करोड़ों की 'प्लानिंग' पर ऐसे फिरा पानी, 'झूठी' मौत की 'सच्ची' खबर की दिलचस्प कहानी
Bunty Bubly of Germany: सात समंदर पार से एक बंटी बबली की करोड़ों की प्लानिंग की वो कहानी सामने आई जिसमें उनकी शातिर प्लानिंग पर पानी फिर गया।
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Husband Wife Jailed: इंश्योरेंस यानी जीवनबीमा की रकम को फरेब से हासिल करने और फिर उस रकम से ऐश करने के किस्से कहानियों की कोई कमी नहीं हैं। जितने दिमाग उतने आइडिये इस मार्केट में देखे जा सकते हैं। याद कीजिए कुछ अरसा पहले ही एक मुंबई की मसाला मूवी आई थी।
फिल्मी प्लॉट की रियल स्टोरी
नाम था अजनबी। फिल्म का स्टोरी प्लॉट भी इसी थीम पर था कि कैसे फरेब का मकड़जाल फैलाकर इंश्योरेंस की रकम को हड़पा जाए और ऐश की जाए। फिल्म की अपनी मजबूरी है, कि वो क्राइम को ज़्यादा समय तक जस्टिफाई नहीं कर सकता और उसे कहीं न कहीं कानून की जीत दिखानी पड़ती है। इसी तरह एक फिल्म आई थी बंटी बबली। अब हम यहां ये दो फिल्म को लेकर क्यों बैठ गए। दरअसल हमारी ये असली कहानी इन दोनों फिल्मी कहानी का कॉकटेल है। बस ये बात सात समंदर पार जर्मनी की है।
बीमा पॉलिसी की शर्त
इससे पहले हम आपको ये कहानी बताएं, जरा सोचिये अगर कोई बीवी ये ऐलान कर दे, कि उसके पति एक हादसे का शिकार हो गए और समंदर में डूब गए, और ये बात वो साबित भी कर दे तो क्या बीमा कंपनी उसके पति की बीमा पॉलिसी की रकम उसके हवाले कर देंगी। कानून अगर बात की जाए तो हां, उन्हें उस सूरत में ये रकम उसी बीवी को देनी होगी अगर मरने वाले ने नॉमिनी के तौर पर उसी बीवी का नाम लिखवाया हो। अब हम आज की कहानी पर चलते हैं।
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शातिर प्लान के पीछे करोड़ों का जीवनबीमा
असल में दुनिया के मशहूर टैबलाइड ‘मिरर’ में एक स्टोरी छपी थी। उस स्टोरी के मुताबिक ये किस्सा एक ऐसे पति पत्नी का है जिन्हें आप जर्मनी के बंटी बबली भी कह सकते हैं। असल में जर्मनी में एक साहब थे नाम था क्रिस्टॉफ उनकी उम्र 56 साल है। असल में क्रिस्टॉफ ने लगातार बीमा पॉलिसी लेते रहे थे। देखते ही देखते उनके पास करीब 4 मिलियन यूरो यानी करीब 36 करोड़ रुपये की 14 बीमा पॉलिसी इकट्ठा हो गई। तो अचानक क्रिस्टॉफ के मन में लालच पैदा हुआ। और उन्होंने बीमा पॉलिसी की उस रकम को पाने के लिए अपनी बीवी ओलन के साथ मिलकर एक प्लान तैयार किया। इसके बाद क्रिस्टॉफ ने एक मोटरबोट खरीदी। क्रिस्टॉफ ने उस मोटरबोट को जमाने के सामने कुछ इस अंदाज में पेश किया ताकि हरेक को पता चल जाए कि क्रिस्टॉफ मोटरबोट के जरिए ही समंदर के रास्ते जर्मनी के कील तट से डेनमार्क जाने वाले हैं।
हालांकि ये दूरी ज़्यादा नहीं है, बस 250 नॉटिकल माइल्स के आस पास। मगर समंदर के रास्ते जाने के अपने जोखिम हैं और अपना ही रोमांच है। क्रिस्टॉफ की इस फैलाई गई इत्तेला के बाद लोगों ने यही ख्याल किया कि क्रिस्टॉफ एक एडवेंचरके शौकीन हैं लिहाजा ये नए तरह का एडवेंचर करने निकल रहे जो अब तक के उनके एडवेंचर के मुकाबले काफी जोखिम भरा भी हो सकता है।
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जमकर किया स्वांग
लोगों के इस तरह के जज्बात का पता किस्टॉफ को लगा तो वो बेहद खुश हुए क्योंकि ये सब कुछ उनके प्लान का हिस्सा था। क्रिस्टॉफ ने डेनमॉर्क में एक होटल में एडवांस बुकिंग भी करवा दी और उसे अपने सोशल मीडिया पर वायरल भी करवा दिया। बात काफी फैली, और लोगों ने इस पर ताज्जुब भी जाहिर किया।
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सोशल मीडिया में फैली खबर
इसके बाद क्रिस्टॉफ की तरफ से ये खबर भी सोशल मीडिया पर खूब पढ़ी गई कि बाल्टिक सागर से वो अपने सफर पर निकल गए। इस रोमांचकारी यात्रा में अचानक एक टर्निंग प्वाइंट आया जब अचानक सोशल मीडिया पर ये खबर तैरती देखी लोगों ने कि क्रिस्टॉफ की मोटरबोट बाल्टिक सागर में डूब गई। और उसकी तलाश के लिए तमाम गोताखोर लगे हुए हैं।
रोमांचकारी यात्रा का दुखद अंत
गहरे पानी में डूबी उस मोटरबोट की खबर उस इंश्योरेंस कंपनी के पास भी पहुँची जहां से क्रिस्टॉफ ने अपने लिए जीवन बीमा खरीदा था। जिसकी कीमत करीब 36 करोड़ रुपये थी। तलाश हुई और गहरे समंदर में उस मोटरबोट के अवशेष भी गोताखोरों को नज़र आ गए। जिससे इस बात की तस्दीक हो गई कि वाकई क्रिस्टॉफ की एक रोमांचकारी यात्रा का दुखद अंत हो गया।
एक साल का इंतजार
हर तरफ क्रिस्टॉफ की मोटरबोट की ही चर्चा होने लगी। इंश्योरेंस कंपनी भी अपने ग्राहक की बेवक्त मौत को लेकर हैरान और परेशान था। हैरान हादसे को लेकर और परेशान ये कि उसे एक मोटी रकम अपने ग्राहक के परिवार को देनी पड़ेगी। हालांकि कंपनी के पास अभी वक्त था क्योंकि पॉलिसी की शर्तों के मुताबिक उसे ये रकम अप्रैल 2020 में क्रिस्टॉफ की पत्नी के हवाले करनी थी। और तब तक इस बात का इंतजार करना था कि जिस व्यक्ति का बीमा किया गया है वो अब जिंदा वापस नहीं लौटेगा। यानी कंपनी जैसे ही क्रिस्टॉफ को मृत मानती उसे रकम चुकाने की प्रक्रिया शुरू कर देनी पड़ती।
बात खटकी तो खुली असलियत
लेकिन न जाने क्यों इंश्योरेंस कंपनी के अफसरों को ये बात कुछ खटक सी रही थी। उनका दिल गवाही नहीं दे रहा था कि क्रिस्टॉफ के साथ ऐसा हादसा हो गया। लिहाजा कंपनी ने अपनी तसल्ली के लिए इस पूरे मामले की तहकीकात खुफिया तरीके से करवानी शुरू कर दी। शुरु शुरू में तो लगा कि ये उनके दिलका वहम है। लेकिन फिर कुछ ऐसे सुराग हाथ लगे जिससे इसमें दाल में काला नज़र आने लगा।
…और जासूस पहुँच ही गए
छानबीन और तेज हो गई। साथ ही इंश्योरेंस कंपनी ने क्रिस्टॉफ की उन 14 पॉलिसी को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया जो क्रिस्टॉफ के नाम पर थीं। इसके साथ साथ कंपनी ने इस मामले में पुलिस को भी शामिल कर लिया। कुछ समय तक तक मामले को खंगालते खंगालते आखिरकार कंपनी के हायर किए गए जासूस वहां तक जा पहुँचे जहां क्रिस्टॉफ बीमा की रकम को पाने के लिए इंतजार कर रहा था।
धरी रह गई साजिश, न माया मिली न राम
हुआ ये कि जब इस मामले में पुलिस को शामिल किया गया तो क्रिस्टॉफ को भी इसकी भनक लग गई। लिहाजा वो भागकर हनोवर सिटी में अपनी मां के घर जाकर छुप गया था। वहां उसे कोई पहचानता भी नहीं था। लेकिन पुलिस उसके कदमों के निशानों का पीछा करती हुई हनोवर सिटी तक जा पहुँची और क्रिस्टॉफ को आखिरकार दबोच ही लिया। ये पूरा वाकया हुआ साल 2019 में। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद क्रिस्टॉफ को कोर्ट में पेश किया गया और तब जाकर पूरा किस्सा सामने आया और क्रिस्टॉफ यानी जर्मनी के बंटी की चालाकी खुल गई। कोर्ट ने पति पत्नी के प्लान पर पानी फेरते हुए दोनों को फरेब से बीमा की रकम हड़पने के लिए साजिश रचने के इल्जाम में क्रिस्टॉफ को तीन साल दो महीने की सजा सुनाई जबकि उसकी पत्नी को साजिश में साथ देने के इल्जाम में दो साल की कैद सुनाई है।
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