CBI Court: सीबीआई अदालत ने पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी खारिज की, न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक बढ़ी

ADVERTISEMENT

CBI Court: सीबीआई अदालत ने पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी खारिज की, न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक बढ़ी
social share
google news

Kolkata News: कोलकाता की एक सीबीआई अदालत (CBI Court) ने सरकारी विद्यालयों में भर्ती (Recruitment Scam) अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये पश्चिमी बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी और उनकी न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी।

अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को शिक्षण एवं शिक्षणेतर कर्मियों की भर्ती से जुड़े पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग के इस घोटाले की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया। अदालत ने सीबीआई के अनुरोध पर चटर्जी की न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी। उसने पूर्व मंत्री की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सीबीआई ने एक अदालती आदेश पर चटर्जी को 16 सितंबर को हिरासत में लिया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने चटर्जी की कथित करीबी अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से ढेर सारा नकद, गहने और जमीन के कागजात मिलने के बाद 23 जुलाई को उन्हें (चटर्जी को) गिरफ्तार कर लिया था। जमानत की मांग करते हुए चटर्जी के वकीलों ने अदालत में दावा किया कि पिछले हिरासत आदेश के बाद से जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है और ऐसे में उनके मुवक्किल को जेल में रखने का कोई तुक नहीं है।

ADVERTISEMENT

सीबीआई के वकील ने कहा कि जांच चल रही है और इस पड़ाव पर पूर्व मंत्री को रिहा करने से जांच पर बुरा असर पड़ेगा। चटर्जी के पास 2014 से 2021 तक पश्चिम बंगाल का शिक्षा विभाग का प्रभार था तथा सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षण एवं शिक्षणेतर कर्मियों की भर्ती में अनियमितताएं कथित रूप से उसी दौर में हुई थीं।

ईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिये जाने के बाद चटर्जी को ममता बनर्जी सरकार ने मंत्रिपद से हटा दिया था। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब उनके पास संसदीय कार्य, उद्योग एवं वाणिज्य समेत कई विभागों का कामकाज था।

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜