‘’मरने से पहले अपनी औलाद को सब कुछ ना दे दें’’ ये है रेमंड के विजयपथ सिंघानिया की रुला देने वाली कहानी

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फाइल फोटो
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Vijaypat Singhania Story: रेमंड कंपनी का नाम एक ऐसा नाम है. जो कि हर किसी ने सुना होगा. बच्चे से लेकर बड़े तक सब रेमंड कंपनी को जानते हैं. शादियों का सीजन आते ही सबसे पहले रेमंड कंपनी को याद किया जाता था. क्योंकि हर शादी में रेमंड के कपड़े जरुरी होते थे. 100 साल पहले शुरु हुए इस ब्रांड ने दुनियाभर में अपना नाम किया था. हर घर में रेमंड के कपड़े आते थे.

वाडिया मिल का नाम रखा गया रेमंड मिल

लेकिन, बात ये है कि इतनी बड़ी कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम सिंघानिया आज खुद बेघर कैसे हुए. इतनी प्रॉपर्टी के मालिक जिनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी. आज वो किराए के घर में रह रहे है. साल 1900 में महाराष्ट्र के ठाणे में एक वुलन मिल के तौर पर इस कंपनी की नींव रखी गई, जिसका नाम वाडिया मिल (Wadia Mill) रखा गया. ये मिल सेना के जवानों के लिए यूनिफॉर्म तैयार करने का काम करती थी. साल 1925 में मुंबई के एक कारोबारी ने इस मिल को खरीदा, लेकिन साल 1940 में कैलाशपत सिंघानिया ने उनसे वाडिया मिल खरीद ली, जिसका नाम रेमंड मिल (Raymond Mill) रखा गया. सिंघानिया परिवार राजस्थान के छोटे से इलाका शेखावटी के रहने वाले थे. 

बाप-बेटे के बीच फ्लैट को लेकर हुआ था विवाद

साल 1980 में विजयपत सिंघानिया ने रेमंड की कमान संभाली. विजयपत ने ही रेमंड को बुलंदियों पर पहुंचाया. 1986 में सिंघानिया ने फैब्रिक के अलावा ब्रांड पार्क एवेन्यू लॉन्च किया. 1990 में भारत के बाहर रेमंड का पहला शोरूम खोला. जिसके बाद रेमंड के साथ विजयपत की भी खूब वाह- वाहई हुई. ‘द कंप्लीट मैन’ से लेकर ‘फ़ील्स लाइक हैवन’ तक हर बार इसी टैगलाइन ने लोगों को रेमंड से जोड़ के रखा. साल 2015 में विजयपत सिंघानिया ने अपने सारे शेयर और कंपनी बेटे गौतम सिंघानिया सौंप दी. विजयपत का कहना है कि यह उनके जीवन की वह भूल थी, जिसने उन्‍हें ये दिन दिखाए हैं. गौतम के हाथ कंपनी आते ही बाप-बेटे का रिश्ता बिगड़ने लगा. एक फ्लैट को लेकर दोनों के बीच इतना विवाद हुआ कि गौतम ने अपने पिता को घर जेके हाउस से बाहर निकाल दिया. विजयपत का आरोप है कि बेटे ने कार और ड्राइवर की सुविधा भी छीन ली. जो व्‍यक्ति कभी हवाई जहाज उड़ाता था, वो अब पैदल चलने को मजबूर है. 

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अपने ही बेटे के खिलाफ लड़ रहे है केस

यही नहीं उनसे नाम के साथ चेयरमैन-एमेरिटस (अवकाशप्राप्त चेयरमैन) लिखने तक का अधिकार छीन लिया गया. विजयपत सिंघानिया को हवाई जहाज से लेकर हेलिकॉप्टर तक का शौक था। उनके पास 5000 घंटो का फ्लाइट एक्सपीरियंस है. 67 साल की उम्र में उन्होंने हॉट एयर बैलून में दुनिया में सबसे ऊंची उड़ान भरने का भी रेकॉर्ड बना लिया. ​विजयपत सिंघानिया कभी मुकेश अंबानी की एंटीलिया से भी ऊंचे घर में रहा करते थे. मुंबई के मालाबार हिल में 37 मंजिला जेके हाउस उनका पता था, लेकिन बेटे ने उन्हें घर से भी बाहर कर दिया. हालात ऐसे है कि उन्हें अपने ही घर में रहने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.

Note : ये खबर क्राइम तक में internship कर रही निधी शर्मा ने लिखी हैं.

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