Bihar News: कब्र और चिता के बीच फंसा मां का अंतिम संस्कार, दो बेटों की अजीबो गरीब कहानी
Lakhisarai News: एक बेटा चाहता था कि मां को दफ्न किया जाए जबकि दूसरा बेटा चाहता था कि मां का चिता पर दाह संस्कार किया जाए और फिर पहुंच गई पुलिस।
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Lakhisarai News: लखीसराय में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां मां (Mother) की मौत (Death) के बाद चिता (Pyre) के सामने दो बेटों (Son) में विवाद शुरु हो गया। मृतक महिला का एक बेटा चाहता था कि मां को दफ्न किया जाए जबकि दूसरा बेटा चाहता था कि मां का चिता पर दाह संस्कार किया जाए।
जी हां चिता पर लाश रखी थी कि तभी किसी ने पुलिस को मौके पर बुला लिया। मामला संवेदनशील था लिहाजा मौके पर जिले के एएसपी इमरान मसूद, चानन थानाध्यक्ष रूबीकांत कच्छप अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। गांव पहुंचकर पुलिस के सामने जो मामला आया वो बेहद पेंचीदा था।
यह घटना चानन थाना क्षेत्र के जानकीडीह गांव की है। हुआ यूं कि गांव में रहने वाली रायका खातून ने अपने पहले पति को छोड़कर दूसरी शादी राजेंद्र झा से की थी। दोनों ने लव मैरिज की और शादी के वक्त रायका का एक बेटा भी था जिसका नाम मोहम्मद मोफिल है। शादी के बाद रायका का नाम रेखा देवी रख दिया।
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अब रेखा और राजेंद्र झा के दो बच्चे और पैदा हुए। एक बेटी और एक बेटा जिसका नाम बबलू झा है। एक दिन पहले ही अचानक रायका उर्फ रेखा की मौत हो गई। रेखा की मौत के बाद दोनों बेटे में झगड़ा शुरु हो गया। रायका उर्फ रेखा का छोटा बेटा बब्लू झा चाहता था कि मां का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से हो।
जबकि रायका का पहला बेटा मोफिल मां को मुस्लिम रीति रिवाज से कब्रिस्तान में दफ्न करना चाहता था। मौके पर पहुंचे एएसपी इमरान मसूद ने दोनों बेटों की बात ध्यान से सुनी। दोनों को समझा बुझा कर शांत कराया गया। चूंकि महिला शादी के बाद रेखा देवी बन चुकी थीं लिहाजा महिला के शव को उसके बेटे बबलू झा को सौंप दिया गया मां के अंतिम संस्कार की हिंदू रीति रिवाज से करने की इजाजत दे दी गई।
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