जेलेंस्की के वो 7 कदम जिसने पुतिन को कदम वापस खींचने के लिए मजबूर कर दिया

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जेलेंस्की के वो 7 कदम जिसने पुतिन को कदम वापस खींचने के लिए मजबूर कर दिया
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Russia-Ukraine War :

गोरिल्ला वार

यूक्रेन ने रूस से निपटने के लिए गोरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाकर सबको हैरान कर दिया है। राजधानी कीव समेत तमाम शहरों में रूसी सेना से जंग के लिए सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी ऑटोमेटिक राइफलें दी जा रही हैं, लोगों को जंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग के बाद लोग शहरों की सीमाओं पर सैनिकों के साथ मोर्चे पर तैनात किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की समेत यूक्रेन के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद, शहरों के मेयर, यूक्रेन के सेलेब्रिटी, मॉड्ल्स, खिलाड़ी सब हथियार लेकर रूसी सैनिकों से लोहा लेने उतर आए हैं।

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जेलेंस्की का चक्रव्यूह

रूस ने यूक्रेन पर तीन तरफ से हमला किया, ऐसा लगा कि चंद घंटों में यूक्रेन घुटने टेक देगा, लेकिन यूक्रेन ने अपने मजबूत गढ़ माने जाने वाले खारकीव, कीव जैसे शहरों में मजबूत मोर्चाबंदी करके अपनी पसंद का युद्धक्षेत्र तैयार किया। इन इलाकों से जहां रूसी सैनिक अनजान हैं वहीं पूरे इलाके से यूक्रेन की सेना परिचित है और इसीलिए यहां रूसी टैंक और लड़ाकू विमानों के लगातार ध्वस्त होने की तस्वीरें देखने को मिल रही है। इसके अलावा इन इलाकों में घुस रहे रूसी मिसाइलों और फाइटर जेट को भी यूक्रेन अपने एयर डिफेंस से मार गिराने में कामयाब हो रहा है।

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धीरे धीरे बनाया माहौल

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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की खुद जंग के मैदान में उतरकर भी लगातार दुनियाभर के नेताओं से बात कर रहे हैं, उनकी इस रणनीति का फायदा भी होता दिख रहा है। अमेरिका जहां यूक्रेन को 350 मिलियन डॉलर की मदद देने को राजी हुआ है वहीं कई देश हथियारों की सप्लाई तेजी से कर रहे हैं। इससे रूस को टक्कर देने में यूक्रेन को काफी मदद मिल रही है, दुनिया के करीब 28 ऐसे देश हैं जिन्होंने हमलों से निपटने के लिए यूक्रेन को फौरन जंगी मदद पहुंचाने का ऐलान किया है।

रूस को इस तरह घेरा

जंग के बीच बेलारूस में रूस वार्ता की टेबल पर आने को तैयार हुआ तो यूक्रेन ने ये कहते हुए बेलारूस में पहले वार्ता से इनकार कर दिया कि किसी ऐसे देश की जमीन पर वह वार्ता नहीं करेगा जिसने अपनी सीमा से रूस के सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने दिया। इसके बाद कोशिशों को फेल होते हुए देखकर बेलारूस के राष्ट्रपति को यूक्रेन से बात करनी पड़ी और अपनी मंशा साफ करनी पड़ी। तब जाकर यूक्रेन वार्ता की दिशा में आगे बढ़ने को तैयार हुआ, बेलारूस के गोमेल में वार्ता का मंच तैयार हुआ है और अब देखना है कि ये युद्ध को रोकने में यह किस हद तक सफल होता है।

मोर्चे पर डटकर जेलेंस्की दिल जीता

दुनियाभर में सबसे ज्यादा चर्चा राष्ट्रपति जेलेंस्की की हो रही है, क्योंकि जेलेंस्की हमलों के बीच देश छोड़कर निकल सकते थे। लेकिन जेलेंस्की के रुख ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। शायद ही किसी युद्ध में दुनिया के किसी नेता ने अपने देश को इस तरह से लीड किया हो, इसके बाद देश के हर तबके के लोग, सेलिब्रिटी सेना में शामिल होने लगे और रूस से टक्कर लेने के लिए क्या आम क्या खास सबमें होड़ सी दिखने लगी।

हथियार भी, साइबर वॉर भी

रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य लड़ाई के साथ-साथ साइबर वॉर भी छिड़ी हुई है, यूक्रेन के कई वेबसाइट्स हैक हुए तो रूस पर यूक्रेन के साइबर हमलों ने भी पूरी दुनिया में रूस को साइबर अटैक का निशाना बनाया। रूस के कई वेबसाइट्स हैक हो गई हैं, दुनिया भर के कई हैकर समूह रूस के खिलाफ यूक्रेन के समर्थन में आ गए हैं और लगातार रूसी वेबसाइट्स और टेलीकम्युनिकेशन माध्यमों को निशाना बना रहे हैं। यहां तक कि रूसी टेलीविजन को हैक करके हैकर्स ने यूक्रेन का नेशनल एंथम चला दिया, हैकर लगातार रूस और बेलारूस के डिफेंस और सरकार से जुड़े ईमेल्स को निशाना बना रहे हैं।

रूस की घेराबंदी

रूस और यूक्रेन का कोई मुकाबला नहीं है, हथियारों और सैनिकों के मामले में यूक्रेन रुस के सामने कहीं नहीं ठहरता है। इसके अलावा रूस परमाणु संपन्न देश है लिहाज़ा यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस को घेरने की कोशिश कर रहा है। यूएन के मंच पर जहां अमेरिका-ब्रिटेन-फ्रांस ने तुरंत युद्ध रोकने के लिए रूस के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया वहीं यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ICJ यानी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। यूक्रेन ने ऐलान किया कि हमारे शहरों में लोगों पर रूस नरसंहार कर रहा है और उसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इन सब अपराधों का जवाब देना पड़ेगा।

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