...तो इस तरह जेलेंस्की ने पुतिन को घुटनों पर ला दिया! जानिए क्या थी रुस के खिलाफ जेलेंस्की की रणनीति
रुस के खिलाफ जेलेंस्की की रणनीति volodymyr zelensky strategy on ukraine russia war
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Russia-Ukraine War: ज़ाहिर है रूस के मुकाबले यूक्रेन कहीं नहीं ठहरता, वो भी तब जब अमेरिका और नाटो देशों ने सामने से आकर उसके लिए जंग करने को इनकार कर दिया। लेकिन बावजूद इसके जेलेंस्की की लीडरशिप में यूक्रेन ने रूस को चकरघन्नी बना रखा है। जिस तरह जेलेंस्की आर्मी की ड्रेस पहनकर मोर्चे पर उतरे उससे ना सिर्फ उनकी बहादुरी के चर्चे बल्कि उनकी युद्धनीति के चर्चे भी पूरी दुनिया में हो रहे हैं।
जेलेंस्की की रणनीति का सीक्रेट!
गुरुवार को जब रूस ने हमले की शुरुआत की थी तब यूक्रेन की सेना और एयरफोर्स के ठिकानों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया था और चेरनोबिल जैसे शहरों को जीतती हुई रूसी सेना तेजी से राजधानी कीव की तरफ बढ़ रही थी। तब दुनियाभर के डिफेंस एक्सपर्ट मानने लगे थे कि बस कुछ घंटों में रूसी सेना राजधानी कीव को अपने कब्जे में ले लेगी, राष्ट्रपति जेलेंस्की देश छोड़कर भाग जाएंगे, और जल्द ही तख्तापलट करके रूस यूक्रेन में अपनी पसंद की सरकार बनवाएगा।
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पांच दिन की लड़ाई के बाद अब हालात पलटते नज़र आ रहे हैं। रूस के सपने पूरे होते नहीं दिख रहे, भले ही बाद में रूस जंग जीत ले लेकिन अभी तो यूक्रेन के सभी बड़े शहरों में यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों के साथ आमने-सामने की जंग लड़ रही है। रूसी सेना को बड़े नुकसान की रिपोर्टें आ रही हैं, कई शहरों को वापस यूक्रेन की सेना ने कब्जे में ले लिया है और अब बेलारूस में रूस को वार्ता की टेबल पर भी आना पड़ा है।
आखिर कैसे यूक्रेन ने युद्ध का यू-टर्न कर दिया?
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पूरी दुनिया में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की तारीफ हो रही है, आमने-सामने के युद्ध के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक युद्ध की रणनीति से जेलेंस्की ने ऐसे हालात बना दिए हैं जिससे पुतिन हमला करके फंसे हुए दिख रहे हैं। रूस बड़ी सेना लेकर और बड़े हथियारों के साथ यूक्रेन में दाखिल तो हो गया और शहरों पर लगातार बमबारी की तस्वीरें भी आ रही हैं लेकिन यूक्रेन ने रूस से निपटने के लिए गोरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाकर सबको हैरान कर दिया है।
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राजधानी कीव समेत तमाम शहरों में रूसी सेना से जंग के लिए सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी ऑटोमेटिक राइफलें दी जा रही हैं, लोगों को जंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग के बाद लोग शहरों की सीमाओं पर सैनिकों के साथ मोर्चे पर तैनात किए जा रहे हैं। जबकि दूसरी ओर हमले से तबाही की तस्वीरें देखकर रूसी हमले की दुनियाभर में आलोचना हो रही है।
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