Uttarakhand Tunnel : 9 मजदूरों के परिवार का बड़ा आरोप, टनल कंपनी ने कोई सूचना नहीं दी, जिंदगी बचाने की जंग जारी
uttarakhand tunnel collapse rescue : उत्तराखंड में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी. टनल में फंसे 9 मजदूरों के परिवार से की गई बातचीत. जानिए क्या कहा परिवार ने.
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अरविंद ओझा की रिपोर्ट
Uttarakhand News : उत्तराखंड के टनल में फंसे 15 मजदूरों में से 9 मजदूर झारखंड के रहने वाले हैं. इन 9 मजदूरों के परिवार से पहली बार बातचीत हुई है. जिस तरह से टनल में मजदूरों की सांसें अटकी हुईं हैं उसी तरह उनके परिवार की नजरें सीधे इन्हीं पर टिकी हुई है. इनके परिजन लगातार नजरें बनाए हुए हैं. कब वो खुशी की घड़ी आ जाए. और टनल में फंसे हुए सभी लोग बाहर आ जाएं. आजतक संवाददाता अरविंद ओझा ने टनल में फंसे हुए 9 लोगों के परिवारों से बात की. उधर, उत्तराखंड टनल हादसे को लेकर रेस्क्यू (uttarakhand tunnel collapse rescue) जारी है. उम्मीद है कि अगले 24 घंटे काफी अहम होने वाले हैं.
टनल कंपनी ने नहीं दी कोई सूचना, दूर के रिश्तेदार से मिली जानकारी
uttarakhand tunnel latest news : झारखंड में मौजूद विश्वजीत और सुबोध के परिवार से बात की. दोनों आपस में रिश्तेदार हैं. दोनों टनल में इस समय फंसे हुए हैं. सुबोध तकरीबन डेढ़ महीने पहले काम पर गया था जबकि विश्वजीत दो साल से टनल पर काम कर रहे हैं. टनल में फंसे विश्वजीत के बेटे ऋषि ने बताया कि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. घर में पिता ही सिर्फ कमाने वाले हैं. टनल से आवाज आई दोनों की तो राहत की सांस ली. परिवार के लोगों ने बताया कि हमें दोनों का बातचीत करते हुए का ऑडियो भेजा गया था. ऋषि ने बताया कि जिस कंपनी के लिए काम करते हैं उस कंपनी ने किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी कि हमारे पिता विश्वजीत या हमारा मौसी का लड़का सुबोध टनल में फंसे हुए हैं.
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हमारे एक रिश्तेदार ऋषिकेश में रहते हैं. जब हादसा हुआ तब उन्होंने देखा और परिवार को जानकारी दी. इस तरह हमें पता चला कि वो लोग टनल में फंसे हैं. वरना हमें ये जानकारी भी नहीं मिल पाती. परिवार का कहना है कि विश्वजीत ही इकलौते कमाने वाले हैं. घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. कंपनीवालों ने पूछा तक नहीं. अब बस जल्दी सबको निकाला जाए किसी तरह से भी. झारखंड सरकार हमारी मदद कर रही है. इसी तरह टनल में फंसे एक परिवार ने बताया कि जब से जानकारी मिली है. हमारे पिता टनल में फंसे हुए हैं मेरी मां खाना नहीं खा रही है. एक परिवार ने बताया कि बस किसी तरह वो बाहर आ जाएं. हम दोबारा उनको काम पर नहीं भेजेंगे. झारखंड के ये मजदूर ज्यादातर दूर-दराज के इलाकों के रहने वाले हैं. जिनमें ज्यादातर आदिवासी समुदाय से आते हैं. सभी बस दुआ कर रहे हैं कि उनके परिवार के जो लोग टनल में फंसे हैं किसी तरह उन्हें रोशनी नसीब हो जाए.
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