कोर्ट ऑर्डर से रिहाई तक की ये है पूरी प्रक्रिया, संतरी ये कह कर बुलाएगा आर्यन को, फिर ऐसे होगी पहचान, अंत में दिलाई जाएगी ये 'कसम'

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Aryan Khan News update : मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में आर्यन खान समेत अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. हालांकि, अभी इन प्रक्रियाओं के बाद ही वो जेल से बाहर आ सकेंगे. आखिर वो प्रक्रिया क्या होती है, और किस तरह से कोई जमानत पर छूटने के बाद जेल से बाहर आता है, वो समझते हैं.

सबसे पहले कोर्ट की तरफ से डीटेल बेल ऑर्डर जारी किया जाता है. उसमें कई शर्तों के साथ जमानत देने की जानकारी होती है. उस बेल यानी जमानत ऑर्डर की सर्टिफाइड कॉपी जब जेल ऑफिस में पहुंचाई जाती है तभी कैदी के जेल से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू होती है.

ये है रिहाई तक की पूरी प्रक्रिया, संतरी कहेगा कैदी नंबर-N956 हाजिर हो


सबसे पहले बेल आर्डर की सर्टिफाइड कॉपी जेल ऑफिस आती है तब कैदी को उसके बैरक से बुलाया जाता है.

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इसके बाद जेल में मौजूद कर्मचारी बैरक के पास जाकर आवाज लगाता है. आर्यन खान के मामले में आवाज लगाई जाएगी.. कैदी नंबर-N956 हाजिर हो. तुम्हारी बेल हो गई. क्योंकि जेल में किसी के नाम से नहीं उसके नंबर से पहचान होती है.

इसके बाद जेल की बैरक से आरोपी को निकालकर संतरी जेल एसपी ऑफिस ले जाएंगा. यहीं पर कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

उस समय जितने कैदियों की रिहाई होनी होती है उन्हें एक साथ जेल ऑफिस के गेट पर लाया जाता है और बैठाया जाता है.

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जेल अधिकारी कैदी का नाम और उसके पिता के नाम से हाजिरी लगाते हैं. ये प्रक्रिया दो बार की जाती है ताकी कोई गड़बड़ी ना हो सके.

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इसके बाद कैदियों के कपड़े उतरवाकर उनके शरीर के कुछ खास निशान से उनकी पहचान की जाती है.

ये निशान उनके जेल आने से पहले ही तिल या किसी कटे या चोट के निशान तौर पर नोट किए जाते हैं. फिर उसी निशान का मिलान किया जाता है. इसे जेलर खुद चेक करते हैं और उनके साथ दो अन्य अधिकारी भी होते हैं.

कैदी की पहचान और वेरिफाई करने की प्रक्रिया होती है लंबी :

आखिर में फिर से एक बार वेरिफाई करने के लिए उनके नाम, एड्रेस, फोन नंबर पूछा जाता है ताकी एक-एक बात का मिलान किया जा सके.

साथ ही ये भी पूछा जाता है कि उसकी हेल्थ कैसी है और उसने आज नहाया और खाया की नहीं. ये सबकुछ पूछकर एक कागज के नोट पर किया जाता है ताकी जेल से बाहर जाने के बाद हेल्थ संबंधी कोई दिक्कत ना हो

इस दौरान कैदी का वजन भी किया जाता है. ये देखा जाता है कि उसके जेल में आने वाले दिन से रिहाई वाले दिन में क्या परिवर्तन आया.

इसके बाद कैदी के साथ करीब 5 मिनट का एक सेशन यानी मीटिंग होती है. जिसमें कैदी को समझाया जाता है कि जिस अपराध के लिए उसे यहां लाया गया उसे वो फिर कभी दोहराए नहीं. वो एक अच्छा इंसान बने.

कैदी से सेशन के दौरान ये भी समझाया जाता है कि वो जेल से बाहर जाकर लोगों को गलत काम नहीं करने के लिए प्रेरित करेगा ताकी किसी को जेल ना आना पड़े. साथ ही उन्हें उनके धर्म के साथ समझाते हुए भगवान या ख़ुदा की कसम दिलाई जाती है कि वो अच्छाई की राह पर चलेंगे.

कैदी से पूछा जाता है कि जेल से निकलने के बाद उसे लेने के लिए कोई परिवार से आया है या नहीं. उसके पास कोई साधन है या नहीं. अगर कोई साधन नहीं होता है तो उसे ट्रेन और बस का फ्री पास दिया जाता है.

आखिर में कैदी के जो कपड़े और सामान होते हैं उसे वापस दिया जाता है. अगर मनीआर्डर के पैसे बचे होते हैं तो उसे भी वापस किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में भी 1 से 2 घंटे का वक्त लग जाता है. इसलिए कई बार जब कोर्ट का ऑर्डर देर शाम में आता है तो कैदी को बाहर निकलने में एक दिन की देरी भी हो जाती है.

ARYAN KHAN : जेल से बाहर आने के बाद कोर्ट की माननी होंगी ये शर्तें; वकील की वो 10 दलीलें जो बनीं आर्यन की जमानत का आधारआर्यन खान को हाई कोर्ट से मिली जमानत, शाहरुख खान को बर्थडे का एडवांस गिफ्ट, लेकिन जेल से कल ही आ सकेंगे बाहर

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