जब दाऊद को करीम लाला ने सड़क पर गिरा गिराकर मारा था, ऐसे बनाई थी डॉन ने D कंपनी
Dawood Ibrahim Kareem Lala Gang: जब दाऊद का नाम चढ़ रहा था तभी मुंबई के एक सरगना करीम लाला ने इस डॉन को सड़क पर गिरा गिरा कर मारा था
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Dawood Ibrahim Kareem Lala Gang: इस वक़्त दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर सुर्खियों में है। हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब दाऊद को लेकर इस तरह खबरों का बाजार गर्म है। अकसर समय समय पर ऐसी खबरें हवा में उड़ती रही जिसमें दाऊद को लेकर अटकलों का बाजार गर्म बना रहा। पिछले काफी अरसे से दाऊद इब्राहिम की कोई खबर सामने नहीं आ रही थी, यानी ये अंडरवर्ल्ड डॉन और मुंबई का भाई दाऊद इब्राहिम का अचानक सुर्खियों में आना सभी को चौंकाता है खासतौर पर जब उसके खिलाफ जहर दिए जाने की बात को लेकर चर्चा हो रही है।
दाऊद की खबर को लगे पर
दाऊद को जहर दिए जाने की खबर जैसे ही हवा में तैरने लगी तो उसके अतीत को लेकर भी कई तरह की खबरों ने सिर उठा लिया।
दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी
कभी दाऊद गैंग कभी डी कंपनी करके कई ऐसे जुमले भी सुर्खियों में नज़र आए जो दाऊद के अंडरवर्ल्ड की दास्तां के बारे में खुलासा कर देती है। हालांकि दाऊद के किरदार और उसकी डी कंपनी को लेकर कई फिल्में भी बन चुकी है साथ की कई किस्से और कहानियों में भी इस बात का जिक्र खुलकर किया गया है कि दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड की सबसे मशहूर डी कंपनी का मुखिया था। लेकिन अभी तक ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर उसने ये मशहूर या बदनाम डी कंपनी बनाई तो बनाई कैसे।
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मुंबई में दो गैंग का चलता था सिक्का
1955 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में जन्मा दाऊद इब्राहिम कासकर दरअसल एक पुलिस कांस्टेबल का बेटा था। पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में थे लिहाजा पूरा परिवार रत्नागिरी से आकर मुंबई के डोंगरी इलाके में बस गया था। ये 70 के दशक का दौर था। उस वक़्त मुंबई अंडरवर्ल्ड में हाजी मस्तान का गैंग छाया हुआ था। उसी दौरान छोटे मोटे बदमाशों और बदमाशियों को लेकर डोंगरी में दाऊद इब्राहिम का नाम तेजी से उभरने लगा था। जिस दौरान दाऊद का नाम मुंबई के छुटभैये गुंडों के बीच बड़ी इज्जत से लिया जाता था उसी दौर में मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर दो गैंग का सिक्का चलता था। एक था हाजी मस्तान का और दूसरा नाम था करीम लाला का।
करीम लाला गैंग से दुश्मनी
मुंबई के अंडरवर्ल्ड को करीब से देखने वालों की मानें तो उस दौर में करीम लाला और दाऊद इब्राहिम के गैंग के बीच अक्सर छुटपुट मार पीट और छोटी मोटी वारदात को लेकर गैंगवॉर होता रहता था। और इसकी वजह से दोनों गैंग के बीच अच्छी खासी दुश्मनी पलने लगी थी। दाऊद का नाम तेजी से बढ़ रहा था लिहाजा दाऊद का गैंग अक्सर उन इलाकों में भी दखल देने लगता था जहां करीम लाला गैंग के पठान बदमाश अपना रुतबा गालिब करते थे।
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भाई की हत्या का बदला
1980 के उस दौर में दाऊद इब्राहिम को उस वक़्त जबरदस्त झटका लगा जब करीम लाला के पठानों ने दाऊद के बड़े भाई शब्बीर की हत्या कर दी थी। इस हत्या से दाऊद बुरी तरह से बौखला गया था। और वो करीम लाला के गैंग से बदला लेने की फिराक में लग गया। यहां तक कि दाऊद ने करीम लाला को ही मारने की प्लानिंग करनी शुरू कर दी थी। दाऊद के गैंग के लोगों ने करीम लाला के गैंग पर कई हमले किए, मगर उन्हें मनमाफिक कामयाबी नहीं मिल रही थी।
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दाऊद को करीम लाला ने जमकर पीटा
तभी एक रोज मुंबई की सड़क पर करीम लाला के सामने दाऊद इब्राहिम पड़ गया। उस रोज मुंबई की सड़क पर लोगों ने वो तमाशा देखा जिसे सालों तक कोई नहीं भूल सका। क्योंकि करीम लाला ने दाऊद को पकड़कर जमकर पीटा था। करीम लाला ने दाऊद इब्राहिम को गिरा गिराकर लात घूंसों से पीटा था। इस पिटाई से दाऊद की हालत इस कदर खराब हो गई थी कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
करीम लाला के रास्ते से हट गया दाऊद
इस मार का असर ये हुआ कि दाऊद इब्राहिम ने उसके बाद फिर कभी करीम लाला को खुली चुनौती कभी नहीं दी। कहा तो यहां तक जाता है कि उस पिटाई का असर इस कदर दाऊद पर हावी हो गया कि वो उन रास्तों से ही हट गया जहां करीम लाला का जाना आना होता था। दाऊद ने उन धंधों से भी अपना हाथ खींच लिया जहां करीम लाला का नाम आ जाता था।
मक्का में हुई दुश्मनी खत्म
बीबीसी की खबरों के मुताबिक इसके बाद एक बार करीम लाला और दाऊद इब्राहिम का आमना सामना मक्का में हुआ और वहीं से दोनों के बीच की दुश्मनी एक झटके में खत्म हो गई थी। दाऊद ने खुद करीम लाला के पास जाकर अपने किए की माफी मांगी थी और करीम लाला ने भी उसे उस वक्त अपना छोटा भाई कहकर माफ कर दिया था। इस मुलाकात ने उनके बीच की दुश्मनी को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया था। लेकिन उसके बाद से हालात कुछ ऐसे हुए कि मुंबई में दाऊद इब्राहिम का नाम तेजी से अंडरवर्ल्ड में चलने लगा जबकि करीम लाला का रुआब धीऱे धीरे खत्म होने लगा था।
बढ़ने लगा दाऊद का गैंग
कहा तो यहां तक जाता है कि करीम लाला के कई गुर्गों ने पठान गैंग छोड़कर दाऊद का गैंग ज्वाइन कर लिया था। अपने गैंग को बढ़ता हुआ देखकर दाऊद ने मुंबई से बाहर निकल विदेशों तक में अपने पैर जमाने शुरू कर दिए थे।
ऐसे बनीं डी कंपनी
बताया जाता है कि जाता है कि अपने गैंग में गुर्गों की तादाद बढ़ने और विदेशी जमीन पर अपने पैर जमाने की वजह से दाऊद इब्राहिम ने अपने गैंग को एक कंपनी की तर्ज पर चलाना शुरू किया और वहीं से वो डी कंपनी का मुखिया बन बैठा।
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