आर्यन की व्हॉट्सअप चैट में ऐसा क्या है जिससे नहीं मिली बेल ? क्या HC में भी दोहराया जाएगा वही फैसला ?

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CRIME NEWS MUMBAI

18 दिन की क़ैद के बाद भी फिल्म स्टार शाहरुख के बेटे आर्यन खान के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल से आजादी का ऑर्डर नहीं आया. NDPS स्पेशल कोर्ट ने आर्यन शाहरुख खान की जमानत अर्जी ठुकरा दी. न सिर्फ आर्यन बल्कि क्रूज शिप ड्रग्स पार्टी केस में आर्यन के साथ आरोपी बना उसका दोस्त अरबाज मर्चेंट और फैशन मॉडल मुनमुन धमीचा की भी जमानत अर्जी अदालत ने नामंजूर की

सतीश मानेशिंदे और अमित देसाई जैसे नामी वकीलों की दलीलें NDPS कोर्ट को आर्यन के पक्ष में फैसला देने को राजी नहीं कर सकीं. कोर्ट में आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट की ओर से खुद पर ड्रग्स लेने के NCB के आरोपों को गलत ठहराया गया था. और मुनमुन धमीचा ने तो अपनी जमानत याचिका में क्रूज शिप पर खुद को एक अतिथि के तौर पर होने की दलील रखी थी. लेकिन NDPS कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी ठुकरायी और NCB की इस दलील को वजनदार माना कि तीनों का आपस में कनेक्शन है.

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आर्यन खान की जमानत अर्जी ठुकराने के कोर्ट के फैसले में बड़ा रोल उन व्हॉट्सअप चैट का रहा, जिसके आधार पर NCB ने कॉन्सपिरेसी वाला केस खड़ा किया है और कहा है कि वो अवैध ड्रग्स के धंधे में शामिल है.

NDPS कोर्ट के फैसले में कहा गया कि व्हाट्सअप चैट प्रथम दृष्टया खुलासा करती हैं कि आरोपी नंबर 1 नियमित तौर पर अवैध ड्रग्स की गतिविधियों में शामिल है. इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि आरोपी नंबर 1 जमानत पर फिर वही कारनामे नहीं करेगा.

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ऐसे बढ़ी आर्यन की मुसीबतें

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2 अक्टूबर को मुंबई में आर्यन समेत अन्य आरोपियों पर गोवा जा रहे क्रूज शिप पर NCB ने शिकंजा कसा था और 3 अक्टूबर को उसकी गिरफ्तारी दिखायी गई. NCB ने आर्यन के दोस्त अरबाज मर्चेंट के पास से 6 ग्राम गांजा बरामद किया था और इसी आधार पर उसके खिलाफ ड्रग्स लेने का केस बना. फिर NCB के व्हॉट्सअप चैट वाले दावों से आर्यन के खिलाफ केस गंभीर बन गया है. आर्यन खान और अन्य आरोपियों पर NDPS एक्ट के सेक्शन 8 (c), सेक्शन 20 (b), सेक्शन 27, 28, 29 और 35 के तहत NCB ने केस दर्ज किया है यानी ड्रग्स लेने, उसकी खरीद करने और उसको बेचने जैसे संगीन आरोप उन पर हैं.

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से खास दलील ये दी गई थी कि अगर ये आरोप मान भी लिए जाएं कि ड्रग्स की बरामदगी हुई तो भी NDPS एक्ट के सेक्शन 37 के तहत जमानत मिलने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि रिकवरी तय मात्रा से कम है. लेकिन मुंबई की NDPS कोर्ट ने साफ कहा कि प्रथम दृष्टया जो साक्ष्य रखे गए हैं, उसके आधार पर सेक्शन 37 के तहत बेल नहीं दी जा सकती. NDPS कोर्ट के इस सख्त फैसले के बाद आर्यन और बाकी दोनों आरोपियों की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत अर्जी डाल दी गई है.

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