गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों की 10 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त!

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गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों की 10 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त!
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History Sheeter Gangster Vikas Dubey:  हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर रहे विकास दुबे और उसके सहयोगियों की करीब 10 करोड़ रुपए की संपत्तियों को ईडी ने जब्त कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर विकास दुबे, उसकी पत्नी ऋचा दुबे और उनके गिरोह के पांच अन्य सदस्यों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लखनऊ कोर्ट में अभियोजन शिकायत (पीसी) दाखिल की थी। 29 मई को कोर्ट ने इस पीसी पर संज्ञान लिया था। ईडी ने हत्या, जालसाजी, धोखाधड़ी, धन के गबन, जबरन वसूली आदि के कई मामलों के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। 

विकास दुबे संगठित अपराधों में शामिल था 

ईडी की जांच से पता चला था कि विकास दुबे अपने सहयोगियों के साथ संगठित अपराध, भू-माफिया, भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, हत्या, धोखाधड़ी आदि जैसे विभिन्न प्रकार के अपराधों में शामिल था। विकास दुबे, जयकांत बाजपेयी, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के नाम पर खरीदी गई 10.12 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों की पहचान की गई थी। ये संपत्तियां विकास दुबे और उसके सहयोगियों की आपराधिक गतिविधियों से अर्जित अपराध की आय (पीओसी) से प्राप्त हुई थी। ईडी ने करोड़ों रुपये की इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। 

कौन था विकास दुबे?

विकास दुबे को विकास पंडित के नाम से भी जाना जाता था। वो कानपुर देहात जिले में गैंगस्टर से नेता बना था। दुबे पर 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। उस पर राज्य के एक मंत्री की हत्या से लेकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप था। विकास दुबे पर पुलिस ने 5 लाख का इनाम भी रखा था। उसके खिलाफ पहला मामला 1990 में दर्ज हुआ था। दुबे जल्द ही कानपुर में सबसे वांछित अपराधियों में से एक बन गया था। दुबे 1995-96 में बसपा में शामिल हो गया था। उसकी पत्नी ऋचा दुबे ने भी स्थानीय निकायों के चुनाव जीते हैं। वे समाजवादी पार्टी की सदस्य हैं। दुबे 2001 में शिवली पुलिस स्टेशन में भाजपा नेता संतोष शुक्ला, जो उस समय राज्य मंत्री थे, की हत्या का मुख्य आरोपी था। इस केस में वो बरी हो गया था।

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3 जुलाई 2020 को दुबे और उनके लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश के दौरान एक पुलिस अधीक्षक (DSP) सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे, जबकि सात पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। दुबे को 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन जिस गाड़ी में उसे लेकर जाया जा रहा था, उसका कानपुर के पास एक्सीडेंट हो गया था। और पुलिस पर गोली चला कर भागने की कोशिश करते विकास दुबे को एक एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया था।

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