आर्यन खान की गिरफ्तारी और रिश्वरखोरी के आरोपों की जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, अब उठी ये नई मांग, जानें

ADVERTISEMENT

आर्यन खान की गिरफ्तारी और रिश्वरखोरी के आरोपों की जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, अब उठी ये ...
social share
google news

Aryan Khan Drugs Case in Supreme Court : आर्यन खान ड्रग्स मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। आर्यन की गिरफ्तारी के कानूनी और इस मामले से जुड़े कई अन्य पहलुओं पर याचिका दायर कर वकील जयकृष्ण सिंह ने उठाए कई बड़े सवाल हैं. याचिका में NCB जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ 18 करोड़ की वसूली की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि आर्यन खान मामले में NDPS कानून में बताई गई उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। आर्यन और रिया चक्रवर्ती जैसे आरोपियों की मीडिया परेड लाइव लिंचिंग जैसी थी। उनके साथ ये सब होना उनके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार का हनन है।

अफसरों की जिम्मेदारी तय हो

ADVERTISEMENT

Aryan Khan Court news : याचिका में गुहार लगाई गई है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को आदेश दिया जाए कि वर्तमान ड्रग मामले को बॉलीवुड का जश्न बनाने के लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय करने करे। जिस तरह से बॉलीवुड के बच्चों को जेल में डाला गया है, उससे पता चलता है कि कानून का पालन नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि NCB बाहरी प्रभाव में काम करता दिख रहा है।

ड्रग्स तस्करों और पेडलरों को सजा मिले

ADVERTISEMENT

याचिका में कहा गया है कि ड्रग्स तस्करों और पेडलरों को सजा हो। लेकिन ड्रग्स लेने के आदि या नशे की गिरफ्त में आने वालों को सजा का प्रावधान खत्म हो। उन्हें तो ड्रग्स का पीड़ित मानते हुए उनके काउंसलिंग और पुनर्वास केएस इंतजाम किया जाए।

ADVERTISEMENT

याचिका में NDPS कानून के कई प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है। इस बाबत याचिका में कहा गया है कि एक्ट की धाराओं 27a, 35,37, 54 को उपभोक्ताओं के प्रति बेहद सख्त और गैर जरूरी बताते हुए कहा गया है कि दरअसल नशाखोरों को नशा पीड़ित मानकर पुनर्वास केंद्रों पर भेजने का प्रावधान होना चाहिए।

ड्रग्स को लेकर कानून में संशोधन की भी मांग

Aryan Khan Drugs News : ड्रग्स का उपभोग करने वालों के लिए इस कानून के तहत सजा का प्रावधान खत्म करने के सरकार के प्रस्ताव का भी जिक्र किया गया है। याचिका में कहा गया है कि व्यक्तिगत उपभोग के लिए कुछ ड्रग्स खरीदने को अपराध से मुक्त किया जाना चाहिए।

नशीली दवाओं के तस्करों, पेडलर्स और ड्रग्स का सेवन करने वालों के बीच कानूनी अंतर होना चाहिए। ड्रग्स का सेवन करने वालों के प्रति सहानुभूति होनी चाहिए। उसके ऊपर से अपराध की धाराएं हटा दी जानी चाहिए।

बड़ी विसंगति यह है कि जब दुनिया भर में नशीली दवाओं के सेवन करने वाले को आपराधिक श्रेणी से बाहर रखा गया है। भारत में उन्हें NDPS अधिनियम के तहत अपराध के दायरे में रखा गया है।

कौन है समीर वानखेड़े? जानिए समीर वानखेड़े की ज़िंदगी की पूरी INSIDE STORYआर्यन को जमानत दिलाने के लिए रातोंरात लंदन से मुंबई आने वाले एडवोकेट मुकुल रोहतगी की जानें ये दिलचस्प कहानीCruise Drugs case: समीर वानखेड़े ने कोर्ट में दाखिल किया शपथ पत्र, विजिलेंस जांच भी शुरू, पद पर रहेंगे या नहीं? जानें क्या मिला जवाब

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜