दुनिया की वो फाइव स्टार जेल, जहां क़ैदियों को अपने पार्टनर के साथ सेक्स करने मिलता है मौका

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दुनिया की वो फाइव स्टार जेल, जहां क़ैदियों को अपने पार्टनर के साथ सेक्स करने मिलता है मौका
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Five Star Jail: जुर्म (Crime) करना या जुर्म का होना, तो वक़्त की बात हो सकती है, लेकिन किसी भी जुर्म की सज़ा में इंसानियत (Humanity) का ज़िंदा रहना बहुत बड़ी बात है। और ये बात उस वक़्त और भी ज़्यादा अहम हो जाती है जब इंसानियत का तकाजा क़ानून की तरफ से किया जाए।

ये बात इसलिए कही जा रही है कि क्योंकि क़ैदियों (Inmates) के भी जीने के कुछ हक होते हैं, जिसका सम्मान दुनिया के बेशक ज़्यादातर देशों का क़ानून (Law) न करता हो, मगर कुछ ऐसे मुल्क हैं जहां क़ैदी को जो सहूलियत दी जाती है, उसके बारे में जानकर हो सकता है दुनिया भर के क़ैदी उनसे जलन रखना शुरू कर दें। और अफसोस करें कि वो उन मुल्कों की जेलों में क्यों नहीं थे।

असल में पश्चिमी देशों में खासतौर पर कनाडा, जर्मनी, रूस, स्पने, बेल्जियम, सऊदी अरब, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, अमेरिका में कई ऐसी जेल हैं जहां क़ैदियों को वो सुविधा क़ानून दी जाती है, जो दुनिया भर के कैदियों को सपने में भी नसीब नहीं होती।

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इन देशों की कई जेलों में क़ैदी को अपने क़ानूनी जीवन साथी यानी लाइफ पार्टनर के साथ वक़्त बिताने और उनके साथ संबंध बनाने का पूरा मौका दिया जाता है। और वो भी हर महीने।

वेबसाइट Vice.com में छपे एक लेख पर अगर यकीन किया जाए तो दुनिया भर की तमाम जेलों में बंद क़ैदियों के बारे में किए गए एक शोध के मुताबिक जिन क़ैदियों को अपने जीवन साथी के साथ वक्त बिताने और उनके साथ संबंध बनाने का मौका मिल जाता है उनमें एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। वो परिवारों के प्रति ज़्यादा जिम्मेदार और अपने जुर्म से तौबा करने में सबसे आगे रहते हैं।

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Five Star Jail: असल में साल 2012 से एक रिसर्च शुरू की गई। जिसके मुताबिक क़ैदियों को अकेले और वक़्त वक़्त में उन्हें उनके लीगल पार्टनर के साथ वक़्त बिताने का मौका दिया गया। यानी जेल में बंद एक क़ैदी को समाज से दूर रखने के बावजूद उसके ही पार्टनर के साथ अकेले में वक़्त बिताने का मौका दिया जाता है।

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रिसर्च में ये बात सामने आई है कि इसे क़ैदियों ने अपने लिए किसी वरदान से कम नहीं माना। यानी ये एक ऐसा लालच है जिसके लिए क़ैदी हर लिहाज से खुद को बेहतर साबित करने में तुल जाते हैं और अपनी ज़िद से इस बात को साबित करने लगते हैं कि उन्हें इस अधिकार की सख्त ज़रूरत है।

यानी जीवनसाथी के साथ वक़्त गुजारने की ललक में खतरनाक से खतरनाक क़ैदी भी जेल के भीतर बेहतरीन और सामाजिक कामों को करने में सबसे आगे नज़र आने लगे हैं।

कई जेलों ने इस संदर्भ में अपनी जेलों में कुछ मापदंड स्थापित किए हैं। यानी किसी भी क़ैदी को ये सहूलियत देने से पहले उसे एक क्वालिफाइंग मार्क्स हासिल करने होते हैं। और क्वालीफाई क़ैदी को महीने में एक दिन दो घंटे के लिए नितांत निजी जगह मुहैया करवाई जाती है। जहां क़ैदी अपने लीगल पार्टनर के साथ संबंध स्थापित कर सकता है।

असल में वेबसाइट Vice.com में छपी एक केस स्टडी के हवाले से बताया गया कि महिला कैदी फ्लॉरेंस को अपनने बॉयफ्रेंड से मिलने की इजाजत मिली थी। उसे हर महीने चार चार घंटे वक्त बिताने की सुविधा हासिल हुई थी। और एक महीने जब उसे ये सुविधा नहीं दी गई तो उसकी बेचैनी से जेल के अधिकारी हैरान हो गए।

जेल के अधिकारियों के हवाले से लेख में बताया गया है कि फ्लॉरेंस किस तरह अपने बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए तड़पती थी...वो सुंदर दिखने के लिए मेकअप करती थी और घंटों उसके इंतज़ार में एक टक अपने सेल की सलाखों के पकड़े बैठी रहती थी।

Five Star Jail: ब्रिटेन में भी सारे कैदियों को ये सहूलियत नहीं है...लेकिन कुछ जेलों में अपने परिवार के लोगों से मिलने की इजाजत दी जाती है। ब्रिटेन की एक जेल में तो क्वालिफाई कैदियों को 14 दिन तक अपने परिवार के साथ वक़्त बिताने के लिए आजाद कर दिया जाता है। हालांकि ऐसा किस जेल में होता है और उसके क्या क्या नियम हैं...इसका खुलासा उस वेबसाइट के लेख में कहीं नहीं किया गया। अलबत्ता ये जरूर बताया गया है कि कुछ ऐसी जेल में हैं जहां क़ैदियों को ऐसी सुविधा दी जा रही है।

ऑस्ट्रिया की एक जेल का ज़िक्र खासतौर पर उस लेख में किया गया है जहां क़ैदी को फाइव स्टार होटल जैसी सहूलियत भी दी जाती है। वो जेल ही इतनी खूबसूरत और आलीशान है कि कोई भी क़ैदी उस जेल में बंद होने का सपना देख सकता है।

उस जेल में कैदी को दो कमरों का सेट मुहैया करवाया जाता है जहां टीवी फ्रिज और इंटरनेट की सुविधा के साथ साथ शराब भी मुहैया करवाई जाती है। इतना ही नहीं। इस जेल में क़ैदी को हर महीने अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी के साथ समय बिताने के लिए कुछ दिन मुहैया होते हैं। इतना ही नहीं वो क़ैदी अपनी मनपसंद का खाना भी बाज़ार से ऑर्डर करके मंगवा सकता है।

यानी जेल के ही भीतर पार्टी का पूरा बंदोबस्त किया जा सकता है। और इसके लिए जेल की तरफ से पैसा खर्च करवाया जाता है। कैदी को अपने अपनी जेब से कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता।

 जानकर ताज्जुब होगा कि सऊदी अरब जैसे सख्त मुल्क में भी अब क़ैदियों को ये सहूलियत दी जाने लगी है। हालांकि वहां के नियम दूसरे मुल्कों के मुकाबले थोड़े कठिन ज़रूर हैं, लेकिन इस सहूलियत की वजह से जेलों में पहले के मुकाबले ज़्यादा अमन महसूस किया जा रहा है।

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