सांसद के क़त्ल की 5 करोड़ 'टाका' की सुपारी, क़त्ल के पीछे बांग्लादेश का बदनाम गोल्ड स्मगलर, सांसद का गोल्ड स्मगलिंग कनेक्शन

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World News: बांग्लादेश की रुलिंग पार्टी आवामी लीग के सांसद अनवारुल अज़ीम रविवार 12 मई को कोलकाता पहुंचते हैं। यहां वो अपनी किसी बीमारी के इलाज के सिलसिले में आए थे यानि भारत में ये उनका एक प्राइवेट टूर था। वो कोलकाता के बारानगर इलाके में रुकते हैं और इसके अगले दिन यानी 13 मई की दोपहर को वो डॉक्टर से अप्वाइंटमेंट लेने की बात कह कर अपने एक जानकार के मकान से बाहर निकलते हैं। वो भारत में अपने जाननेवालों को ये बता कर जाते हैं कि वो रात तक घर वापस लौट आएंगे लेकिन इसके बाद ना तो अनवारुल अज़ीम वापस लौटते हैं और ना ही उनका कोई फ़ोन ही आता है।

12 मई को आए थे कोलकाता

मगर हां, इसी रोज़ उनके मोबाइल फोन से उनके जानकार गोपाल बिश्वास को एक व्हाट्स एप मैसेज आता है, जिसमें ये बताया जाता है कि वो किसी जरूरी काम से अचानक दिल्ली निकल रहे हैं, लिहाज़ा वो उन्हें फोन ना करें। अब गोपाल चाह कर भी अनवारुल से संपर्क नहीं कर पाते। फिर इसके दो दिन बाद यानी 15 मई की सुबह को उनके मोबाइल से एक और मैसेज आता है, जिसमें ये बताया जाता है कि वो कोलकाता से दिल्ली पहुंच गए हैं और कुछ वीआईपी लोगों के साथ हैं। इसलिए उनसे बात करने की कोशिश न की जाए। यानी इस रोज भी बिश्वास की अनवारुल अज़ीम से बात नहीं हो पाती। अनवारुल अज़ीम यही मैसेज बांग्लादेश में अपने घरवालों को और अपने पीए को भी भेजते हैं।

इलाज के लिए भारत आए थे बांग्लादेशी सांसद अजीम अनार

इसके बाद 17 मई का दिन भी निकल जाता है लेकिन गोपाल बिश्वास से सांसद महोदय की बातचीत नहीं हो पाती है। इसी रोज़ बांग्लादेश से उनकी बेटी कोलकाता में गोपाल बिश्वास को फोन कर ये बताती है कि उनकी अपने पिता से बात नहीं हो पा रही है और तब बिश्वास 18 मई को सांसद की गुमशुदगी के सिलसिले में कोलकाता के ही न्यू टाउन पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं। जाहिर ये मामला जितना रहस्यमयी है उनता ही गंभीर भी, क्योंकि मामला एक सांसद की गुमशुदगी का है। लेकिन यहां तक तो फिर भी गनीमत थी, इसके आगे जो कुछ होता है, वो बेहद उलझाने वाला है। इस गुमशुदगी के ठीक 7 दिन बाद 20 मई को विदेश मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस मामले की जांच के लिए खास तौर पर कहा जाता है।

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दो मर्द और एक औरत के साथ डुप्लैक्स में गए थे सांसद

लेकिन इसके दो दिन बाद अनवारुल अज़ीम को लेकर एक ऐसी खबर आती है कि खुद पुलिस भी भौंचक्की रह जाती है। ये बताया जाता है कि अनवारुल अज़ीम का क़त्ल कोलकाता के एक मकान में कर दिया गया है। इसके बाद कोलकाता पुलिस एक्शन में आ जाती है और उस मकान की पहचान करने में कामयाब हो जाती है, जिसे उन्होंने यहां आने के बाद किराये पर लिया था। पुलिस की टीम जब कोलकाता के इस आलीशान संजीव गार्डन अपार्टमेंट में पहुंचती है, तो इस फ्लैट का मंज़र देख कर हक्की-बक्की रह जाती है। फ्लैट में पुलिस को खून के धब्बे, प्लास्टिक को छोटे-छोटे पैकेट्स और ऐसी कई दूसरी चीज़ें मिलती हैं, जिन्हें देख कर इसी मकान में अनवारुल अजीम का क़त्ल किए जाने का शक होता है।

गला दबाकर हत्या की गई

आनन-फानन में पुलिस अपार्टमेंट और फ्लैट के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाती है और इसी तफ्तीश में ये साफ होता है कि क़ातिलों ने ना सिर्फ 13 मई को ही इस फ्लैट में अनवारुल अजीम की जान ले ली थी, बल्कि उनकी लाश को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर अलग-अलग प्लास्टिक के पैकेट्स में भर 14, 15 और 18 मई को ठिकाने लगाने के लिए लेकर गए। जांच के दौरान पुलिस को फ्लैट के पास से ही लाल रंग की एक कार भी मिलती है, जिसे देख कर ये शक है कि इस कार का इस्तेमाल क़त्ल के बाद लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए किया गया।

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सीसीटीवी में दिखे बैग में थी बांग्लादेशी सांसद की लाश

पुलिस की मानें तो अनवारुल अज़ीम का क़त्ल गला दबा कर किया गया, लेकिन मौत कनफर्म करे के लिए उनके सिर पर किसी भारी चीज़ से हमला भी किया गया और तब आखिर में उनकी लाश के टुकड़े किए गए। पुलिस को संजीव गार्डन के इस फ्लैट से खून के धब्बे धोये जाने के सबूत भी मिले हैं, साथ ही ब्लीचिंग पाउडर और दूसरे केमिकल भी पाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल सबूत मिटाने के लिए किया गया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस फ्लैट में क़त्ल से पहले अनवारुल अज़ीम के साथ एक महिला और पुरुष समेत कुल तीन लोग भी मौजूद थे। ये दोनों 15 और 17 मई के बीच कई बार फ्लैट से बाहर निकलते और फिर अंदर जाते हुए देखे गए, लेकिन सीसीटीवी में सांसद एक बार भी बाहर आते हुए नजर नहीं आए।

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बांग्लादेश सांसद की हत्या में बड़ा खुलासा

पुलिस को शक है कि इन तीन लोगों में से कम से दो लोग इस वारदात के बाद बांग्लादेश भाग गए। ज़ाहिर है अब तक की तफ्तीश में इतना तो साफ हो चुका है कि क़ातिलों ने बांग्लादेशी सांसद की हत्या कर दी है और उनकी लाश के टुकड़े कर उन्हें कोलकाता में ही कहीं ठिकाने लगा दिया है लेकिन लाश के टुकड़े ठीक कहां ठिकाने लगाए गए हैं और इस क़त्ल का एक्जैक्ट मोटिव क्या है, इस पर फिलहाल रहस्य की चादर पड़ी है। लेकिन इसे कोलकाता पुलिस के साथ बांग्लादेश पुलिस के तालमेल का असर ही कहेंगे कि बांग्लादेश पुलिस ने कोलकाता पुलिस की निशानदेही पर वहां तीन लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है।

शव के टुकड़े करके फ्रीजर में रखे

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में वहां के गृह मंत्री असदुज्ज़मां खान ने वहां तीन लोगों की गिरफ्तारी की खबर पर मुहर लगाने के साथ-साथ ये साफ किया कि इसकी साज़िश बांग्ला देश में रची गई और क़त्ल को भारत में अंजाम दिया गया। वैसे कोलकाता पुलिस ने सांसद महोदय के क़त्ल की साज़िश और मोटिव को लेकर बेशक कुछ साफ ना किया हो, लेकिन बांग्लादेश पुलिस के हवाले से बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून ने इस क़त्ल को अनवारुल अजीम के बचपन के दोस्त और उनके बिजनेस पार्टनर अकतारुजमां का हाथ बताया है। अखबार की माने तो ये शाहीन ही है, जिसने ना सिर्फ अनवारुल अजीम के क़त्ल की साज़िश रची, बल्कि इसके लिए कातिलों को 5 करोड़ बांग्लादेशी टाका की सुपारी भी दी।

ढाका में बैठकर कोलकाता में कराई गई हत्या

प्लानिंग के मुताबिक जैसे ही सांसद ढाका से कोलकाता पहुंचे, कातिल भी उनके पीछे-पीछे भारत पहुंच गए और आखिरकार उन्हें भरोसे में लेकर उन्हीं के किराये के फ्लैट में उनका क़त्ल कर दिया गया। बांग्लादेश पुलिस की मानें तो अनवारुल अजीम के दोस्त अकतारुज्जमां शाहीन उनसे कारोबारी रंजिश रखते थे और इसी वजह से उन्होंने ये साजिश रची। दोनों बांग्लादेश के जेनाईदह इलाके के रहने वाले हैं और शाहीन के पास अमेरिकी नागरिकता भी है। क़त्ल से पहले की सारी तैयारी शाहीन ने पहले ही कर रखी थी। सूत्रों का कहना है कि शाहीन अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ 30 अप्रैल को कोलकाता आया था, जहां उन्होंने संजीव गार्डन में ये फ्लैट किराये पर लिया।

बांग्लादेशी सांसद की हत्या अमेरिकी दोस्त ने कराई

इस फ्लैट में उसके दो गुर्गे पहले से मौजूद थे, जिनके साथ मिलकर उसने क़त्ल की पूरी साजिश रची। इसके बाद वो 10 मई को बांग्लादेश वापस लौट आया और अपने गुर्गों के अनवारुल अजीम के क़त्ल की सुपारी दे दी, जो कुछ ही दिनों में भारत जाने वाले थे। कोलकाता में रह रहे बांग्लादेशी कातिलों ने कोलकाता के कुछ लोकल क्रिमिनल्स को भी क़त्ल की इस साज़िश में शामिल किया। बांग्लादेशी पुलिस सूत्रों की मानें तो अनवारुल अजीम दर्शना बॉर्डर से बांग्लादेश से भारत आने के बाद पहले दिन अपने फैमिली फ्रेंड गोपाल बिश्वास के घर पर ही रुके थे, जिसके बाद उन्हें शाही ने अपने संजीव गार्डन वाले किराये के अपार्टमेंट में बुला लिया।

हत्या के लिए पांच करोड़ की सुपारी 

असल में शाहीन का सांसद अनवारुल अजीम से रुपये-पैसों को लेकर कुछ अनबन चल रही थी, जिसके चलते शाहीन के ईशारे पर उसके गुर्गों ने पहले धोखे से अनवारुल अजीम को अगवा किया, उन्हें फ्लैट में कैद किया और वहीं उसकी जान ले ली। असल में अकतरुज्जमां शाहीन एक गोल्ड स्मगर के तौर पर जाना जाता है और खुद सांसद अनवारुल पर भी शाहीन के इस काले कारोबार में शामिल होने के इल्जाम लगते रहे हैं। ऐसे में बांग्लादेश पुलिस को शक है कि शाहीन ने इस गोल्ड स्मगलिंग के पैसों के विवाद में अपने साथी और सांसद अनवारुल अजीम का क़त्ल करवा दिया और लगातार उनके व्हाट्सएप से झूठे मैसेज भेज-भेज कर उनके घरवालों और नजदीकियों को गुमराह करता रहा।

(बांग्लादेश से सईदुल हसन खोकोन, कोलकाता से राजेश साहा, अनिर्बान, अनुपम मिश्र के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट)

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