देश की सबसे बड़ी आइटम डांसर की मौत का 'डर्टी' सच

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देश की सबसे बड़ी आइटम डांसर की मौत का 'डर्टी' सच
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करीब 3 दशक होने को हैं लेकिन सिल्क स्मिता की मौत की गुत्थी आज तक नहीं सुलझी हैं, और शायद कभी सुलझेगी भी नहीं, क्योंकि उसकी मौत का राज़ उसकी उस ज़िंदगी में छुपा है जो उसकी मौत से ज्यादा रहस्यमयी थी।

सिल्क स्मिता, एक ऐसा नाम जिसे कभी बड़ी हिरोईन का दर्जा तो नहीं मिला लेकिन उसका जलवा किसी भी सुपर स्टार हिरोईन से कम नहीं था। सिल्क स्मिता का सिर्फ एक आइटम नंबर उस फिल्म की कामयाबी की गारंटी होता था।

सिल्क स्मिता की ये कहानी शुरु होती है साल 1979 से, जब सिल्क स्मिता ने पहली बार फिल्मी दुनिया मे कदम रखा। सिल्क स्मिता के सेक्सी अंदाज़ ने उसे रातो रात क्वीन ऑफ साऊथ बना दिया, कहते हैं कि अस्सी के दशक में सिल्कर स्मिता एक दिन में दो-दो आइटम नंबर शूट करती थीं। और एक आइटम नंबर के लिए वो लेती थीं एक लाख रुपये। उनकी कमाई कई हिरोईनों पर भारी थी।

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सिल्क स्मिता ने 500 फिल्मों में काम किया लेकिन फिर भी लोग उन्हे सेक्स सिंबल से ज्यादा कुछ नहीं समझते थे, लोग उनकी अदाओं पर मदहोश होते लेकिन सिल्क स्मिता हमेशा ऐसे रोल नहीं करना चाहती थीं। वो एक साफ सुथरी और अच्छी हिरोईन बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हे कभी कामयाबी नहीं मिली।

सिल्क स्मिता को हमेशा डॉयरेक्टर प्रोड्यूसर ने इस्तेमाल ही किया, क्योंकि किसी फिल्म में सिल्क स्मिता के आइटम नंबर का मतलब होता था फिल्म की कामयाबी की गारंटी। सैकड़ों ऐसी फिल्में जो बनने के बाद भी बंद डब्बों में पड़ीं थी उन्हें उनके प्रोड्यूसर ने ‘सिल्क’ की फुटेज लगाकर बेच दिया। सिल्क स्मिता के साथ सिर्फ उनके डायरेक्टर और प्रड्यूसर्स ने ही नाइंसाफी नहीं की बल्कि सेंसर बोर्ड भी उनकी फिल्मों को B और C ग्रेड की फिल्में घोषित कर दिया करते थे। ग्रेड के तय होने से ये तय होता है कि समाज का कौन सा वर्ग इन्हें देखेगा और सराहेगा।

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फिल्मी पर्दे पर सिल्क स्मिता जिस अंदाज़ में नज़र आती असल में निजी ज़िंदगी में वो ऐसी नहीं थी, उन्हे एक सच्चे प्यार की तलाश थी जो उन्हे कभी नसीब नहीं हुआ। कहते हैं सिल्क स्मिता के ज़िंदगी में तीन लोग आए लेकिन कामयाबी के लिए लोगों ने सिर्फ उनका इस्तेमाल किया। अपने करीबी लोगों के कहने पर उन्होने दो फिल्में प्रोड्यूस की लेकिन वो फ्लॉप रहीं, नतीजा सिल्क स्मिता 20 करोड़ रुपये के कर्ज में डूब गईं। धोखे और तंगी ने सिल्क स्मिता को तोड़ कर रख दिया और इसी बीच आई एक खबर।

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तारीख 23 सिंतबर 1996, चेन्नई में सिल्क स्मिता की लाश उनके घर के पंखे से लटकी मिली, तेलगू में लिखा एक लेटर था, जिसमें खुदकुशी की वजह तंगी बताई गई, लेकिन जिसने भी इस खबर को सुना उसे भरोसा नहीं हुआ। क्योंकि सिल्क स्मिता टूट सकती थीं लेकिन वो खुदकुशी कभी नहीं कर सकती थीं।

जो सबूत मिल रहे थे वो भी इस मौत को और उलझा रहे थे, कोई रिपोर्ट कह रही थी कि ये ड्रग्स ओवरडोज़ का मामला है, कोई कह रहा था सिल्क स्मिता की बॉडी में ज़रुरत से ज्यादा अल्कोहल मिला। लेकिन कभी कुछ साफ नहीं हो पाया, लोग दबी जुबान से कह रहे थे कि सिल्क स्मिता शादी करना चाहती थीं, लेकिन जिस शख्स से वो शादी करना चाहती थीं वो तैयार नहीं था, और शायद उनकी मौत के पीछे यही वजह थी।

सिल्क स्मिता पर कई किताबें लिखी गईं, उनकी मौत से जुड़े कई नाम सामने आए लेकिन राज़, राज़ ही रहा। दक्षिण भारत के लोग सिल्क स्मिता के नाम से वाकिफ़ थे लेकिन पूरे भारत ने उनकी दर्दभरी दास्तां तब जानी जब सिल्क स्मिता की कहानी पर हिंदी फिल्म बनी। फिल्म का नाम है डर्टी पिक्चर और इसमें सिल्क स्मिता का रोल निभाया विद्या बालन ने।

फिल्म के रीलीज होने के वक्त सिल्क स्मिता के ब्वाय फ्रेंड कहे जाने वाले डायरेक्टर और एक्टर वीनू चक्रवर्ती ने इस फिल्म पर सवाल उठाए, मगर फिल्म के रिलीज़ में कोई रद्दोबदल नहीं किया गया। फिल्म रिलीज़ भी हुई और हिट भी, फिल्म में विद्या बालन की भरपूर तारीफ हुई। होनी भी चाहिए. मगर सिल्क, जिसने इस एंटरटेनमेंट को मौत तक जिया उसका क्या? जिसने ना जाने कितनों की फैंटेसी की ट्यूनिंग करते-करते खुद अपनी ज़िंदगी खत्म कर ली। सिल्क के किरदार को निभाकर विद्या का क्लास बढ़ गया मगर सिल्क की पहचान आज भी वे ही किरदार हैं जिन्हें फूहड़ कहा जाता है।

सिल्क की जिंदगी पर वैसे तो तीन फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन इस अभिनेत्री के बारे में अब भी जो आप नहीं जानते वो हम बताने जा रहे हैं। सिल्क का जन्म एक गरीब तेलुगू परिवार में हुआ था। उनकी मां और पिता काम करके किसी तरह अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण करते थे। थोड़ी बड़ी होने पर एक सरकारी स्कूल में सिल्क का दाखिला करवाया गया ताकि वो पढ़ लिखकर कुछ किताबी ज्ञान और दुनियादारी सीखें। लेकिन, चौथी कक्षा में ही सिल्क को स्कूल छोड़ना पड़ा। सिल्क के माता पिता के पास इतना पैसा नहीं था कि वो सिल्क को पढ़ा सकें। लौट कर सिल्क को घर का चूल्हा चौका ही संभालना पड़ा। उस वक्त सिल्क महज़ 10 साल की ही थीं।

सिल्क उम्र में तो छोटी ही थीं लेकिन वो दिखने में बड़ी लगने लगी थीं। माता पिता को सिल्क एक जवान लड़की लगने लगीं तो उन्होंने उनकी शादी करने की ठानी। और बहुत ही कम उम्र में सिल्क का ब्याह एक मजदूर से कर दिया गया। इस तरह माता पिता ने अपने सिर से बोझ हल्का कर लिया।

जिस घर में सिल्क शादी करके पहुंचीं, वहां भी उनके साथ बहुत अच्छा बर्ताव नहीं होता था। पति शराबी था और शराब पीकर वो सिल्क को पीटता था और उसकी गलतियों की गालियां उसके परिवार वाले सिल्क को ही सुनाते थे। आलम ये था कि कभी कभी तो उनके देवर और ननद भी उन्हें पीट देते थे। इसलिए वो अपने घर को संभाल न सकीं और घर छोड़कर भाग गईं और सीधे चेन्नई पहुंच गईं। 

चेन्नई पहुंचकर सिल्क ने दक्षिण भारतीय फिल्मों की एक हिरोइन के यहां नौकरानी का काम करना शुरू किया। सिल्क बचपन से ही फिल्में देखने की बहुत शौकीन थीं। उन्हें जब भी फिल्म देखने का मौका मिलता तो वो अपनी दुनिया को छोड़कर उस फिल्मी दुनिया में ही कहीं खो जातीं। इस हिरोइन के घर एक नौकरानी के तौर पर काम करने का मौका सिल्क ने इसलिए नहीं छोड़ा क्योंकि उनकी भी ख्वाहिश कुछ ऐसा ही करने की थी।

नौकरानी का काम करने से सिल्क को बस ये फायदा हो रहा था कि वो बड़े-बड़े निर्माताओं से मेल जोल बढ़ा रही थीं। एक दिन एक जाने माने फिल्म निर्माता की गाड़ी देखकर सिल्क बहुत प्रभावित हुईं और वो दूर से ही खड़े होकर उसे निहारने लगीं। इस पर उनकी मालकिन ने तंज कसते हुए कहा कि इस बड़ी गाड़ी को देखकर कहीं उसमें बैठने का सपना तो नहीं देख रही हो? अपनी मालकिन की ये बात सिल्क को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने पलटकर जवाब दिया कि वो एक दिन ऐसी गाड़ी में जरूर बैठेंगी और वो गाड़ी खुद उनकी ही होगी।

सिल्क समझ गई थी कि ऐसे बैठे रहने से कुछ होगा नहीं, इसलिए वो ऑडिशन देने लगीं। उन्होंने कही एक्टिंग नहीं सीखी थी, लिहाज़ा बस वो ऑडिशन देते हुए ही अभिनय सीख रही थीं। उन्होंने एक फिल्म के ऑडिशन में ही कुछ इस तरह की अदाएं दिखाईं कि उन्हें उस फिल्म में एक आइटम नंबर करने के लिए ले लिया गया। सिल्क की अदाएं काम कर गईं और धीरे-धीरे उनके पास आइटम नंबर के लिए कई फिल्मों के ऑफर आने लगे।

कुछ ही वक्त में सिल्क अपने वक्त की दक्षिण भारतीय सिनेमा की आइटम क्वीन बन गईं। उस वक्त सिल्क निर्माताओं से एक लाख रुपये तक अपनी फीस के तौर पर लेती थीं। एक आइटम नंबर करने के लिए सिल्क की फीस भले ही ज्यादा थी लेकिन फिर भी फिल्मों के निर्माता इसके लिए हमेशा तैयार रहते थे। वो जानते थे कि सिल्क का एक आइटम नंबर ही फिल्म को हिट करा सकता है।

सिल्क का नाम दिन पर दिन बड़ा होता जा रहा था। इसका असर ये हुआ कि सिल्क को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए सिर्फ चार साल ही बीते थे और इतने कम समय में ही उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर लिया था। तमिल फिल्म इंडस्ट्री में कमल हासन और रजनीकांत दोनों के साथ सिल्क ने खूब काम किया। सैकड़ों फिल्मों में काम करने के बाद अब सिल्क का करियर ढलान पर था। दरअसल, लोग उनके एक ही काम से ऊब गए थे। तब उन्होंने अभिनय छोड़ फिल्म का निर्माण करने में हाथ आजमाया।

जिस तरह दर्शकों ने उन्हें नकार दिया था, उसी तरह उनकी बनाई हुई फिल्मों में भी कोई दम नहीं था। अपने करियर का ऐसा वक्त देखकर सिल्क बहुत निराश हुईं और उन्होंने सब से अलग होकर शराब को अपनी दुनिया बना लिया। आखिर में 23 सितंबर 1996 को वो अपने घर में पंखे से लटकी हुई पाई गईं। पुलिस ने छानबीन में उनकी मौत को आत्महत्या का नाम देकर केस बंद कर दिया था। लेकिन सिल्क के करीबी और जानकार मानते हैं कि सिल्म की मौत सिर्फ आत्महत्या नहीं थी बल्कि उसे इसके लिए मजबूर किया गया। हालांकि कोई भी अब तक ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है।

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