जिसे 7 साल से मरा समझा वो बेटा अब जिंदा लौटा, आत्मा के साये के डर से पुतले का अंतिम संस्कार भी कर दिया था
Patna Bihari rai News : बिहार के पटना से 7 साल से लापता युवक अब घर लौटा. घरवालों ने मरा समझ लिया था. अब जिंदा लौटा.
ADVERTISEMENT
पटना से मनोज कुमार सिंह की रिपोर्ट
Bihar News : जिसे 7 साल से मरा समझा. वो अब जिंदा लौट आया है. जिसे मरा समझकर परिवार ने अंतिम संस्कार भी कर दिया था. उसे अब आंखों के सामने देखकर परिवार की आंखें तुरंत आंसुओं से भर गईं. वही बेटा माता-पिता के सपनों में आता था. जिसकी वजह से अंधविश्वास में फंसकर परिवार को एक ओझा ने बता दिया था कि आपके लापता बेटे की मौत हो चुकी है. इसलिए उसकी आत्मा अब सपने में आकर आपको परेशान कर रही है. इसलिए उसका पुतला बनाकर ही अंतिम संस्कार कर दीजिए. जिसके बाद परिवार ने वही किया था.
ये सनसनीखेज मामला बिहार के पटना का है. यहां एक गांव है. उसका नाम लखनी बीघा पंचायत के आसोपुर का है. यहां एक बुजुर्ग दंपति रहते हैं. इनका नाम बृजनंदन राय है. इनका बेटा बिहारी राय साल 2016 में घर से अचानक लापता हो गया था. उस समय से बेटे का कोई सुराग नहीं मिला. दोनों बुजुर्ग माता पिता ने काफी तलाश की. पुलिस से मदद मांगी. लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. बेटे की मानसिक हालत भी थोड़ी ठीक नहीं थी.
ADVERTISEMENT
सपने में आता था बेटा, ओझा ने कहा-मर चुका है आत्मा को शांति चाहिए
बेटे के लापता होने के कई साल बीतने पर भी कोई जानकारी नहीं मिली तो माता-पिता दोनों बेहद परेशान थे. इस बीच, पिता बृजनंदन राय ने बताया कि उन्हें सपना आने लगा था कि उनका बेटा जिंदा है. लेकिन बहुत दूर है. इस बारे में उन्होंने एक ओझा और जानकार पंडित से बात की तो उन्हें बताया गया कि अब उनका बेटा मर चुका है. उसकी आत्मा भटक रही है. इसलिए सपने में आ रहा है. अगर उसकी आत्मा को शांत करना है तो अंतिम संस्कार करना होगा. लेकिन सवाल था कैसे होगा अंतिम संस्कार. इस पर खुद ही उस ओझा ने बताया कि बेटे के नाम का एक पुतला बनाकर उसी का अंतिम संस्कार करना होगा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
बेटे का पुतला बना कर दिया था अंतिम संस्कार
अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर उनके पिता अपने बेटे का ही पुतला बनाकर अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर भी दिया गया. लेकिन अब उसी पिता और माता के चेहरे पर रौनक आई है. चेहरे पर खुशी आई है. असल में बिहारी राय रास्ता भटककर दिल्ली पहुंच गए थे. यहां की एक संस्था ने उनके बारे में पता लगाकर उनके घर पर संपर्क किया. इस तरह लापता होने के करीब 7 साल बाद वो अपने घर लौटे तो माता-पिता ने खुशी से उन्हें गले लगा लिया.
ADVERTISEMENT