दिल्ली का ये असिस्टेंट प्रोफेसर खुद को दिल्ली का LG बता बहन की नौकरी लगवाई और अपनी छुट्टी अप्रूव कराई, अब गिरफ्तार
assistant professor rohit singh arrested: दिल्ली के गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (GGSIP) का सहायक प्रोफेसर रोहित सिंह अरेस्ट. जानिए क्या है पूरा मामला, कैसे LG का नाम लेकर किया था फर्जी फोन.
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Delhi News : दिल्ली पुलिस ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (GGSIP) के सहायक प्रोफेसर रोहित सिंह (Assistant Professor Rohit Singh GGSIP) को गिरफ्तार किया है. इस असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपनी बहन की नौकरी के लिए और खुद की छुट्टी अप्रूव कराने के लिए दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के नाम पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को फोन किया था. इस शख्स की गिरफ्तारी 15 मई को UK से फ्लाइट से दिल्ली पहुंचते ही आईजीआई एयरपोर्ट पर कर ली गई. दिल्ली पुलिस का दावा है कि शुरुआत पूछताछ के बाद आरोपी रोहित सिंह ने स्वीकार किया कि उसने आईपी विश्वविद्यालय के कुलपति को फोन किया था. असल में उसने दो बार खुद को दिल्ली का एलजी बताकर फोन किया था.
इसी फोन के जरिए उसने पहली बार में अपनी छुट्टी मंजूर करा ली थी. इसके बाद दूसरी बार 30 सितंबर 2022 को, उन्होंने अपनी बहन को जीजीएसआईपीयू के अंग्रेजी विभाग में फैकल्टी के रूप में चयनित करने के लिए भी फोन किया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की थी. इसमें दावा किया गया था कि यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. महेश वर्मा को 30 सितंबर 2022 को उपराज्यपाल के रूप में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर सिफारिश की गई थी. ये सिफारिश अंग्रेजी विभाग में एक विशेष उम्मीदवार की नियुक्ति के लिए कहा गया था.
UK से लौटते ही रोहित सिंह को किया था गिरफ्तार
GGSIP university assistant professor rohit singh Arrested : दिल्ली पुलिस ने बताया कि यूके से लौटते ही रोहित सिंह इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से अरेस्ट कर लिया गया. इसके बाद कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के बाद उसे पुलिस को रिमांड मिल गई. अब पुलिस ने पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उसे जुडिशियल कस्टडी में भेज दिया है.
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उप राज्यपाल ने जताई थी कड़ी आपत्ति
assistant professor rohit singh Arrested : असल में इस पूरे मामले में जब उपराज्यपाल को जानकारी मिली थी कि उनके नाम से फोन कर किसी की नौकरी से लेकर छुट्टी तक के लिए सिफारिश की गई है, तो बेहद नाराज हुए थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि ऐसी किसी सिफारिश या किसी को फायदा पहुंचाने के लिए वो कतई कभी किसी को फोन नहीं कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने एलजी ऑफिस में सभी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वहां के लैंडलाइन फोन नंबर से किसी को इस तरह से कॉल करके फायदा तो नहीं लिया जा रहा है. इसके बाद जांच में ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली तब पुलिस को सूचना दी गई. जिसके बाद जांच करने पर ये पूरा मामला सामने आया.
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