सौतेली मां के Torture ने बनाया Bareilly का 'जानी दुश्मन', बीवी से नहीं हुई हसरत पूरी तो बना Psycho Serial Killer
Who is Psycho Serial Killer:बरेली में जिस साइको सीरियल किलर को पुलिस ने पूरे 14 महीनों की खाक छानने के बाद आखिरकार उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली। लेकिन उस सीरियल किलर का जब सच सामने आया तो हर कोई हैरान हो गया। अब सामने आ चुका है उस किलर के सीरियल किलर बनने की पूरा किस्सा
ADVERTISEMENT
न्यूज़ हाइलाइट्स
बरेली के 90 गांवों में थी साइको किलर की दहशत
सौतेली मां ने सताया और बीवी छोड़कर चली गई
सीरियल किलर का बंजारापन, अधेड़ उम्र की औरतें थीं शिकार
Bareilly Serial Killer: कई बरस पहले एक फिल्म आई थी 'जानी दुश्मन'। उस फिल्म में किस्सा दुल्हन के गायब होने और उसके कत्ल का होता था। फिल्म की कहानी के मुताबिक डोली में लाल जोड़ा पहनकर जाने वाली गांव की किसी भी दुल्हन को एक साइको किलर उसे अगवा कर लेता है और फिर उसे जानवरों की तरह तड़पा तड़पा कर मौत के घाट उतार देता है। आखिर में किलर पकड़ा जाता है और तब सामने आती है उस जानी दुश्मन के किलर बनने की पूरी कहानी। बरेली के सीरियल किलर या यूं कहें बरेली के जानी दुश्मन का किस्सा भी कुछ ऐसा ही है।
90 गांव के लोगों की नींद हराम
उस सीरियल किलर (Serial Killer) जिसने उत्तर प्रदेश के बरेली के एक दो नहीं पूरे 90 गांवों के लोगों की नींद हराम कर रखी थी। वो सीरियल किलर, जिसकी वजह से महिलाओं ने रात में घर से अकेले बाहर निकलना ही बंद कर दिया था। वो सीरियल किलर जिसके खौफ की वजह से लोग खेतों में काम करने जाने से डरने लगे थे। सीरियल किलर की दहशत का आलम ये था कि महिलाएं अपने साथ हथियार लेकर चलने को मजबूर हो गई थी। लेकिन अब ये खौफ, ये दहशत, ये डर पुलिस की हथकड़ियों में जकड़ा जा चुका है। उसे फौलाद की सलाखों के पीछे धकेला जा चुका है। एक दो नहीं पूरे एक साल तक उसकी दहशत ने पूरे इलाके को कैद कर रखा था। कानून की हथकड़ियों ने उसे जकड़ा और पकड़ा जरूर लेकिन तब तक वो सात सात जानें ले चुका था।
Target अधेड़ होती महिलाएं
लेकिन इस बरेली के जानी दुश्मन बने इस आरोपी का सबसे चौंकाने वाला पहलू ये था कि इसकी शिकार सिर्फ और सिर्फ उम्र की सीढ़ियों को चढ़ती जा रही अधेड़ होती महिलाएं होती थीं। मगर आखिर ये सीरियल किलर क्यों चुन-चुन कर महिलाओं की ही जान ले रहा था? क्यों वो सुनसान सड़कों पर अकेली महिलाओं को टारगेट करता था? क्यों उसने क़त्ल के लिए सिर्फ़ 50 से 60 साल की उम्र वाली महिलाओं को ही चुना? क्यों उसने हर क़त्ल साड़ी के पल्लू या फिर महिलाओं के दुपट्टे से किया? और आख़िर उसके दिमाग़ में ऐसा क्या चलता था कि वो सिर्फ महिलाओं को ही मारता था? ये सवाल जितने अहम हैं, सीरियल किलर की गिरफ्तारी के बाद इनके जवाब भी उतने ही चौंकाने वाले सामने आए हैं।
ADVERTISEMENT
सौतेली मां का Torture
दरअसल, बरेली पुलिस ने शीशगढ़ और शाही थाना इलाके में महिलाओं की हत्याओं के सिलसिले में कुलदीप गंगवार को पकड़ा था। खुलासा ये है कि नवाबगंज थाना इलाके के बाकरगंज गांव के रहने वाले कुलदीप गंगवार ने खुद पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने छह महिलाओं की हत्या की। 35 साल के कुलदीप के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। कुलदीप की सौतेली मां उस पर जुल्म ढाती थी। जिससे वो कई बार घर से भाग चुका था। कुलदीप की सगी मां और उसकी दो बहनों की मौत पहले ही हो चुकी थी।
शादी के बाद ही छोड़कर चली गई बीवी
साल 2014 में कुलदीप गंगवार की शादी तो हुई लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। इन सारी बातों ने कुलदीप के दिलो दिमाग में कुछ ऐसा असर डाला कि उसे महिलाओं से नफरत हो गई।
ADVERTISEMENT
महिलाओं से हो गई नफरत
इसके बाद वह चुन-चुनकर महिलाओं को अपना निशाना बनाने लगा। उसने सभी मर्डर गला घोंटकर किए और लाशों को सुनसान खेतों में फेंक दिया। पूछताछ में कुलदीप ने बताया कि उसे महिलाओं से चिढ़ हो गई थी। वह औरतजात से नफरत करने लगा था। इसलिए चुन-चुनकर महिलाओं को मौत के घाट उतारने लगा था।
ADVERTISEMENT
20 से 25 किलोमीटर के दायरे में कत्ल
बरेली के थाना शाही इलाके में सिलसिलेवार तरीके से महिलाओं के कत्ल हो रहे थे। इन वारदातों से इलाके में दहशत फैली हुई थी। बीते 14 महीनों के दौरान 9 महिलाओं को मार दिया गया था। इस सभी महिलाओं का कत्ल एक ही पैटर्न से हुआ था। ये सभी वारदात 20 से 25 किलोमीटर के दायरे में हुई थीं। खेतों में अधेड़ उम्र की महिलाओं की लाशें मिली थीं। बरेली के शाही, शीशगंज और फतेहगंज थाना क्षेत्र में पिछले साल जुलाई से महिलाओं के कत्ल हो रहे थे।
कत्ल का एक ही पैटर्न
इन हत्याओं में काफी समानताएं थीं। सभी कत्ल दोपहर के वक्त हुए। कातिल ने 50 से 60 साल उम्र की महिलाओं को निशाना बनाया। वो हत्या के लिए महिलाओं की साड़ी के पल्लू या फिर दुपट्टों का इस्तेमाल करता था और उनके गले के बांयी ओर गांठ लगा देता था। ज्यादातर कत्ल गन्ने के खेतों में या उसके आसपास हुए थे। हालांकि कुछ मामलों में तो महिलाओं के गहने गायब मिले लेकिन आमतौर पर मरने वाली महिलाओं के जेवर सही सलामत भी थे। ऐसे में ये बात पुलिस के सामने साफ हो गई कि हत्या के पीछे न तो चोरी और न ही लूट का मकसद है।
पुलिस ने जारी किए स्केच
तब इन वारदातों को लेकर पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए। इसी के साथ नंबर जारी करते हुए तुरंत सूचना देने की अपील की गई थी। सालभर से रहस्य बने पहले कत्ल से लेकर उसके पकड़े जाने तक पुलिस टीमें उसकी तलाश में चप्पे-चप्पे की खाक छानती रहीं।
कातिल का बंजारापन
पुलिस की मानें तो बरेली के ग्रामीण इलाके से आने वाला कुलदीप बंजारे की तरह जिंदगी जीता था। अक्सर बाहर रहता था। उसका अपना घर नहीं था। वो अक्सर रिश्तेदारों के यहां खाने-पीने पहुंचता और फिर निकल जाता था। लोग कभी ये नहीं समझ सके कि कुलदीप महिलाओं का कत्ल कर रहा है। जब पुलिस ने ऐसे घूमने-भटकने वाले नशे के आदी और संदिग्ध लोगों की सूची बनाने की शुरुआत की, तब कुलदीप पुलिस की रडार पर आया था।
ADVERTISEMENT