इंदौर में पिज्जावाला बना फर्जी पुलिस कमिश्नर, फोन पर कमिश्नर बता थानेदारों का चेक किया रिस्पॉन्स टाइम, बोला मैं कमिश्नर बोल रहा हूं जल्दी पहुंचों थाने
ADVERTISEMENT
Indore fake police commissioner : इंदौर में फर्जी पुलिस कमिश्नर बता एक युवक ने थानेदारों की ली फिरकी. बाद में बोला मैं तो चेक कर रहा था.
Indore fake police commissioner : इंदौर में फर्जी पुलिस कमिश्नर बता एक युवक ने थानेदारों की ली फिरकी. बाद में बोला मैं तो चेक कर रहा था.
इंदौर से धर्मेंद्र शर्मा की रिपोर्ट
Indore News : ‘मैं इंदौर पुलिस कमिश्नर बोल रहा हूं. आप थाने पर क्यों नहीं हैं. जल्दी थाने पहुंचें.’ अब ये बात सुनते ही क्या मजाल किसी थानेदार की कि वो तुरंत थाने नहीं पहुंचे. ऐसे ही किसी एक या दो थानेदार को नहीं बल्कि कई एसएचओ को फोन आए और औचक निरीक्षण के नाम पर दौड़ते भागते थानेदार जहां तैनात थे वहां से ड्यूटी छोड़कर थाने पहुंचे. लेकिन जब ये थाने पहुंचे तो पता चला कि वहां तो पुलिस कमिश्नर हैं ही नहीं.
काफी इंतजार के बाद भी पुलिस कमिश्नर की कोई जानकारी नहीं मिली तो कई थानेदारों ने अपने सीनियर पुलिस अफसरों को जानकारी दी. इसके अलावा जिस नंबर से फोन आया था उसके बारे में भी बताया. तब जाकर ये पता चला कि पुलिस कमिश्नर ने तो ऐसा ना कोई औचक निरीक्षण किया था और ना कोई कॉल की थी. इसकी जांच हुई तो पता चला कि एक युवक ने बस फिरकी लेने के लिए खुद को पुलिस कमिश्नर बताकर थानेदारों को फोन किया और उनका रिस्पॉन्स टाइम चेक कर रहा था. असल में पिज्जा वाला निकला था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
भोपाल के युवक ने किए कई थानेदारों को फोन
इस युवक को इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भोपाल से गिरफ्तार किया. आरोपी खुद को बीजेपी नेता का बेटा बता रहा है. इसका नाम ओम सोनी है. ये भोपाल का रहने वाला है. इसने 3 सितंबर को चंदन नगर के थानेदार टीआई मनोज मिश्रा को पहले कॉल किया था. उसने कहा था कि मैं पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर बोल रहा हूं. इसके बाद बताया था कि वो थाने पहुंचे हैं. ये सुनते ही थाना प्रभारी तुरंत थाने पहुंचे तब जाकर असलियत सामने आई.
इसी बीच ये भी पता चला कि कुछ और भी थाना प्रभारियों को ऐसी कॉल आई थी. इसके बाद जब उस नंबर को चेक किया गया तो पता चला कि ये तो भोपाल का सिमकार्ड है. फिर क्राइम ब्रांच ने आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया. तब पता चला कि ओम सोनी एक पिज्जा की दुकान में काम करता है और खुद को एक पार्टी नेता का बेटा बताता है. ये भी बताया कि बस वो थाना प्रभारियों की सक्रियता को चेक करने के लिए ऐसा कर रहा था. उसकी मंशा कुछ भी ऐसी नहीं थी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT