बिहार का नटवरलाल: क़ानून को ऐसे ठेंगा दिखाकर लगवाई कोरोना वैक्सीन की 11 डोज़

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बिहार का नटवरलाल: क़ानून को ऐसे ठेंगा दिखाकर लगवाई कोरोना वैक्सीन की 11 डोज़
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वैक्सीन लगवाने की अजीबो ग़रीब सनक

REAL CRIME STORY: अगर किसी पर भगवान पूरी तरह से मेहरबान भी हो जाए, उसकी कृपा कहीं रुके भी नहीं, और वो बेधड़क होकर तमाम जद्दोजहद से बेफ़िक्र कोरोना की वैक्सीन लगवाए तो ज़्यादा से ज़्यादा कितनी बार लगवा सकता है? ये सवाल जितना अटपटा है उससे भी कहीं ज़्यादा दिलचस्प। क्योंकि कोरोना वैक्सीन की तय डोज़ से ज़्यादा लगवाने को लेकर जो क़िस्सा सामने आया है, उसने न सिर्फ बंदोबस्त पर सवाल खड़े किए बल्कि ये भी जता दिया कि धोखाधड़ी करने के लिए उम्र, जगह और वक़्त की कोई पाबंदी नहीं, बस इरादा करने की ज़रूरत है।

इस वारदात में सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि जिस वारदात के लिए जो बुजुर्ग ब्रह्मा जी का आशिर्वाद बता रहे थे असल में वही उनके लिए श्राप बन गया। ये सच्ची घटना सामने आई है, बिहार के मधेपुरा से, जिसमें क्राइम तो है ही, बल्कि क़ानून और बंदोबस्त को ठेंगा दिखाने की अजीबो ग़रीब सनक भी छुपी है।

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बिहार का 'नटवरलाल'

CRIME STORY BIHAR: ये क़िस्सा है मधेपुरा के रहने वाले एक बुज़ुर्गवार का, जो किसी नटवरलाल से कम नहीं। जिन्होंने एक दो बार नहीं, चार पांच बार भी नहीं, बल्कि पूरे 11 बार कोरोना की वैक्सीन लगवाई। वो तो कोरोना वैक्सीन को दर्जन बार लगाने का अनोखा रिकॉर्ड बनवाने पहुँच भी गए थे, मगर अचानक उनकी क़िस्मत ने धोखा दे दिया और वो रंगे हाथों दबोच लिए गए।

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इस बात में कोई शक नहीं कि इन दिनों देश में कोरोना की वैक्सीन को लगवाने को लेकर अच्छी खासी जद्दोजहद का दौर चल रहा है। सरकार और उसका सारा तंत्र इसी कोशिश में है कि जैसे भी हो देश के तमाम लोगों को कोरोना की वैक्सीन की ख़ुराक़ मिल जाए। ताकि इस महामारी से लड़ने के लिए सारा मुल्क एक साथ खड़ा हो सके।

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12वीं खुराक़ लेने से पहले धरे गए

BIHAR FRAUD NEWS: तय नियमों के मुताबिक़ हर बालिग़ व्यक्ति को दो ख़ुराक़ लगनी तय हैं। जबकि अब तो बच्चों के लिए भी वैक्सीन लगवाने का अभियान तेजी से चल रहा है। लेकिन यहां भी खुराक़ की संख्या दो ही रहने वाली है। तीसरी ख़ुराक़ के बारे में ये है कि जैसे ही बूस्टर डोज़ के लिए हरी झंडी मिलेगी तो एक और टीका सभी को लगाने की मुहिम छेड़ी जाएगी।

मगर मधेपुरा के रहने वाले 84 बरस के बुजुर्ग ब्रह्मादेव मंडल जी का क़िस्सा एकदम अनोखा है। जिन्होंने एक के बाद एक पूरी 11 डोज़ लगवाई हैं। यही नहीं अपनी इस करतूत के लिए ब्रह्मादेव जी ने अपने ही नामाराशि वाले भागवान यानी ब्रह्मा जी का वरदान की आड़ लेने की कोशिश की और 12 वीं ख़ुराक़ लेने कोरोना वैक्सीन सेंटर जा पहुँचे मगर धर लिए गए।

वैक्सीन की 11 डोज़ लगवाने की कहानी

LATEST CRIME NEWS: ब्रह्मा जी की इस करतूत को सुनने के बाद इस सवाल का उठना लाजमी है कि आखिर कोई इंसान कैसे इतनी डोज़ लगवा सकता है जबकि तय कायदे से उन्हें दो ख़ुराक से ज़्यादा नहीं मिलनी चाहिए। और इससे भी बड़ा हैरान करने वाला सवाल ये है कि लोग एक वैक्सीन लगवाने में भी डर रहे थे, इनकी ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि ये 11 डोज़ लगवा बैठे। उसकी भी कहानी बेहद दिलचस्प है।

बकौल ब्रह्मादेव जी 11 बार वैक्सीन लगवाकर उन्होंने न सिर्फ कोरोना के ख़िलाफ़ अपने लिए कवच तैयार कर लिया बल्कि कई दूसरी असाध्य बीमारियों से भी लड़ने के लिए हथियार हासिल कर लिया है।

भ्रष्टाचार की वैक्सीन

CRIME NEWS IN HINDI: सवाल उठता है कि आखिर उन्होंने इतनी बार वैक्सीन लगवाई कैसे। तो इसके लिए उन्होंने मधेपुरा और उसके आसपास फैले भ्रष्टाचार के दलदल का बेहतरीन इस्तेमाल किया और कोरोना की हरेक ख़ुराक़ के लिए एक नई आईडी का इंतज़ाम किया।

यानी कोरोना वैक्सीन के लिए जिस पहचान पत्र की ज़रूरत पड़ती थी वो बड़ी आसानी से अपने लिए बनवा लेते थे और एक नई पहचान के साथ वैक्सीन सेंटर पहुँचकर टीका लगवा लेते थे।

वैक्सीन का तारीख़ दर तारीख़ रिकॉर्ड

CRIME NEWS: डाक विभाग से रिटायर्ड ब्रह्मादेव ने कब कब वैक्सीन लगवाई इसका भी पूरा रिकॉर्ड अब सामने आ चुका है और उन्हें बाक़ायदा याद भी है।

उन्होंने पहली ख़ुराक़ पिछले साल 13 फरवरी को लगवाई थी उसके बाद अगले ही महीने यानी 13 मार्च, फिर 19 मई, फिर 16 जून उसके बाद 24 जुलाई, फिर 31 अगस्त, 11 सितम्बर, 22 सितंबर और 24 सितंबर को वैक्सीन लगवाई।

10वीं ख़ुराक़ लगवाने के लिए ब्रह्मादेव जी मधेपुरा से खगड़िया चले गए और वहां परबता सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा ली। जबकि 11वीं डोज़ भागलपुर के कहलगांव में 30 दिसंबर 2021 को जाकर लगवाई। और 12 वीं डोज़ के लिए ब्रह्मादेव जी बीते मंगलवार को चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जा पहुँचे, लेकिन उससे पहले उनकी बदनामी वहां पहुँच चुकी थी, लिहाजा क़ानून ने उन्हें धर दबोचा।

बुज़ुर्ग ने दिखाया क़ानून को ठेंगा

BIHAR KI BIG CRIME NEWS:एक सवाल ज़रूर ज़ेहन में कौंध रहा होगा कि आखिर वो कौन सा कारण था जिसने ब्रह्मादेव जी को क़ानून को ठेंगा दिखाने के लिए मजबूर कर दिया। असल में ब्रह्मादेव जी पिछले कई सालों में बढ़ती उम्र में अपने घुटने के दर्द से परेशान थे। जिसका उन्होंने काफी इलाज भी करवाया मगर उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।

13 फरवरी को उन्होंने कोरोना की पहली खुराक़ ली तो उन्हें घुटने के दर्द में आराम महसूस हुआ। और जब अगले ही महीने दूसरी ख़ुराक़ लगवाई तो उनका दर्द और भी कम हो गया। बस फिर क्या था उन्हें समझ में आ गया कि इस वैक्सीन से उनका कोरोना से बचाव हो या न हो, उन्हें बरसों पुराने दर्द से छुटकारा मिल सकता है। लिहाजा उन्होंने अपने लिए वैक्सीन का जुगाड़ करना शुरू कर दिया। और इस काम में उनको रास्ता दिखाई उस भ्रष्टाचार ने जिसकी आड़ में लोग फ़र्ज़ी दस्तावेज़ जब चाहते हैं तब तैयार कर लेते हैं।

ऐसे पकड़े गए ब्रह्मादेव

LATEST CRIME: ब्रह्मादेव जी कभी पकड़े नहीं जाते अगर वो अपने बड़बोले पन के शिकार नहीं होते, क्योंकि उन्होंने शेखी बघारते हुए अपने 11 बार वैक्सीन लगवाने की बात जमाने में गा दी थी। लिहाजा 12वीं वैक्सीन लगवाने से पहले वो पकड़े गए।

कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक तो ब्रह्मादेव ने गुनाह कर दिया। लेकिन अब उनका क़िस्सा सामने आने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों से लेकर बंदोबस्त के तमाम आला अफ़सरों के पसीने छूट रहे हैं। क्योंकि ये तो तय है कि इस मामले में जांच भी होगी और उसकी रिपोर्ट भी तैयार होगी और उस रिपोर्ट में उनकी बेइमानी का क़िस्सा भी दर्ज हो ही जाएगा।

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