Crime Story: तीन दोस्त, नशे का कार-ओ-बार, रात 2 बजे बीच नदी में खड़े कातिल की खौफ़नाक कहानी
Murder Investigation: यह तीन दोस्त, नशे की डोज़, लाँग ड्राइव में कार-ओ-बार, रात के दो बजे यमुना नदी के बीच में खड़े कातिल की खौफनाक कहानी है।
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Delhi Crime News: रात के दो बज रहे थे। राजधानी दिल्ली नींद की आगोश में थी। लेकिन रात के इस सन्नाटे में एक शख्स यमुना नदी के बीच में खड़ा था। हैरानी की बात ये कि ये नौजवान गर्दन तक पानी में डूबा खड़ा था। पानी में खड़ा शख्स जोर जोर से इस तरह बचाओ बचाओ चिल्ला रहा था मानों किसी से मदद मांग रहा हो।
आनन फानन में शोर सुनकर यमुना पुश्ते पर रहने वाले कुछ लोग मदद के लिए पहुंचते हैं और युवक को नदी से बाहर निकाल लिया जाता है। इस युवक का नाम कार्तिक है। कार्तिक दिल्ली के दल्लूपुरा का रहने वाला है। कार्तिक मदद करने वाले लोगों को बताता है कि वो नशे की हालत में था और कार समेत नदी में गिर गया था। जानकारी के बाद लोगों की मदद से कार्तिक की कार भी नदी से निकाल ली जाती है।
ये घटना 23 नवंबर की है और ठीक इसी दिन दिल्ली के दल्लूपुरा से ओम डेढ़ा नाम का युवक लापता हो गया था। अभी पुलिस ओम की तलाश कर ही रही थी कि पता चला ओम को गायब होने के पहले कार्तिक के साथ देखा गया था। पुलिस ने कार्तिक से पूछताछ की तो उसने पुलिस को बताया कि रात में वो ओम से मिला था लेकिन रात में ही घर के पास रवि और ओम को ड्रॉप कर दिया था।
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इसी दौरान जब पुलिस ने रवि से पूछताछ की तो रवि ने पुलिस अफसरों को बताया कि वो कार्तिक से तीन महीनों से मिला ही नहीं है। रवि का यही बयान पुलिस के लिए शक की वदह बना और पुलिस ने वारदात की रात के सीसीटीवी खंगालने शुरु कर दिए। जांच के दौरा पुलिस को मयूर विहार के क्राउन प्लाजा होटल के पास लगे सीसीटीवी में रवि नजर आ गया। आधी रात के बाद रवि अकेला तेजी से चला जा रहा था।
इधर पुलिस कार्तिक से पूछताछ कर रही थी तभी रवि ने अपना फोन बंद कर लिया और फरार हो गया। इधर ओम को गायब हुए 4 दिन गुजर चुके थे। ओम के परिजन लगातार पुलिस पर ओम को तलाशने का दबाव बना रहे थे। शक के आधार पर दिल्ली पुलिस की टीमों ने 28 नवंबर को गोताखोरों की मदद से यमुना में सर्च ऑपरेशन चलाया।
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काफी मशक्त के बाद पुलिस को सड़ी गली हालत में एक शव बरामद हुआ। लाश के कपड़ों की तलाशी ली गई तो जेब से मोबाइल फोन, आई कार्ड और बाइक की चाभी मिली। इन सभी चीजों की बिनह पर परिजनों ने शव की पहचान की तो पता चला कि ये शव ओम डेढ़ा का ही था।
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ओम की हत्या के पीछे जो कहानी सामने आई वो बेहद चौंकाने वाली है। दरअसल ओम नोएडा की एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। ओम के ताऊ सुंदर का घर आस पास ही है। जहां ताऊ अपने बेटे रवि और परिवार के बाकी लोगों के साथ रहते हैं।
हाल ही में ओम ने अपने घर के सामने एक स्लैप बनवाया था जिससे गाड़ियों को घर के अंदर ले जाया जा सके। इस स्लैप के बनने से ताऊ के घरवालों को आने जाने में बेहद परेशानी होती थी। दोनों परिवारों में अक्सर पार्किंग को लेकर झगड़े हुआ करते थे। यही वजह है कि रवि ने अपने चचेरे भाई ओम की हत्या की साजिश रची।
साजिश में रवि ने कार्तिक को शामिल किया और 23 की शाम कार्तिक ओम की बाइक से धर्मसिला पार्किंग पहुंचा जहां कार्तिक की कार खड़ी थी। कार में दोनों लोगों ने घूमते हुए शराब पी। इसी दौरान देर रात कार्तिक ने रवि को भी बुला लिया। ओम पर नशा हावी हो चुका था और मौका देखते ही दोनों ने कार यमुना खादर के पास रोक दी और ओम को पहले पीटा और फिर उसका गला दबा दिया।
हत्या के बाद रवि वहां से अकेला निकल गया। जबकि कार्तिक ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए कार यमुना में उतार दी। ओम की लाश को ठिकाने लगाने के बाद ही नदी के बीच में मेट्रो कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले लेबर ने समझा कि युवक डूब रहा है। पुलिस अफसरों के मुताबिक आरोपी कार्तिक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि केस का मुख्य आरोपी रवि अभी भी फरार है। गौरतलब है कि हाल में ही ओम डेढ़ा का रोका हुआ था और उसकी शादी होने वाली थी।
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