सेना में जाने की तैयारी कर रहे नौजवान ने की आत्महत्या, आहत पिता ने कहा- "धैर्य खोनेवाले नौजवान सेना के लायक नहीं"

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सेना (indian army) की अग्निपथ स्कीम (agnipath scheme) को लेकर पूरे देश में बवाल और विरोध (resenment) के बीच सेना में जाने की तैयारी कर रहे एक नौजवान ने ख़ुदकुशी (youth committed suicide) कर ली। ख़ुदकुशी ये वारदात (shocking incident) अपने-आप में एक दहलानेवाली ख़बर है, लेकिन बेटे की आत्महत्या (suicide) के बाद उसके पिता ने जो कुछ कहा है, वो बिल्कुल हटकर है। और एक दुखियारे पिता की इस सोच के लोग कायल हो रहे हैं। बेटे की ख़ुदकुशी पर इस पिता का कहना था कि उनके बेटे ने जान दी, क्योंकि उसका वक़्त आ गया था। इसमें किसी का दोष नहीं है। जो नौजवान किसी फ़ैसले से इस क़दर घबरा जाएं, वो सेना में जाने के क़ाबिल नहीं हैं।

हरियाणा में रोहतक के पीजी हॉस्टल में बुधवार को एक लड़के ने फंदा कर जान दे दी थी। जींद के लिजवाना का रहनेवाला सचिन दो सालों से सेना में जाने की तैयारी कर रहा था। उसने बुधवार की रात को अपने दोस्तों से कहा कि वो किसी की बर्थडे पार्टी में जा रहा है। देर तक लौटेगा। लेकिन जब अगले दिन सुबह लड़के के कमरे का दरवाज़ा नहीं खुला, तो साथ रहनेवाले लड़कों ने दरवाज़ा तोड़ दिया। लेकिन अंदर का मंज़र डरावना था। फंदे से सचिन की लाश लटक रही थी।

सचिन की मौत के बाद उसके पूरे परिवार पर ग़मों का पहाड़ टूट गया है। घरवालों ने बताया कि वो पिछले दो सालों से सेना में जाने की तैयारी कर रहा था। उसने दो भर्तियों में क्वालिफ़ाई भी कर लिया था। लेकिन भर्ती नहीं हुई। इसी बीच उसने ये फ़ैसला ले लिया। उधर, सचिन के पिता सत्यपाल ने कहा है कि उनके बेटे की मौत में किसी का क़ुसूर नहीं है। उसका वक़्त आ गया था। उन्होंने ये भी कहा कि सेना में जाने की इच्छा रखनेवाले नौजवानों में धैर्य होना चाहिए। जो इतनी आसानी से घबरा जाएं, वो सेना में जाने के क़ाबिल नहीं।

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