मंजिल पर पहुंच चुकी थी। तमाम दोस्त रिश्तेदार पडोसी शादी में शामिल थे। शादी के बाद रात करीब एक बजे वो अपनी नई नवेली दुल्हन को लेकर अपने घर मित्राऊ गांव पहुंचता है। घरवालों के साथ-साथ सभी मेहमान तब तक थक चुके थे। साहिल उनके सोने का इंतजार करता है। इसके बाद तडके करीब साढे तीन बजे जब सब सो जाते हैं, तब वो चुपचाप अपनी टाटा नेक्सन कार में बैठ कर घर से सात सौ मीटर की दूरी पर उसी ढाबे में पहुंच जाता है, जहां दूसरी कार में उसने निक्की की लाश छुपा रखी थी।


रात के अंधेरे में अब वो कार की डिग्गी से निक्की की लाश निकालता है और उसे ढाबे के अंदर एक कमरे में ले जाता है। कमरे में नीले रंग का एक फ्रिज पडा था। वो फ्रिज से तमाम टरे बाहर निकाल देता है। फिर उसी फ्रिज में निक्की की लाश ठूंस कर फ्रिज के दरवाजे का मुंह दीवार की तरफ कर देता है। ताकि दरवाजा खुलने पर लाश बाहर ना आ जाए। निक्की के दोनों बैग को भी वो फ्रिज के पास ही रख देता है। मगर उसका फोन अपने पास रख लेता है। फोन रखने से पहले वो फोन से खुद के सारे चैट और कॉल डिटेल डिलीट कर देता है। इसके बाद वो चुपचाप फिर से घर लौट आता है।

साहिल 11 और 12 फरवरी को दो बार फिर खाओ पिओ ढाबा जाता है। सिर्फ ये देखने कि फ्रिज में लाश अपनी जगह रखी हुई है। उसका इरादा ये था कि जैसे ही मौका मिले, वो लाश को फ्रिज से निकाल कर उस बडे बैग में ढूंस दे, जो निक्की घर से लेकर आई थी। फिर बैग ले जाकर किसी नदी में फेंक आए। मगर इतेफाक से लाश ठिकाने लगाने का उसे मौका ही नहीं मिल रहा था। क्योंकि घर में शादी का माहौल था और तमाम मेहमान हर वक्त साहिल को घेरे रहते थे। फिर इससे पहले कि साहिल ढाबे से लाश को निकाल पाता, खुद उसका राज खुल गया। और इस तरह लाश ठिकाने लगाने से पहले ही वो पकडा गया। अब यहां तक कि कहानी तो खुद साहिल ने सुनाई। लेकिन साहिल के राज के खुलने की कहानी कैसे सामने आई, इसके दो पहलू हैं। एक पहलू दिल्ली पुलिस का है और दूसरा खुद निक्की के पिता का। तो पहले दिल्ली पुलिस की कहानी।

ऐसे पकड़ा गया था साहिल

How Nikki Murder Sahil Arrested : 13 फरवरी रात करीब दस बजे राजौरी गार्डन क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेकटर सतीश कुमार को एक मुखबिर ने फोन किया। वो मुखबिर साहिल और निक्की के रिश्तों को जानता था। उसे ये बात बडी अजीब लगी कि साहिल की शादी कहीं और हो गई। और उससे भी अजीब ये कि पिछले कुछ दिनों से उसे निक्की दिखाई नहीं दी। पुलिस का ये मुखबिर एक भरोसेमंद मुखबिर था। लिहाजा क्राइम ब्रांच के मुलाजिम ने ये खबर फौरन अपने अफसरों को दी। इसी के बाद पुलिस की टीम साहिल के घर पहुंची। मगर साहिल घर पर नहीं था। थोडी देर बाद उसका लोकेशन पता चल गया और 14 फरवरी की सुबह करीब 9 बजे पुलिस ने साहिल को हिरासत में ले लिया। इसके बाद जब उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सारा सच उगल दिया। इसी के बाद वो पुलिस को लेकर ढाबे पहुंचा। पुलिस ने साहिल की मौजूदगी में ही ढाबे के अंदर मौजूद नीले रंग के 165 लीटर के फ्रिज का दरवाजा खोला। निक्की की लाश उनके सामने थी।

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