जब यूक्रेन के डिप्लोमेट ने रूसी डिप्लोमेट के मुंह पर मारा मुक्का, वीडियो वायरल

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जब यूक्रेन के डिप्लोमेट ने रूसी डिप्लोमेट के मुंह पर मारा मुक्का,  वीडियो वायरल
जब यूक्रेनी डिप्लोमेट ने मारा पंच रूसी डिप्लोमेट को
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रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हालात हर गुज़रते दिन के साथ खराब होते जा रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव के ऊपर उड़ रहा एर ड्रोन को मार गिराया गया..। उधर टर्की की राजधानी अंकारा में ...रूस और यूक्रेन के डेलिगशन भिड़ गए ...। ब्लैक सी इकोनमिक कम्यूनिटी की बैठक में पहले रूसी प्रतिनिधि ने वहां लगे यूक्रेन के झंडे को फाड़ा ...और फिर दोनों देशों के डेलिगेट हाथापाई पर उतर आए ..। एक दूसरी घटना में यूक्रेन के सांसद मैरिकोवस्की के हाथ से भी झंडा छीना गया..

यूक्रेन एयरफोर्स के मुताबिक - कंट्रोल खो चुके अपने ही ड्रोन को आसमान में उड़ा दिया गया... । ड्रोन में तकनीकी खराबी आ गई थी....और ये खतरनाक हो सकता था...इसलिए इसे मिसाइल से मार गिराया गया.. ये घटना गुरुवार की रात करीब 8 बजे हुई। 

रूस के मॉस्को और यूक्रेन के कीव के साथ साथ दूसरे शहरों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उसने पूरी दुनिया को डरा दिया है, क्योंकि अब पूरी दुनिया इस मोड़ से जंग को तीसरे विश्व युद्ध की तरफ मुड़ता हुआ देखने लगी है। क्योंकि मौजूदा हालात अब और भी ज़्यादा संजीदा और गंभीर हो गए हैं। असल में रूस ने अब क्रेमलिन पर हुए हमले के लिए अमेरिका की तरफ उंगली उठानी शुरू कर दी है। अभी तक रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया था कि उसने राष्ट्रपति पुतिन की हत्या के इरादे से क्रेमलिन पर ड्रोन्स से हमला किया। 15 मिनट के अंतर पर दो यूएवी से सीनेट को निशाना बनाया गया। इन दोनों को ही रूसी एयर डिफेंस ने रडार युद्ध प्रणाली की मदद से मार गिराया गया।  पुतिन की हत्या के लिए इस आतंकी हमला बताने वाले रूस ने ही कहा कि हमले में जान-माल का कोई नुकसान हुआ। खबर है कि पुतिन उस वक्त अपने महल में नहीं थे। वो मॉस्को के ही दूसरे इलाके के अपने घर में थे। 

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क्रेमलिन पर हुए ड्रोन हमले को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं

यूक्रेन ने सीधे तौर पर इस हमले में अपना हाथ होने से इनकार कर दिया है। तो ऐसे में सवाल यही खड़ा होता है कि 
तो फिर ये हमला किसने करवाया?
क्या ये फॉल्स फ्लैग अटैक था?
क्या होता है फॉल्स फ्लैग अटैक?
क्रेमलिन की सीनेट बिल्डिंग की तरफ उड़ कर आते ड्रोन का वीडियो सबसे पहले जारी करने वालों में रूसी सरकारी एजेंसियों से जुड़ा एक टेलिग्राम चैनल शामिल है। 
हमले की जगह से यूक्रेन की राजधानी कीव की दूरी 850 किमी है। यूक्रेन की मौजूदा सीमा से क्रेमलिन सीनेट की दूरी लगभग 450 किमी है। 
जहां एक ड्रोन क्रेमलिन कॉम्प्लेक्स के पास टकराया वहां से पुतिन का शाही महल दक्षिण की ओर है। 
अगर ये हमला यूक्रेन ने करवाया है तो उसका मकसद यही हो सकता है कि वो दिखा दे कि वो मॉस्को के बीचो-बीच हमला करवा सकता है। वहीं, ये रूस के लिए शर्मसार करने वाला है, जो 14 महीने से जारी जंग में जूझ रहा है। 
इसमें शक नहीं कि यूक्रेन मॉस्को तक वार करने के लिए लंबी दूरी के ड्रोन बनाने में जुटा है।  फरवरी महीने में उसके एक ड्रोन ने रूस के कोलोमना शहर पर हमला किया। ये शहर मॉस्को से 100 किमी दूर है। वहीं अप्रैल में एक ड्रोन मॉस्को के 30 किलोमीटर दूर क्रैश कर गया। जहां तक मॉस्को की बात है तो इसकी सुरक्षा रडार युद्ध प्रणाली और एयर डिफेंस मिसाइल करते हैं।  
लेकिन एयर डिफेंस सिस्टम के होते रूस क्रीमिया में ड्रोन के हमले को नहीं रोक सका था। जहां तक मॉस्को तक वार की बात है तो यूक्रेन आम तौर पर Bayraktar TB-2 ड्रोन का इस्तेमाल करता है। इसकी रेंज 150 से 300 किमी तक है। यूक्रेन की सीमा से भी इसे उड़ाया जाए तो ये मॉस्को तक नहीं पहुंच सकता। लंबी दूरी के ड्रोन्स में शाहेद-136 है जिसे ईरान बनाता है और इसकी मारक क्षमता 2000-2500 किलोमीटर है। वहीं रूस में बने ओरलान-10 की मारक क्षमता 600 किलोमीटर है। यूक्रेन को ये दोनों ही नहीं मिल सकते तो फिर उसने मॉस्को पर किस ड्रोन से हमला करवाया? क्या उसने अपने ड्रोन्स की रेंज को बढ़ा लिया है? या फिर रूस पर ये हमला फॉल्स फ्लैग अटैक तो नहीं? 
कई युद्ध ब्लॉगर कयास लगा रहे हैं कि पुतिन ने ये हमला खुद करवाया है ताकि रूस के लोगों को उकसाया जा सके। यही नहीं पुतिन और ज्यादा बर्बरता कर सकें। फॉल्स फ्लैग अटैक किसी सरकार की ओर से खुद अपनी सेना पर करावाया जाता है और इल्जाम दुश्मन पर मढ़ दिया जाता है। 

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