15 का समोसा 20 रुपये में मिला तो गुस्से में पेट्रोल से आग लगा दे दी जान

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15 का समोसा 20 रुपये में मिला तो गुस्से में पेट्रोल से आग लगा दे दी जान
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अमरकंटक से संवाददाता रविन्द्र शुक्ला की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है अमरकंटक। यहीं से नर्मदा और सोन नदी का उद्गम होता है। ये मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में आता है। 22 जुलाई को अमरकंटक का रहने वाला वाला बाजारु जैसवाल नाम का युवक अपने साथी के साथ दुकान पर समोसे लेने पहुंचा। वैसे भी मध्य प्रदेश में इंद्रदेव मेहरबान हैं और ऐसे मौसम में समोसे खाने का मजा ही अलग है। बाजारु भी कुछ ऐसे ही ख्याल दिलोदिमाग में लेकर समोसे की दुकान पर पहुंचा था। उसने दुकानदार से दो समोसे मांगे । दुकान पर उस वक्त दुकान मालिक कंचन साहू के परिवार की कोई महिला बैठी हुई थी। महिला ने बाजारु से दो समोसों के एवज में बीस रुपये मांगे।

बाजारु को ये बात गलत लगी क्योंकि कुछ रोज पहले ही उसने पंद्रह रुपये के दो समोसे खरीदे थे। बस इसी बात को लेकर महिला दुकानदार और ग्राहक बाजारु के बीच बहस होने लगी। शोरशराबा हुआ तो दुकान की मालिकन कंचन साहू के साथ लोगों की भीड़ भी मौके पर जमा हो गई।

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बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि दुकान की मालिकन कंचन साहू ने बाजारु और उसके साथी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। हालांकि बाजारु तब तक दुकान से जा चुका था और उसको नहीं मालूम था कि पुलिस ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

बात घूमते हुए बाजारु तक पहुंची जिसे ये सुनकर बेहद धक्का लगा। 23 जुलाई की सुबह दस बजे बाजारु दोबारा कंचन साहू की दुकान पर पहुंच गया। वो उससे समोसे महंगे करने और पुलिस में उसकी रिपोर्ट दर्ज कराने की शिकायत करने लगा।

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बीते रोज की तरह ही दोनों के बीच बहस होने लगी। कंचन साहू उसे जेल भेजने की धमकी दे रही थी और बाजारु का शिकवा ये था कि वो पंद्रह रुपये के समोसे बीस रुपये में क्यों बेच जा रहा है।

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बहस के बाद खुद को किया आग के हवाले

बहस के दौरान ही बाजारु न जाने कहां से पेट्रोल निकाल लाया उसने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया और इससे पहले कि लोग या दुकानदार कंचन साहू उसे रोक पाते उसने खुद को आग के हवाले कर दिया।

आग लगते ही लोग उसे बुझाने की कोशिश करने लगे लेकिन आग इतनी जोर से फैली कि चंद सेकंड में ही बाजारु बुरी तरह से जल चुका था। जैसे-तैसे आग बुझाने के बाद उसे अस्पताल के लिए रवाना किया गया।

रास्ते में अपने आखिरी बयान के तौर पर उसने मोबाइल पर अपना बयान रिकॉर्ड किया जिसमें उसने अपनी मौत के लिए समोसे की दुकान की मालकिन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया । हालांकि 24 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

ये मामला भी अब पुलिस के पास पहुंचा जिसमें पुलिस खुद ही आरोपी है। सवाल ये है कि बाजारु ने खुदकुशी किस वजह से की समोसे के बढ़े हुए दामों की वजह से या फिर पुलिस की कार्रवाई की वजह से जिसने एक मामूली विवाद को थाने की चौखट के अंदर दस्तक देने दी। पुलिस ये भी कर सकती थी कि दुकानदार और ग्राहक को बुलाकर मामले को रफादफा कर देती लेकिन पुलिस ने बड़ी तेजी से मामला दर्ज कर लिया ।

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