आखिर 3 रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया अचानक क्यों लौटे धरने से, सामने आई ये वजह?

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आखिर 3 रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया अचानक क्यों लौटे धरने से, सामने आई ये वजह?
केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मीटिंग के बाद पहलवानों के धरने में आया ट्विस्ट
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Wrestlers Protest: ऐसा लगता है कि सिसासी दांव इस कदर दमदार और ताकतवर होते हैं कि उनके आगे किसी भी अंतरराष्ट्रीय चैंपियन पहलवान का दांव मामूली पड़ जाता है। तभी तो एक ही झटके में देश की राजधानी में पहलवानों के बीच मचा दंगल और सुर्खियों में छाए धरने की सारी हवा ही निकल गई। जो पहलवान अभी तक अपनी जगह से हिलने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे थे वो सब के सब केंद्रीय गृहमंत्री के साथ हुई एक ही मीटिंग के बाद ताल ठोंकना छोड़कर अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौटने लगे हैं।  

दंगल के पेच में फंस गया दांव

अक्सर यही देखा जाता है कि कुश्ती के किसी भी मुकाबले में जब दांव बुरी तरह से फंस जाता है तो मुकाबले को बराबरी पर छुड़वा दिया जाता है...ऐसा ही कुछ यहां देखने को मिल रहा है जब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बनाम अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के बीच छिड़े दंगल का पेच किसी ऐसे दांव में फंस गया जिसके बाद इसे बराबरी पर ही छुड़ाया जा सकता था। यानी कुश्ती के पहलवानों का ये मुकाबला ड्रा घोषित कर दिया गया...सोमवार से पहले दोनों तरफ के पहलवान एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे थे लेकिन अब ऐसे लगता है कि दोनों अपने अपने पाले में बैठकर रेफरी के फैसले का इंतजार करेंगे। 

नौकरी पर लौटे तीनों पहलवान

असल में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहा अंतरराष्ट्रीय पहलवानों का दंगल में ये मोड़ उस वक्त आया जब धरना दे रहे पहलवान साक्षी मलिक विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौटने का फैसला किया। 

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यौन उत्पीड़न का आरोप और सुर्खियां

तीनों इंटरनेशनल पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और यौन उत्पीड़न के आरोप में बृजभूषण शरण को जेल भेजने की मांग को लेकर लगातार ताल ठोंक रहे थे। पिछले तीन महीने से चल रहा ये आंदोलन अचानक इंटरनेशनल सुर्खियों में छा गया था क्योंकि बात वर्ल्ड कुश्ती संघ (UWW) तक जा पहुँची थी। देखते ही देखते बात इस कदर हत्थे से उखड़ती जा रही थी कि  और उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ एक्शन लेने की धमकी तक दे डाली थी। 

गृहमंत्री की पहलवानों से मीटिंग

ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। लेकिन अचानक इस पूरे मामले में शनिवार को उस वक़्त जबरदस्त मोड़ आया जब आंदोलन दे रहे पहलवानों से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मुलाकात की। उस मुलाकात में क्या क्या बातें हुईं ये तो अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आ सका, अलबत्ता सोमवार को धरना देने वाले तीनों नामी पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे की अपनी नौकरी को दोबारा ज्वाइन कर लिया। 

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भरोसा दिया जो होगा क़ानूनन होगा

वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश थपलियाल के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई मीटिंग में धरना दे रहे पहलवानों को इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि इस मामले में जो कुछ भी होगा वो कानून के अनुसार होगा और किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में वो तमाम पहलवान मौजूद थे जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। और केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को इस बात के लिए भरोसा दिलाया है कि सरकार किसी भी सूरत में अपने अंतरराष्ट्रीय पहलवानों का सिर और सम्मान नीचा नहीं होने देंगे। उनकी शिकायत पर गौर किया जा रहा है और कानून के मुताबिक जो भी उचित कार्रवाई होगी उसे उसके आखिरी अंजाम तक पहुँचा दिया जाएगा। 

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नौकरी पर वापस लौंटी साक्षी मलिक ने कहा आंदोलन जारी रहेगा

बात इसलिए फंस गई थी

ये बात काबिले गौर है कि 28 मई को पुलिस ने पहलवानों से जंतर मंतर पर धरने वाली जगह खाली तक करा ली थी। और उसके बाद कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और तमाम लोगों ने इन पहलवानों के समर्थन में आने की ताल ठोंक दी थी। जिसको लेकर माना जा रहा था कि सरकार अब दबाव में आ जाएगी और उसे अपने सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। 

पहलवानों की मांग पड़ी कमजोर

लेकिन सोमवार आते आते इस पूरे मामले में जबरदस्त ट्विस्ट उस वक्त आया जब सूत्रों से पता चला है कि बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपनी शिकायत वापस ले ली और धरना दे रहे पहलवानों की मांग कमजोर पड़ गई। हालांकि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना देने वाली साक्षी मलिक ने दावा किया है कि पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने वाली खबर गलत है क्योंकि वो अपने सत्यागृह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हैं। 

आंदोलन से पीछे न हटने की बात दोहराई

असल में सोमवार की सुबह से ही ये खबर गर्म थी कि पहलवानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया और तीनों पहलवान आंदोलन से पीछे हटकर वापस नौकरी ज्वाइन कर ली। इस पर साक्षी मलिक का कहना है कि इंसाफ की लड़ाई में हममें से कोई पीछे नहीं हटेगा। इंसाफ मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने वाली बात को गलत बताया। 

सात महिला पहलवानों की शिकायत

पूरा मामला ऐसा है कि 7 महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। और उसी शिकायत के आधार पर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए थे। लिखी गई FIR में नाबालिग ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। जबकि दूसरी एफआईआर में दूसरे पहलवानों की तरफसे यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। चूंकि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान ने आरोप लगाया था लिहाजा उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। 

पहलवान मीटिंग से संतुष्ट नहीं?

हालांकि पहलवानों के कैंप के सूत्रों ने एक बात जरूर कही जो दबे स्वर में ही कही जा रही है। पहलवानों की तरफ से ये भी कहा जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई पहलवानों की बैठक बेनतीजा रही क्योंकि पहलवानों को जिस फैसले या जिस भरोसे की उम्मीद थी वो गृहमंत्री की तरफ से नहीं मिली। लेकिन उस मीटिंग के कुछ ही घंटों के बाद धरना देने वाले पहलवानों का अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौटना इस बात का इशारा तो कर ही देता है कि कुछ तो ऐसा हुआ है जिसे खुलकर बताने के लिए पहलवानों की हिम्मत नहीं हो रही। 

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