Uttarkashi Tunnel : किसी ने लूडो खेला, नहाना-खाना, दूरी पर शौच करना... ये रूटीन था सुरंग के अंदर मजूदरों का!

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Uttarkashi Tunnel : किसी ने लूडो खेला, नहाना-खाना, दूरी पर शौच करना... ये रूटीन था सुरंग के अंदर मज...
Uttarkashi Tunnel Rescue
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अमित भारद्वाज के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
 

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सुरंग (Uttarkashi Tunnel) में फंसे सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर निकाल लिए गए हैं। सुरंग के अंदर इतने दिन कैसे बीते ? ये कहानी खुद मजदूरों ने बताई।

झारखंड के मजदूर चमरा ओरांव ने कहा, 'इन 17 दिनों में फोन पर लूडो खेला, क्योंकि नेटवर्क नहीं होने के कारण हम किसी को कॉल नहीं कर सकते थे। पहाड़ी पानी से स्नान किया। शुरुआत में मुरमुरे आदि खाकर भूख मिटाई। सुरंग के अंदर काफी स्पेस था। शौच के लिए एक स्थान निर्धारित कर रखा था। 12 नवंबर की सुबह सुरंग के अंदर काम कर रहे थे, तभी जोरदार धमाका हुआ और एकाएक ढेर सारा मलबा गिर गया। सब फंस गए। शुरुआत में सब बेचैन हो उठे, लेकिन हमने उम्मीद नहीं खोई। भगवान, सरकार और बचावकर्मियों का दिल से शुक्रिया है। रेस्क्यू टीम के लोग, अधिकारी पल-पल की जानकारी ले रहे थे और हमें भरोसा दिला रहे थे।'

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मिर्जापुर के रहने वाले अखिलेश कुमार ने कहा, 'सुरंग के अंदर पहले कुछ दिन दिक्कत हुई लेकिन जब सरकार और अधिकारियों ने हमसे संपर्क स्थापित कर लिया तो राहत महसूस हुई। पाइप के जरिए खाना, पानी आदि पहुंच रहा था। बाद में फोन से बात भी होने लगी थी। देशवासियों की दुआएं काम आ गईं।'

सुरंग में फंसे सबा अहमद ने कहा, 'खाना आता था तो हम लोग साथ में एक जगह बैठ कर खाते थे। फिर सारे लोग टहलते थे। टनल का लेन ढाई किलोमीटर का था। मॉर्निंग के समय हम सभी वॉक और योगा करते थे।'

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उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग से बाहर निकले मजदूरों से बात की है। पीएम मोदी ने मजदूरों ने नई जिंदगी मिलने की बधाई दी। उनके हौसलों की तारीफ की। उनका हालचाल जाना। पीएम मोदी ने कहा, 'आपने इस संकट की घड़ी में एक-दूसरे का हौंसला बनाए रखा। मैं रेस्क्यू का लगातार अपडेट ले रहा था। आपके परिवार ने भी हमारा सहयोग किया। आपका साहस और धैर्य प्रेरित करने वाला है। आपकी बहादुरी और संकल्प शक्ति ने नया जीवन दिया है। वी के सिंह की सेना की ट्रेनिंग काम आई। आपकी हिम्मत ने देश वासियों को प्रेरणा दी। हर किसी के जज्बे को सलाम है।' इस दौरान उन्होंने गब्बर सिंह नेगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि गब्बर सिंह ने सारे मजदूरों को संभाला।

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सुरंग से 41 मजदूरों को बीती रात निकाल लिया गया। बीती रात रेस्क्यू के बाद सभी 41 मजदूरों को उत्तराखंड के चिन्यालीसौर अस्पताल में रखा गया है, जहां डॉक्टर उनकी लगातार निगरानी कर रहे हैं। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित हैं। वो खाना पीना खा रहे हैं। डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। मजदूरों ने अपने घरवालों से बात की है। 

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