भारत के खिलाफ साजिश में Britain और US को भी शामिल करना चाहते थे ट्रूडो, लेकिन लगा झटका

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World Crime News: खालिस्तानी आतंकी, निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था. उसने 2014 में पांच लोगों के साथ मिलकर खालिस्तान टाइगर फोर्स की स्थापना की थी. भारत में जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, उस दौरान विदेश में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकियों ने प्रदर्शन भी किया था. इस मामले में NIA ने भारत सरकार के खिलाफ भावनाओं को भड़काने के आरोप में FIR दर्ज की थी. FIR के मुताबिक आरोपियों ने भारत सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए भारी मात्रा में पैसा इख्ट्टा किया था, जिसका मकसद लोगों को विदेश में भारतीय दूतावासों के खिलाफ, प्रदर्शन करने के लिए उकसाने में किया गया. इसमें 3 आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर का नाम शामिल था, जबकि चौथे कॉलम में भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने वाले अज्ञात आतंकवादियों को भी शामिल किया गया था.

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CANADA से सक्रिय खालिस्तानी अलगाववादी समूह, सिख फॉर जस्टिस ने निज्जर की हत्या के विरोध में अगले हफ्ते कनाडा में भारतीय दूतावास के ऑफिसों को बंद करने की धमकी दी है. संगठन ने इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान भी किया है. आतंकवादी निज्जर की 18 जून 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही है. हालांकि अभी तक इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जांचकर्ता तीन संदिग्धों की तलाश कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगले हफ्ते ओटावा टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन होने वाला हैं. सिख्स फॉर जस्टिस का चीफ पन्नून का कहना है कि, वो भारतीय दूतावासों को काम करने की अनुमति नहीं देंगा और वो कनाडाई सरकार पर उन व्यक्तियों के नाम बताने के लिए दबाव डालेंगा जो निज्जर की हत्या करने और उसे मारने के आदेश देने के लिए जिम्मेदार हैं.

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TEXAS में डीपीएस के जवानों ने दिमित काउंटी में यातायात रोकने के दौरान एक रेत ट्रेलर के अंदर छिपे 17 अवैध अप्रवासियों को पकड़ा है। बॉर्डर पर एक ऑपरेशन के तहत चैकिंग की जा रही थी, जिसके चलते इन लोगों को पकड़ा गया. दरअसल, ट्रेलर को एक चोरी के ट्रक के पीछे ले जाया जा रहा था. उस ट्रक के नंबर से पहचान हुई कि वो ट्रक क्राइम की कई वारदातों से जुड़ा हुआ है. इस ट्रक में लोगों को छिपाया हुआ था और उसे सील कर दिया गया था। इस ट्रक में 14 पुरुष, 2 महिलाएं और एक बच्चा था. पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है. HUMAN SMUGGLING के आरोप में ड्राइवर को जेल भेज दिया गया है.

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NEPAL: नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 670 कैदियों की सजा माफ कर दी है। इनमें उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी भी शामिल हैं। संविधान दिवस के अवसर पर सरकार की सिफारिश के अनुसार ये कदम उठाया गया है। नेपाल में 20 सितंबर, 2015 को नये संविधान की उद्घोषणा की गयी थी। राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता शैलजा रेगमी ने एक बयान में कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा अपनी एक बैठक में की गयी सिफारिश के आधार पर इन कैदियों की जेल की सजा माफ की गयी है। इन कैदियों को अब रिहा किया जाएगा। 20 सितंबर को नेपाल में संविधान दिवस मनाया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रिमंडल की सिफारिश पर गणतंत्र दिवस, संविधान दिवस और दसईं उत्सव के दौरान कैदियों को रिहा करने की एक रीत रही है. लेकिन ऐसे फैसले बार बार विवादों में घिर ही जाते हैं।

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AZERBAIJAN: रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच चल रही जंग के बाद अब दो और देशों के बीच जंग छिड़ गई है। अज़रबैजान ने फिर से आर्मेनिया के खिलाफ जंग छेड़ दी है। रिपोर्ट के मुताबिक अज़रबैजान ने आर्मेनिया में मंगलवार को तेजी से हमले किए, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई।आर्मेनिया के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को आर्मेनिया के खिलाफ जंग छेड़ दी गई है। अज़रबैजान के सैन्य हमले में 25 लोग मारे गए, इसमें दो नागरिक भी शामिल है। इसके अलावा हमले में 130 से ज्यादा लोग घायल हुए है। अज़रबैजान ने पहले ही यानि की 10 सितंबर को ही आर्मेनिया के खिलाफ जंग का एलान कर दिया था। आर्मेनिया के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिसमें आर्मेनिया के नियंत्रण में आने वाले कई क्षेत्र भी शामिल है। अज़रबैजान इस क्षेत्र पर कब्जा चाहता है, इसलिए उन्होंने यहां हमले तेज कर दिए हैं.

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CANADA: खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत का नाम घसीटने वाले कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो अमेरिका और ब्रिटेन को भी अपनी 'साजिश' का हिस्सा बनाना चाहते थे. लेकिन इस कोशिश में उन्हें बड़ा झटका लगा है. और दोनों ही देशों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है. ट्रूडो ने अमेरिका और ब्रिटेन को अपने पक्ष में करने की काफी कोशिशें कीं. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने खुद ये बात स्वीकार की है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के सामने इस मामले को उठाया. अब अमेरिका की एक रिपोर्ट ने ये दावा किया है कि ट्रूडो की ये कोशिश बुरी तरह से फेल हो गई है. कनाडा ने अमेरिका समेत अपने करीबी देशों से इस मामले में भारत की निंदा करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया.

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