राजस्थान पुलिस ने पकड़ी 6 लाख रुपये की चप्पल,नकल करने में हो रहा था चप्पल का इस्तेमाल!
Bikaner police recovered 6 lakh rupees slippers from cheating mafia
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इस चप्पल की खास बात ये है कि इस चप्पल के अंदर ही ब्लूटूथ लगा था जिसकी मदद से परीक्षा में बैठा शख्स परीक्षा में आने वाले सवालों के जवाब बाहर पूछता था और बाहर बैठा नकल माफिया उन सवालों के जवाब अभ्यर्थियों को बता रहा था।
चप्पल के तले को खासतौर पर तैयार किया गया था और इसी के अंदर ब्लटूथ डिवाइस भी लगाई गई थी । साथ ही कान में ऐसा ईयरपीस लगाया गया था जो बेहद ही छोटा था और उसका रंग बिल्कुल इंसानी त्वचा के रंग जैसा था ऐसे में कान में लगी उसी डिवाइस का पहचानना बेहद मुश्किल है।
बीकानेर पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई बीकानेर के गंगाशहर में की गई । पुलिस के मुताबिक नकल माफिया नकल कराने के लिए नए-नए प्रयोग करता रहता है और इसका सबसे ताजा उदाहरण वो चप्पल है जिसकी मदद से नकल कराई जा रही थी।
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नकल माफिया ने ये चप्पल परीक्षा देने वालों को 6 लाख रुपये में बेची थी जिसके साथ ही ईयरपीस भी शामिल था। पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ तो कर दिया है लेकिन अभी ये पता करना बाकी है कि किस-किस जगह पर अभ्यर्थियों को ये चप्पल पहनाकर परीक्षा देने के लिए भेजा गया है।
पुलिस ने ओम प्रकाश, मदन व त्रिलोक नामक के तीन आरोपियों को पकड़ा है। सभी चुरू के रहने वाले हैं। वहीं एक आरोपी तुलसीराम कलेरा का नाम भी इस मामले में सामने आया है । जो पहले भी नकल के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। कलेरा बीकानेर में कोचिंग सेंटर चलाता था।
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इन दिनों बहुत सारे कोचिंग सेंटर चलाने वाले लोग प्रदेश में होने वाली अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया की भूमिका निभाने लगे हैं। वो या तो एग्जाम से पहले ही पेपर आउट कराने के काम करते हैं तो कुछ लोग परीक्षा केन्द्रों पर नकल कराने का ठेका लेते हैं।
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नकल माफिया सरकारों पर इतना हावी हो चुका है कि कई नकल माफिया तो ये काम करते-करते अरबपति बन चुके हैं और उन्होंने खुद ही अपने स्कूल और कॉलेज खोल दिए हैं जहां पर पैसा लेकर परीक्षाएं पास कराने का काम किया जाता है। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और कोई भी सरकारी बाबू इतने ताकतवर नकला माफिया के विरोध में सामने नहीं आता।
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