ऑफर का डेडली कॉंबिनेशन, सेक्स भी और पैसा भी, बस शर्त सिर्फ इतनी सी...
All India Pregnant Job Cyber Fraud: ठगी के इस नायाब तरीके ने अब तक कई लोगों को कंगाल बनाया है। असल में चारा भी तो सेक्स और पैसों का है।
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All India Pregnant Job: ठगों और ठगी के बेशुमार किस्से सुने होंगे। नटवरलाल से लेकर सुकेश चंद्रशेखर तक के इस दौर में न जाने कितने ही तीस मारखां ठग आए और चले गए। आंखों से काजल चुराने से लेकर एक बटन दबा कर पूरी तरह से कंगाल कर देने वाले ठग भी देख हैं। जामताड़ा वाले ठग भी देश के कोने-कोने में अपनी कहानियां छोड़ते गए। लेकिन क़सम से ठग और ठगी की ऐसी कहानियां नटवरलाल भी नहीं लिख पाए। ये वो ठगी है जिसे बस सीरियस होकर सोचने भर से सामने वाला लुट जाता है। ठगों की नई जेनरेशन ने मार्केट में ठगी का बिल्कुल नया आइटम इंट्रोड्यूज किया है।
मार्केट में सबसे नया ऑफर
प्रेगनेंट करो -- लाखों कमाओ। जी हां, आप सही सुन रहे हैं। प्रेगनेंट करो और लाखों कमाओ। ठगों के नए उस्तादों ने बाक़ायदा ठगी के अपने इस नए ऑर्गेनाइजेशन का नाम तक रखा हुआ है। ऑल इंडिया प्रेगनेंट जॉब। इंटरेस्टेड हैं, तो अप्लाई कीजिए। बस करना ये है कि आपको एक ऐसी महिला को प्रेगनेंट करना है, जिसको औलाद नहीं हो रही। अगर आपने ऐसा कर दिया, तो आपको दस से 13 लाख रुपये मिलेंगे। और ना भी कर पाए तो मिनिमम रकम पांच लाख रुपये मिलने की गारंटी है। यानी जॉब प्रेगनेंट करने का है।
ऑफर का एक डेडली कॉम्बीनेशन
अब आप ही बताइए, कोई भी जरा सा सीरियस होकर इस ऑफर को सुनेगा, तो लुटेगा कि नहीं? क्योंकि ऑफर का एक डेडली कॉम्बीनेशन है। एक तरफ खूबसूरत महिलाओं को प्रेगनेंट करना और दूसरी तरफ उसके बदले दस से 13 लाख रुपये या कम से कम पांच लाख रुपये कमाना भी। बस, इसी डेडली कॉम्बीनेशन के चक्कर में सैकड़ों लोग हजारों गंवा चुके। और इसी डेडली कॉम्बीनेशन की वजह से ठगों के नए झुंड ने करोड़ों कमा भी लिए। तो चलिए इस बेहद शानदार, लुभावने, दिलकश और डबल फायदा देने वाले इस पूरे खेल के खेल को समझते हैं।
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नवादा में तालाब के किनारे
पटना से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर ये नवादा शहर है। और इसी शहर से करीब 8 किलोमीटर अंदर ये गुरम्हा गांव है। प्रेगनेंट करने और लाखों कमाने की पूरी इंडस्ट्री इसी गांव में है। इस इंडस्ट्री का ये हेडक्वार्टर है। जो फिलहाल तोड़ा जा चुका है। लेकिन इस हेडक्वार्टर से पहले इस कंपनी का पहला दफ्तर ये हुआ करता था। जी चौंकिए मत। करोड़ों के मुनाफे वाली कंपनी का दफ्तर एक झोपड़ी में भी हो सकता है। कंपनी के मुलाजिम के नाम पर फकत 20 से 25 लड़के हैं, वो भी 20 से 30 साल की उम्र के। कंपनी का सारा टर्नओवर इन्हीं नौजवान कंधों पर है। कंपनी चलाने के लिए इ्क्विपमेंट्स के नाम पर बस ये मोबाइल फोन है। पर इसे हल्के में मत लीजिएगा। क्योंकि इसी फोन से शुरू होता है, प्रेगनेंट करने और लाखों कमाने का ये खूबसूरत खेल। और इस खेल को खिलाती है वो कंपनी जिसका नाम है -- ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब।
जॉब के लिए शर्त भी ऐसी
इस ऑफर से जुड़ने के लिए सबसे पहले तो उसे अपना आधार कार्ड और बाकी शिनाख्ती कार्ड देने होंगे। कंपनी से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसकी फीस पांच सौ से सात सौ के दरम्यान है। एक बार फीस जमा करने के बाद ही वो मेंबर बन सकेगा। फिर उसे आगे की जानकारी दी जाएगी। लाखों कमाने के लालच में लोग पांच सौ रुपये देकर मेंबर बन जाते। और यहीं से खेल शुरू होता। इसके बाद नाम पता सब लेकर बाकायदा उन्हें फर्जी स्टैंप पेपर पर हलफनामा भेजा जाता। फिर सीमन यानी वीर्य जांच के नाम पर 15 सौ से 2 हजार रुपये मांगे जाते। जो ये सारे चरण पूरा कर लेता, फिर उसे खूबसूरत महिलाओं की तस्वीरें भेजी जातीं। पांच छह तस्वीरें भेजने के बाद सामने वाले कहा जाता कि वो खुद चुने कि इनमें से वो किसको प्रेगनेंट करेगा? सेलेक्शन हो जाने के बाद उसे बताया जाता कि अगर उसके शहर में कोई थ्री या फाइव स्टार होटल है, तो वो उसके लिए बुक किया जाएगा। होटल का खर्चा कंपनी उठाएगी। वो महिला वहीं पहुंचेगी।
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जॉब के लिए आखिरी शर्त
अब तक सामने वाला पूरी तरह से फंस चुका होता है। इसके बाद होटल पहुंच कर प्रेगनेंट करने से पहले एक आखिरी शर्त पूरी करनी होती है। होता ये है कि कंपनी का नुमाइंदा सामने वाले को एक मैसेज भेजता है। ठीक वैसा ही मैसेज जैसा बैंक में पैसा जमा होने यानी क्रेडिट होने पर कोई बैंक आपको भेजता है। इस मैसेज को भेजने का बाद वो नुमाइंदा सामने वाले से कहता है कि जैसा कि हमने कहा था, प्रेगनेंट करने के लिए जाने से पहले कम से कम 5 लाख रुपये आपको मिलेंगे, तो वो रकम हमने आपके एकाउंट में जमा करा दिया है। एकाउंट का डिटेल सामने वाले से पहले ही ले लिया जाता था।
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यहां दांव में फंसता शिकार
फिर सामने वाले को बताया जाता कि एकाउंट डिपोजिट का मैसेज तो आ गया है, लेकिन आप अपने खाते से इसे तभी निकाल सकते हैं, जब आप पांच लाख रुपये की इस रकम पर अपने हिस्से का जीएसटी जमा कराएं। 18 परसेंट के हिसाब से अब पांच लाख रुपये पर जितनी जीएसटी बनती है, वो पैसे सामने वाले से मांगे जाते। डबल डेडली कॉम्बीनेशन का मारा सामने वाला बेचारा जो भी 80 या 90 हजार जीएसटी के बनते, वो भी कंपनी के बताए खाते में जमा कर देता। पैसा जमा करते ही अब वो दो चीजों का इंतजार करता। पहला -- होटल के कमरे में जाने का और दूसरा पांच लाख रुपये खाते में आने का। और यहीं से ये इंतजार इतना लंबा होता कि कभी खत्म ही नहीं होता। अब सामने वाले संदीप बाबू का मोबाइल ही बंद हो चुका होता। लाख कोशिश लो, दोबारा फोन ही नहीं मिलता। तब जाकर लुटने वाले को अहसास होता कि वो एक ऐसी ठगी का शिकार हुआ है, जिसके बारे में ना वो दोस्तों को बता सकता है, ना घर में। लिहाजा, खून के घूंट पी कर खामोश हो जाता है। अब तक अगला शिकार जाल में फंस चुका होता है।
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