Nikki Case : निक्की मर्डर में बड़ा खुलासा, परिवार ने कहा था 'पहले कत्ल फिर शादी'!
Delhi Nikki Murder Mystery full Story : दिल्ली में निक्की मर्डर (Nikki Murder) में बड़ा खुलासा. असल में साहिल (Sahil) के परिवार ने ही निक्की के कत्ल की कर ली थी तैयारी.
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Delhi Nikki Murder Mystery : दिल्ली में निक्की मर्डर (Nikki Murder) में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा. असल में साहिल (Sahil) के परिवार ने पहले ही तय कर लिया था कि अब हमें निक्की का क़त्ल करना है. घरवालों ने ही साहिल को दी थी निक्की से पीछा छुड़ाने की चेतावनी. लेकिन खुद साहिल अपनी पहली पत्नी निक्की का सामना नहीं कर पा रहा था. क़त्ल के दिन साहिल कब और क्या कर रहा है. इस बारे में साहिल के पिता को पूरी थी जानकारी. यहां तक की निक्की की हत्या के बाद उसकी लाश को कैसे ठिकाने लगाना है, इस बारे में भी साहिल के पिता ने ही जानकारी दी थी. भाइयों को नए कपड़ों के साथ साहिल को लेने के लिए भेजा गया था ताकि कत्ल के बाद कोई निशान ना रह जाए. कोई सबूत नहीं मिल जाए. कहा जा रहा है कि साहिल की मां और बहन को भी थी निक्की के क़त्ल की जानकारी थी. जानते हैं निक्की मर्डर की पूरी कहानी परत दर परत...
निक्की का कत्ल अचानक गुस्से में नहीं, बल्कि पूरी साजिश थी
Delhi Nikki Murder Story : निक्की के कत्ल की वारदात को साहिल ने अचानक रातों-रात गुस्से में अंजाम नहीं दिया, बल्कि इसकी जमीन उसी रोज़ तैयार हो गई थी, जिस रोज साहिल ने अपने घरवालों के सामने निक्की से शादी कर लेने का खुलासा किया था। पुलिस की पूछताछ में ये साफ हुआ है कि चूंकि निक्की का संबंध दूसरी जाति से था, साहिल के परिवार को ये जानकारी होने के बावजूद कि उनके बेटे ने निक्की से शादी कर ली है, उन्होंने साहिल से किसी भी सूरत में निक्की से संबंध तोड लेने का दबाव बनाया और उसकी दूसरी जगह शादी तय कर ली। साहिल भी अपने घरवालों के दबाव में निक्की से पीछा छुडाना चाहता था। लेकिन ना तो उसमें निक्की का सामना करने की हिम्मत थी और ना ही वो अपने पिता को मना कर सकता था। इसलिए निक्की से रिश्ता तोड़ लेने की बात साहिल की शादी तक खिंच गई।
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साहिल चुपके से नए रिश्ते में आगे बढ़ रहा था। लेकिन जैसे ही उनके एक कॉमन फेंड ने निक्की को साहिल के सगाई की तस्वीरें भेजी और निक्की ने साहिल को उसके शादी के मंडप में आकर ही सारा राज़ खोल देने की धमकी दी, साहिल घबरा गया। अब उसने एक बार फिर अपने पिता वीरेंद्र गहलोत से बात की और तब खुद वीरेंद्र ने अपने बेटे साहिल से निक्की को निपटा देने की बात कही। तय तो ये था कि साहिल निक्की को चलती कार से नीचे फेंक कर उसकी मौत को एक्सीडेंट का रूप देने की कोशिश करेगा। लेेकिन ऐसा मौक़ा नहीं मिलने की वजह से आखिरकार साहिल ने निगम बोध घाट की पार्किंग में निक्की की जान ली।
अपने पिता के कहे मुताबिक निक्की का कत्ल करने के फौरन बाद साहिल ने अपने कजन नवीन को पहला फोन किया। वो नवीन जो खुद दिल्ली पुलिस में है। उसने निक्की को मार डालने की जानकारी नवीन को दी और तब नवीन ने इसके बारे में साहिल के पिता वीरेंद्र को और उसके बाकी दोस्तों और भाइयों को खबर दी। चूंकि कुछ ही घंटों के बाद साहिल की शादी होनेवाली थी, इसलिए सबने मिल कर निक्की की लाश को साहिल के ढाबे में ही छुपाने का फैसला किया और ये भी तय किया कि एक बार शादी हो जाए, उसके बाद वो किसी ना किसी तरीके से निक्की की लाश को भी ठिकाने लगा देंगे।
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कत्ल के बाद अकेला नहीं था साहिल, ये लोग भी शामिल थे
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Delhi Nikki Sahil Marriage Story :कुछ इसी प्लानिंग के तहत निक्की की लाश लेकर घर की तरफ चले साहिल को रिसीव करने उसके कज़न और दोस्त मित्राऊ गांव से दिल्ली की तरफ़ बढे। नवीन, आशीष, अमर और लोकेश एक कार में थे। और तो और नवीन ने साहिल के लिए नए कपड़े भी साथ ही रख लिए थे, ताकि वो लाश को निपटाने के फौरन बाद नए कपड़ों में तैयार हो कर अपने घर में हाजिर हो जाए, जहां पहले से ही उसकी शादी की तैयारी चल रही थी। मेहमानों की भीड़ लगी थी।
तय प्लान के मुताबिक जैसे ही साहिल पश्चिम विहार तक पहुंचा, इन चारों ने उसे रिसीव किया और फिर चारों साहिल की गाड़ी के साथ-साथ अपनी गाड़ी में मित्राऊ गांव के उसके ढाबे के लिए वापस चल पडे। ढाबे में पहुंचने के बाद साहिल ने फ्रिज में निक्की की लाश रखी और उसके दो बैग्स भी उसने ढाबे में ही छुपा दिए और फिर हाथ-मुंह धोकर अपने कजन के लाए नए कपडे पहन कर वो शादी करने अपने घर पहुंच गया। घर पहुंच कर पांचों ने एक बार फिर साहिल के पिता वीरेंद्र को निक्की के कत्ल से लेकर लाश छुपाने तक की एक-एक जानकारी दी। इस पर वीरेंद्र ने साहिल से कहा कि एक बार वो शादी कर ले, फिर लाश कैसे निपटानी है, ये बाद में देखा जाएगा।
उधर, इस मामले की तफ्तीश में अब पुलिस को निक्की के कत्ल की साजिश को लेकर एक और नई बात पता चली है। सूत्रों के मुताबिक निक्की के कत्ल की जानकारी साहिल के पिता और भाइयों के साथ-साथ साहिल की मां और बहन को भी थी और उन्होंने भी दूसरे घरवालों की तरह इस राज़ को सबसे छुपाए रखा। साहिल के बयान और निगम बोध घाट की सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस के सामने निक्की के कत्ल पूरी कहानी सामने आ चुकी थी। साहिल सुबह 8 बजकर 57 मिनट पर निगमबोध घाट की मेन गेट से अंदर पहुंचा। अंदर जाने के बाद उसने बाईं तरफ की पार्किंग में अपनी हुंडई वेरना कार पार्क कर दी। निक्की यादव डाइवर के बराबर वाली सीट पर बैठी थी। कार के चारों शीशे टिंटेड ब्लैक थे। यानी कार के अंदर की चीजें बाहर से नहीं देखी जा सकती थी।
इसी पार्किंग के अंदर साहिल और निक्की का फिर से झगडा हुआ। इसके बाद इसी पार्किंग में साहिल ने डेटा केबल से निक्की का गला दबा दिया। निक्की की मौत के बाद करीब साढे नौ बजे कार निगमबोध घाट से बाहर निकल गई। यानी साहिल निगम बोध घाट के अंदर करीब 33 मिनट तक रहा। और इसी 33 मिनट में निक्की का कत्ल हो गया।
10 फरवरी की उस सुबह निगम बोध घाट के दो सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी पर थे। उन्होंने साहिल की कार देखी भी थी। लेकिन उन्हें कोई शक नहीं हुआ। वजह ये थी कि एक तो कार का शीशा काला था और दूसरा सिक्योरिटी गार्ड को ये पता होता है कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ज्यादातर महिलाएं जो श्मशान आती हैं, वो कार में ही बैठी रहती हैं। इसके अलावा नौ बजे के बाद श्मशान में भीड़ भी बढ़ जाती है। इनमं से एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया है कि उसने दस फरवरी की सुबह नौ बजे एक सफेद हुंडई वेरना कार इसी पार्किंग में देखी थी। कार की अगली सीट पर डाइवर के बराबर में एक महिला बैठी थी। इससे ज्यादा वो कुछ नहीं देख पाया। क्योंकि कार का शीशा काला था।
निगम बोध घाट में 44 कैमरे फिर भी बच गया था कातिल
निगम बोध घाट में कुल 44 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। लेकिन इतेफाक देखिए कि जिस जगह पार्किंग में साहिल ने अपनी कार पार्क की थी, उस जगह को एक भी कैमरा कवर नहीं करता था। इसीलिए पुलिस को सिर्फ उन कैमरों में साहिल की कार कैद मिली, जिसमें वो श्मशान में आते और जाते दिख रहा है। दिल्ली पुलिस अब तक दो बार निगम बोध घाट के चक्कर लगा चुकी है। कैमरे के फुटेज और हार्ड डिस्क भी जांच के लिए वो अपने साथ ले गई है। साथ ही दोनों सिक्योरिटी गार्ड के बयान भी दर्ज कर चुकी है।
जांच में शामिल एक पुलिस अफसर के मुताबिक साहिल ने पूछताछ में बताया कि वो निगम बोध घाट से सुबह साढे नौ बजे निकला था। सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरें भी उसके इस बयान की तस्दीक करते हैं। निगमबोध घाट से निकल कर उसने करीब चवालीस किलोमीटर तक अपनी कार चलाई। इसके बाद सुबह 11 बजे के बाद वो मित्राऊ गांव में मौजूद अपने ढाबे पहुंचा। निगमबोध घाट से मित्राऊ गांव तक के रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने उन कैमरों के फुटेज भी हासिल कर लिए हैं। इन कैमरों में भी साहिल की सफेद हुंडई वैरना कार उन रास्तों पर जाती नजर आ रही है। यानी साहिल का बयान सच है।
एक लाश को एक कार की अगली सीट पर सीट बेल्ट से बांध कर साहिल चवालीस किलोमीटर का सफर तय करता है। साहिल की कार के शीशे काले हैं यानी टिंडेट ग्लास हैं। जो कि टैफिक नियम के खिलाफ है और जिसके लिए बाकायदा चालान कटते हैं। अब यहां सवाल ये है कि साहिल काले शीशे वाली कार के साथ चवालीस किलोमीटर तक दिल्ली की सडकों पर घूमता है मगर एक भी रेड लाइट, नाके या बैरिकेड के इर्द गिर्द एक भी पुलिसवाला उसे नहीं रोकता। अगर टिंटेड ग्लास की वजह से उसकी कार रोक ली जाती, तो दस फरवरी की सुबह ही निक्की यादव के कत्ल का राज खुल चुका होता। लगभग ऐसी ही गलती करीब दो महीने पहले दिल्ली पुलिस ने तब दोहराई थी, जब अंजलि नाम की एक लडकी को लगभग 14 किलोमीटर तक एक कार के नीचे कार सवार घसीटते रहे थे। और एक भी पुलिसवालों को ये दिखाई नहीं दिया।
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