दिल्ली के पूर्व एलजी का खासमखास सब इंस्पेक्टर अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं?
Delhi Former LG Close Police men not Arrested: दिल्ली के पूर्व एलजी के करीबी सब इंस्पेक्टर मुनीष कुमार राठी के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विजलेंस विभाग ने करप्शन का मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
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Delhi Police News: दिल्ली के पूर्व एलजी के खासमखास सब इंस्पेक्टर मुनीष कुमार राठी के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विजलेंस विभाग ने करप्शन का मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। Why is the sub-inspector of former Delhi LG not arrested yet?
इस सब इंस्पेक्टर के खिलाफ राजेश मेहता नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी। आरोप है कि राजेश मेहता ने सब इंस्पेक्टर को डेढ़ किलो सोना दिया था। आरोप है कि ये गोल्ड साल 2021 में लिया गया था। इसके बाद राजेश ने विजलेंस में सब इंस्पेक्टर की शिकायत की थी। विजलेंस विभाग ने 12 मई 2023 को राजेश की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। 17 मई को विजलेंस विभाग ने अपने ज्वाइंट सीपी को ये जानकारी दी कि सीपी ने डीसीपी विजलेंस की सिफारिश पर सीआरपार्क थाने के SHO रितेश कुमार को एसएचओ के पद से हटाने की कार्रवाई को मंजूर कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने रूटीन फाइल चेकिंग में इस सिफारिश को अपरूव कर दिया था।
Why is the sub-inspector associated with former Delhi LG not arrested yet?
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CR Park : जैसे ही ये जानकारी SHO CR Park रितेश कुमार को लगी, उन्होंने सीनियर पुलिस अधिकारियों को अपनी बात बताई और ये बताया कि उसका सब इंस्पेक्टर से कोई लेना-देना नहीं है। शुरुआती तौर पर सीनियर अधिकारियों ने इस बाबत एसएचओ की बात मानी। इस संबंध में स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा का कहना है कि एसएचओ को हटाया नहीं गया है। डीसीपी साउथ चंदन चौधरी के मुताबिक, मामले की जांच विजलेंस कर रही है। अब सवाल ये उठता है कि एसएचओ का नाम इस कांड में क्यों सामने आया? दरअसल, राजेश मेहता के खिलाफ एक केस दर्ज है। आरोप है कि इस केस में बेल दिलाने की एवज में उससे सब इंस्पेक्टर ने ये सोना लिया था। डीसीपी विजलेंस ने जांच में पाया कि इस मामले में एसएचओ रितेश का कन्डक्ट भी ठीक नहीं था। अब उन्होंने ऐसा क्यों लिखा? ये अपने आप में सवाल है।
सूत्रों से पता चला है कि सब इंस्पेक्टर मुनीष राठी दिल्ली के पूर्व एलजी का खासमखास है। ये उन्हीं के साथ एटैच है। ये सब इंस्पेक्टर सीआर पार्क थाने और लोधी कालोनी थाने में रह चुका है। रितेश कुमार 2021 के आखिरी में सीआरपार्क के एसएचओ बने थे। ये मामला 2023 में दर्ज हुआ है, इस वक्त भी रितेश कुमार एसएचओ सीआरपार्क है। सूत्र बताते हैं कि मुनीष का दिल्ली पुलिस में खासा दबदबा था, क्योंकि वो पूर्व एलजी के साथ जुड़ा हुआ था।
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अब देखना होगा कि क्या दिल्ली पुलिस के अधिकारी इस सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करेंगे, जिसने महकमे को शर्मसार किया है। या फिर दबाव के चलते ऐसा नहीं होगा।
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क्या थी शिकायत ?
सीआरपार्क थाने में शिकायतकर्ता के एक दोस्त के खिलाफ 20 नवंबर 2020 को एक केस दर्ज हुआ था। अदालत ने आरोपी को जेल भेज दिया। शिकायतकर्ता अपने एक जानकार के जरिए आरोपी एसआई को जानते थे। एसआई ने फरवरी 2021 में दावा किया कि उसे पता चला है कि पीड़ित लड़की ने उनके दोस्त को झूठे केस में फंसाया है। उसके पास इसके पुख्ता सबूत के तौर पर लड़की की कॉल रिकॉर्डिंग है, जिसमें वह मान रही है कि उसने शिकायकर्ता के दोस्त को वसूली करने के लिए झूठे केस में फंसाया है।
इसी सबूत को देने की एवज में एसआई ने 60 लाख रुपये की मांग की थी। वो कैश का इंतजाम नहीं कर पाए। इस कारण आरोप है कि उन्होंने 26 फरवरी 2021 को उसे 1.4 किलो गोल्ड दिया, मगर एसआई ने उन्हें कोई सबूत नहीं दिया। 25 मार्च 2022 को कोर्ट ने शिकायतकर्ता के दोस्त को उस मामले में बरी कर दिया।
वह एसआई को गोल्ड लौटाने के लिए कह रहे थे। इस बातचीत के स्क्रीनशॉट व तमाम सबूत पीड़ितों ने चितरंजन पार्क थाना पुलिस और स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर (जोन-2) को दिए थे। इस केस में पीड़ित विजलेंस विभाग चला गया था। अब सवाल ये भी है कि क्या वाकई सोना मिला या नहीं ?
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