Vinesh Phogat को ओलंपिक में मेडल ना मिलने की असली वजह ये है! जब CAS ने कहा 'रूल इज रूल'

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Vinesh Phogat को ओलंपिक में मेडल ना मिलने की असली वजह ये है! जब CAS ने कहा 'रूल इज रूल'
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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CAS ने कहा रूल इज रूल

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विनेश की अपील खारिज हुई

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ये थी मेडल ना मिलने की असली वजह

Vinesh Phogat: विनेश फोगाट की अपील जरूर खारिज हो गई है, लेकिन CAS (Court of Arbitration for Sport) में जो दलीलें विनेश की तरफ से पेश की की गई थी, उसमें बहुत दम था। विनेश ने साफ-साफ कहा था कि वो ये चाहती है कि दोनों प्रतिभागियों को ज्वाइंट मेडल दिया जाए। विनेश का ये भी कहना था कि वो फाइनल मैच के लिए अयोग्य घोषित हुई थी, न कि सेमीफाइनल के लिए, लिहाजा उसे सिल्वर तो मिलना ही चाहिए।सेमीफाइनल में उसका वजन नियम के मुताबिक ही था और वो सेमीफाइनल मैच जीती भी थी। हालांकि उसकी दलीलों को CAS ने नहीं माना, लेकिन इतना जरूर माना कि केस के Sole Arbitrator इस दलील में भी दम देखते हैं कि फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था। वो नियम के खिलाफ था तो विनेश को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए, यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए था।

वजन नियमों के अनुसार ही होना चाहिए -  CAS

सीएएस के फैसले में कहा गया है कि नियम कठोर हैं। एकमात्र मध्यस्थ (Sole Arbitrator) ने माना कि विनेश ओर से कोई भी गलत काम (गैरकानूनी) करने का कोई संकेत नहीं मिला है। स्टार पहलवान विनेश को गोल्ड मेडल मैच से पहले अयोग्य घोषित कर दिया था। पेरिस ओलंपिक 2024 में 7 अगस्त को ये मैच रात में होना था। इस फैसले के खिलाफ विनेश ने अपील की थी। इस अपील को 14 अगस्त को खारिज कर दिया गया था। इसको लेकर अब विस्तृत आर्डर जारी हुआ है। इसमें साफ-साफ कहा गया है कि ये जिम्मेदारी एथलीट की है कि वो अपना वजन नियमों के अनुसार ही रखे। विनेश ने 3 मैच जीतकर 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल 50 KG Free Style कुश्ती के फाइनल में एंट्री की थी।

क्या-क्या कहा  CAS ने अपने आदेश में?

गोल्ड मेडल मैच 7 अगस्त की रात को होना था, लेकिन उसी दिन सुबह विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया था, क्योंकि मैच से पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा था। इसके बाद विनेश ने CAS में अपील की थी। विनेश ने मांग की थी कि उन्हें इस इवेंट में संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए,  मगर इस मामले में 14 अगस्त को फैसला आया और CAS ने विनेश की अपील खारिज कर दी। इस मामले की अध्यक्षता ऑस्ट्रेलियाई मध्यस्थ एनाबेले बेनेट ने की थी। UWW के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने कहा था कि "नियम तो नियम हैं"। CAS ने कहा ये स्पष्ट है कि फाइनल से पहले विनेश वजन मापने के दौरान असफल साबित हुई थी।

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वजन को लेकर नियम साफ

एथलीट्स के लिए समस्या यह है कि वजन को लेकर नियम साफ हैं और सभी के लिए समान भी हैं। नियमों में कोई Discretion नहीं दिया गया है। इसे लागू करने के लिए सिर्फ मध्यस्थ पूरी तरह से बाध्य हैं। एकमात्र मध्यस्थ इस दलील में भी दम देखता है कि फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था, वो नियम के खिलाफ था तो आवेदक (विनेश) को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए, यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से आवेदक के लिए नियमों में यह भी सुविधा प्रदान नहीं की गई है। एथलीट ने यह भी माना है कि नियमों के लिहाज से वो अयोग्य हो गई हैं।

ऐसा कोई नियम नहीं हैं...

इस कारण सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली एथलीट फाइनल खेलने के लिए योग्य हो गई हैं। उन्हें ही सिल्वर या गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। विनेश यह नहीं चाहती कि कोई अन्य पहलवान अपना मेडल खो दे, वो तो संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल चाहती हैं।  ऐसे में कोई नियम नहीं है, जिसके आधार पर आवेदक (विनेश) को संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल दिए जाने की सहूलियत प्रदान की जाए। एकमात्र मध्यस्थ (Sole Arbitrator) ने माना कि विनेश ओर से कोई भी गलत काम करने का कोई संकेत नहीं मिला है। UWW (United World Wrestling) के अनुसार, पहलवान को न केवल शुरुआत में, बल्कि टूर्नामेंट के दौरान भी वजन के मापदंडों पर खरा उतरना होगा। ऐसे में अनुच्छेद 11 में दिए गए  परिणाम (बिना रैंक के आखिरी नंबर पर) लागू होते हैं।

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