उस 19 साल की लड़की को प्यार और परिवार में से एक चुनना था, उसने दोनों को चुना फिर मिली ऐसी ख़ौफ़नाक मौत
उस 19 साल की लड़की को प्यार और परिवार में से एक चुनना था, उसने दोनों चुना फिर मिली ऐसी खौफनाक मौत, जानकर रूह कांप जाएगी Bihar gopalganj 19 years girl Honour Killing crime Story in hindi
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Crime Story in Hindi : उस लड़की की उम्र सिर्फ 19 साल थी. इस उम्र में किसी को प्यार हो जाना आम बात है. इस लड़की को भी एक लड़के से प्यार हो गया. दोनों में प्यार बढ़ता गया. अब दोनों शादी करना चाहते थे.
लड़की ने घर पर बातों ही बातों में प्यार की कहानी बता दी. प्यार की बात सुनते ही पिता का गुस्सा सातवें आसमां पर पहुंच गया. इस गुस्से को देख लड़की गुमसुम रहने लगी. इस बीच, प्रेमी ने शादी करने के लिए अपने घरवालों को मना लिया. पर लड़की के परिवार में ऐसा नहीं हो सका. बात सुनना तो दूर उसकी चर्चा करना भी गुनाह बन चुका था.
आखिरकार मामला बिगड़ता गया. लड़की के पिता अब उस पर बात करने को तैयार नहीं थे. अब लड़की के सामने मुश्किलें बढ़ने लगीं. उसे या तो प्यार चुनना था. या फिर परिवार. आखिर वो किसे चुनती. एक तरफ प्यार तो दूसरी तरफ परिवार था.
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अब वो कुछ सालों के प्यार के लिए जन्म देने वाले मां-बाप को भी नहीं छोड़ना चाहती थी. और ना पिता की जिद के सामने उस प्यार को. जिसे लेकर उसने कई सपने देख लिए थे. इसलिए उसने प्यार और परिवार दोनों को चुना. वो दोनों को साथ मिलाकर चलना चाहती थी.
पर परिवार को ये बात मंजूर नहीं हुई. मां तो बेटी के प्यार को स्वीकार करना चाहती थी. लेकिन पापा, चाचा और ताऊ बिल्कुल खिलाफ थे. आखिरकार वो वक्त आ गया जब उस लड़की को प्यार की कीमत चुकानी पड़ी.
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जिन उंगलियों को पकड़ चलना सीखा वही बने मौत का सबब
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Honour Killing Story in hindi : अब प्यार की कीमत आखिर क्या थी. कीमत भी ऐसी वैसी नहीं. बल्कि बेहद ही खौफनाक. जिन उंगलियों ने पकड़कर उस लड़की को चलना सिखाया. जिन हाथों ने उसे कंधे पर उठाया. उसी हाथ में अब धारदार हथियार था. जिन चाचा और ताऊ ने कभी गोद में खिलाने की जिद में उस प्यारी बच्ची को पापा के हाथों से छीन लेते थे.
उन्हीं चाचा और ताऊ ने आज उस मासूम के हाथ और पैर को मजबूती से जकड़ लिया था. इसलिए नहीं कि खेलते हुए शरारत करते हुए वो कहीं भाग जाएगी. बल्कि इसलिए कि जब उसे मारा जाए तो वो खुद को बचा ना सके. उसका गला काटा जाए तो वो कहीं भाग ना सके. फिर वो कयामत की रात भी आई.
वो रात थी 6 मार्च की. सामने थी वही 19 साल की बेटी. अब उसके हाथ रंग गए. लेकिन मेहंदी से नहीं, बल्कि गाढ़े लाल रंग के खून से. और ये खून करने वाला कोई और नहीं. बल्कि वही बाबुल.
जिसके हाथों से कभी उसने खुद को डोली में उठाने का सपना देखा था. वो सपने आंखों के सामने टूट रहे थे. उस बेटी को हाथ-पैर चाचा ने पकड़े थे और पिता ने सब्जी काटने वाले पहसूल से गला काट दिया.
मां चिल्लाती रही लेकिन बाबुल ने गला काट दिया
Crime Stories in Hindi : पास में खड़ी उस लड़की की मां रोती रही. कभी हाथों से पकड़कर बचाने की कोशिश करती रही. लेकिन तीन-चार मर्दों के सामने वो मां भी असहाय रह गई. वो चिल्लाती रही. मिन्नते करती रही. लेकिन क्या बाबुल, और क्या ताऊ.
सभी ने उस मां की चीख को अनसुना कर दिया. वो मां आज उस समय से भी ज्यादा दर्द में थी. उस दिन से भी ज्यादा कराह रही थी जिस दिन उसने उस बेटी को जन्म दिया था. लेकिन उसी जन्मी बेटी की उसी मां की आंखों के सामने गला रेतकर हत्या कर दी गई. हत्या के बाद लड़की के पिता, ताऊ और चाचा सभी उसकी लाश को अपने साथ ले गए. उस लाश को खेत में फेंक दिया. फिर वे फरार हो गए.
इधर, मां ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची. तीनों कातिलों की खोजबीन शुरू की. लेकिन अब क्या फायदा. वो चली गई थी. प्यार को पाने से पहले ही वो इतनी दूर चली गई जहां से फिर कभी लौट के नहीं आ सकेगी.
ये सच्ची घटना है बिहार के इस जिले की
Horror murder Story in hindi : ये सच्ची घटना है बिहार के गोपाल गंज की. ऑनर किलिंग की इस घटना के दौरान तीनों ने उस मां को भी बहुत पीटा जो बेटी की हत्या के खिलाफ थी. मां कलावती देवी ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी किरण की उम्र 19 साल थी. इनका परिवार गोपालगंज जिले के कोटवा गांव में रहता है. बेटी किरण पास के ही गांव मशानथाना में रहने वाले एक युवक से प्यार कर बैठी थी.
दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे. बेटी ने इस बारे में बताया था. वो चाहती थी तो घर छोड़कर भाग भी सकती थी. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. उसने परिवार की मर्जी से शादी करके साथ रहना चाहती थी.
लेकिन इस बारे में किरण के पिता इंद्रदेव को जब जानकारी हुई तो उसके खिलाफ हो गए. मां कलावती कहती हैं कि मेरे पति वैसे भी नशा करने के आदी थे. बेटी इसके भी खिलाफ थी. लेकिन जब उसने शादी करने की जिद की तो पिता विरोध में आ गए.
वो तीनों ऐसे टूटे जैसे जंगली जानवर हों : मां
मां ने बताया कि 6 फरवरी को किरण के चाचा अमरदेव, बड़े पिता ताऊ आराज्ञा और पिता इंद्रदेव तीनों जंगली जानवर की तरह टूट पड़े. बेटी जान बचाने के लिए भागने लगी. कभी घर के अंदर तो कभी बाहर. वो जान की भीख मांग रही थी.
मैं भी रोने-चिल्लाने लगी. कहने लगी बेटी को छोड़ दो. लेकिन वो तीनों उस समय इंसान थे ही नहीं. उनके सिर पर खून सवार था. हम जान बचाने के लिए हाथ जोड़ते रहे पर उनका दिल नहीं पसीजा. आखिर चाचा और ताऊ दोनों ने मिलकर बेटी के हाथ और पैर पकड़ लिए. वो छटपटा रहा थी. लेकिन दोनों ने कसकर पकड़ लिया था.
अब पिता ने सब्जी काटने वाले पहसूल (चाकू जैसा) से बेटी का गला काट दिया. एक बार में ज्यादा घाव नहीं हुआ तो कई बार काटा. और तब तक मारते रहे जब तक बेटी ने तड़पड़ते हुए दम नहीं तोड़ दिया. इसके बाद भी उन तीनों की रूह नहीं कांपी.
बल्कि उस मासूम लड़की को मारने के बाद उसके शव को भी साथ ले गए और पास के खेत में फेंक दिया. इसके बाद तीनों भाग निकले. अब पुलिस इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर तीनों की तलाश कर रही है.
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