ज़्यादा मोबाइल देखने की ये कैसी सज़ा, बाप बन गया हैवान और इंसानियत हो गई शर्मसार

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ज़्यादा मोबाइल देखने की ये कैसी सज़ा, बाप बन गया हैवान और इंसानियत हो गई शर्मसार
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सज़ा देने के चक्कर में बाप बना शैतान

कोई बाप अपनी बेटी को कितनी बड़ी सज़ा दे सकता है अगर वो बेटी बाप के मना करने के बावजूद फोन पर ज़्यादा देर तक बात करे।

ज़्यादा से ज़्यादा वो बेटी से फोन ले लेगा, और फिर उसे कभी फोन नहीं देगा। या फिर इससे ज़्यादा ये कर सकता है कि ग़ुस्से में आकर वो फोन को ही तोड़ दे।

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लेकिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक बाप ने इसी अपराध के लिए अपनी सगी और नाबालिग बेटी को जो सज़ा दी उसे सुनकर किसी के भी होश फ़ाख़्ता हो जाएं।

बेटी को बना लिया हवस का शिकार

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विशाखापट्टनम में एक शख्स ने रिश्तों और इंसानियत की तमाम हदों को पार करते हुए अपनी 15 साल की नाबालिग बेटी के साथ कई कई बार मुंह काला किया। 10 वीं में पढ़ने वाली उस बच्ची को 42 साल के उस वहशी बाप ने अपनी हवस का ही शिकार बना डाला।

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शायद ये राज़ कभी खुल भी न पाता अगर एक टीचर ने उस गुमसुम बच्ची से स्कूल के बाद भी घर ना जाने की वजह न पूछी होती। असल में वो मासूम स्कूल ख़त्म होने के बाद भी घर जाने को तैयार नहीं थी। तब उसकी टीचर ने उससे इसकी वजह पूछी। और जब उस बच्ची ने अपना दर्द अपनी टीचर के साथ साझा किया तो उसे सुनकर टीचर के होश उड़ गए।

बच्ची की बात सुनने के बाद वो टीचर उसे लेकर घर नहीं गई बल्कि सीधे थाने जा पहुँची। और उस बच्ची के शैतान पिता के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई।

मोबाइल पर ज़्यादा बात करने की ये कैसी सज़ा

बताया जा रहा है कि दसवीं में पढ़ने वाली वो बच्ची मोबाइल फोन पर काफी वक्त तक बात किया करती थी। और उसका पिता उसे अक्सर इसी बात पर उसे डांटता भी रहता था। मगर जब बच्ची ने अपने पिता की डांट को नज़रअंदाज़ कर दिया तो एक रोज उसके पिता ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया।

और एक बार उसकी हद टूटने के बाद उस शैतान ने अगले कई महीनों तक उस पर ये जुल्म ढाता रहा। टीचर की पहल पर पुलिस ने इस ज़्यादती की शिकायत दर्ज करके बच्ची को मेडिकल के लिए भेज दिया।

जेल में बाप, मां का चल रहा इलाज

पुलिस के मुताबिक आरोपी की दो साल पहले किडनी फेल हो गई थी जिसकी वजह से वो बहुत बीमार पड़ गया था। पति की जान बचाने के लिए उसकी पत्नी ने अपनी एक किडनी दान दी थी। लेकिन आरोपी के ठीक होने के पांच महीने के बाद उसकी पत्नी बीमार पड़ गई। लिहाजा वो अपना इलाज करवाने के लिए अपनी मां के घर चली गई और बेटी को पिता के पास उसकी देखभाल के लिए छोड़ दिया था।

अब पुलिस ने नाबालिग बच्ची से बलात्कार करने के इल्ज़ाम में आरोपी को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया है। लेकिन इस वारदात ने उस मासूम बच्ची के दिलो दिमाग पर गहरा असर डाला है। वो सदमें में है और हरदम गुमसुम रहती है। लिहाजा पुलिस और टीचर ने मिलकर बच्ची की काउंसिलिंग कराने का इंतज़ाम किया है। ताकि वो अपना दर्द को भूलकर अपनी पढ़ाई लिखाई में ध्यान लगा सके।

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