Dancing On The Grave : सस्पेंस थ्रिलर क्राइम डॉक्युमेंट्री डांसिंग ऑन द ग्रेव की रियल स्टोरी, कैसे उसकी कब्र में मौत हुई?

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Dancing  On The Grave Real Story
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Dancing  On The Grave Real Story : डांसिंग ऑन द ग्रेव यानी नीचे कब्र और ऊपर डांस. ये एक रियल क्राइम डॉक्युमेंट्री सीरीज है. जो जल्द ही आपको Amazon Prime पर 21 अप्रैल से देखने को मिलेगी. ये रियल थ्रिलर मर्डर मिस्ट्री इंडिया टुडे ओरिजिनल्स (India Today Originals) की डॉक्युमेंट्री सीरीज है. ये क्राइम थ्रिलर सीरीज Indian Predator: The Diary of a Serial Killer के बाद आ रही है. डांसिंग ऑन द ग्रेव (Dancing On The Grave) की आखिर कहानी क्या है. क्यों इसकी डॉक्युमेंट्री आपको पसंद आएगी. क्यों ये बेहद खास है.  आइए आपको बताते हैं कि डांसिंग ऑन द ग्रेव (Dancing On The Grave) की कहानी…

Produced by India Today Originals Productions and written and directed by Patrick Graham, Dancing On The Grave will stream in India and across 240 countries and territories, starting April 21

Dancing On The Grave की रियल स्टोरी

असल में Dancing On The Grave बेंगलुरू में 90 के दशक में हुई एक बेहद ही रहस्यमयी मर्डर मिस्ट्री की कहानी है. इस केस में शकीरा खलीली (Shakereh Khaleeli) रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी. जिसकी लाश को तलाशने में पूरे 3 साल लग गए. और लाश मिली भी थी घर के आंगन में ही दफनाई गई कब्र में. शकीरा खलीली मैसूर के दीवान की नातिन थी. परिवार बेहद रसूखदार था. परिवार अरबपति था. शकीरा के नाम पर खुद अरबों की संपत्ति थी. शकीरा भी बिजनेस से जुड़ी थी. और वो बिजनेस था कंस्ट्रक्शन का. 

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अब शकीरा की साल 1965 में अकबर मिर्जा खलीली से शादी होती है. इनकी 4 बेटियां हुईं. लेकिन इसके बाद शकीरा और उनके शौहर में विवाद होने लगा. रिश्ता टूट गया. 1984 में दोनों का तलाक हो गया. इस तलाक के 2 साल बाद शकीरा ने दूसरी शादी की. अब उनकी शादी मुरली मनोहर मिश्रा से हुई. इसी मुरली मनोहर मिश्रा की पहचान स्वामी श्रद्धानंद के नाम से थी. अब शकीरा की दूसरी शादी तो हो जाती है लेकिन बेटियों से वो खुद को दूर नहीं कर पाती है. रोजाना अपनी बेटियों को फोन कर जरूर हालचाल लेती थी. अपनी बेटियों से ज्यादा लगाव को देखकर उसके दूसरे पति मुरली मनोहर मिश्रा यानी श्रद्धानंद को बुरा लगता था. उसे लगता था कि बीवी का पुराने पति से हुई बेटियों पर कुछ ज्यादा ही ध्यान है. 

लिहाजा, वो दबाव बनाता था कि बेटियों को फोन नहीं करे. लेकिन फिर भी वो मां फोन करती रहती थी. अब बात साल 1991 की आती है. उस समय शकीरा का फोन बड़ी बेटी सबा के पास नहीं आया. कई दिन बीत गए लेकिन मां से बात नहीं हुई. तब उसे शक हुआ. सबसे ज्यादा शक मुरली मनोहर मिश्रा पर ही हुआ. कई दिन बीत जाने के बाद पुलिस में शिकायत की. बीवी बिना बताए कहीं चली गई. इससे ज्यादा कुछ नहीं जानता. इस तरह के तमाम बहाने बनाए. लेकिन कभी उसने सही जानकारी नहीं दी. आखिरकार तमाम जांच से गुजरते हुए बैंगलुरू पुलिस 3 साल बाद सच का पता लगा लेती है.

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ड्रग्स देकर बेहोश किया फिर ताबूत में डाल दिया

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पुलिस की जांच में पता चलता है कि शाकीरा की बेहद ही बेरहमी से हत्या की गई थी. असल में पहले उसे ड्रग्स दिया था. जिससे वो बेहोश हो गई. फिर उसकी बॉडी को एक मैट्रेस में लपेटकर ताबूत में बंद कर दिया था. इसके बाद घर के आंगन में ही कब्र खोदी. उसी कब्र में उस ताबूत को दफन कर दिया. लेकिन शकीरा को मौत देने से पहले श्रद्धानंद ने उसकी सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करा ली थी.

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कब्र खोदी तो पता चला दफनाने से पहले वो जिंदा थी

अब पुलिस की जांच में साल 1994 में जब ताबूत में मैट्रेस में लिपटी शकीरा का कंकाल मिला तो उसे देखकर सभी हैरान रह गए थे. उस मैट्रेस में हजारों जगह पर नाखून से नोचने के निशान थे. इस कहानी के बारे में देश के सबसे बेहतरीन क्राइम जर्नलिस्ट शम्स ताहिर खान (Shams Tahir Khan) ने बेहद ही बारीकी से घटना और उसकी इन्वेस्टिगेशन के बारे में जानकारी दी है. यानी ये पता चला कि जब शकीरा को बेहोश करने के बाद मैट्रेस में लपेटा गया था तब वो जिंदा थी. ताबूत में डालकर कब्र में दफना दिया गया. तब भी वो जिंदा थी. जब उसे होश आया होगा तो वो खुद को बचाने के लिए उसने नाखून से नोचना शुरू किया होगा. लेकिन उसे मौत का ही सामना करना पड़ा. कोर्ट ने इसे रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस माना था. श्रद्धानंद को फांसी की सजा सुनाई गई. हालांकि, फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में कम करके आजीवन कारावास में बदल दिया था. अभी भी वो कातिल जेल में है. 

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क्यों इसे डांसिंग ऑन द ग्रेव कहते हैं

शकीरा खलीली मर्डर केस को आखिरकार डांसिंग ऑन द ग्रेव नाम दिया गया. असल में जिस घर के आंगन में कब्र खोदकर शकीरा को दफनाया गया था उसी में कुछ दिनों बाद ही श्रद्धानंद ने पार्टी की थी. उसी कब्र के ऊपर लोगों ने डांस करते हुए पार्टी की थी. इसीलिए इस केस को डांसिंग ऑन द ग्रेव नाम दिया गया. अब ये वेबसीरीज के फॉर्म में 21 अप्रैल को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो रही है.

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