कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं को साथ रखना होगा पहचानपत्र, कांवड़ की ऊंचाई रहेगी कम

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कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं को साथ रखना होगा पहचानपत्र, कांवड़ की ऊंचाई रहेगी कम
कांवड़ की ऊंचाई रहेगी कम
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Uttarakhand News: उत्तराखंड के हरिद्वार में इस साल कांवड़ यात्रा के लिए आने वाले शिवभक्तों को पहचानपत्र साथ रखने और किसी दुर्घटना से बचने के लिए कांवड़ों की ऊंचाई 12 फुट से कम रखने को कहा गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। ये निर्णय शुक्रवार को यहां राज्य पुलिस मुख्यालय में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार की अध्यक्षता में पुलिस अधिकारियों की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में लिये गए। कांवड़ यात्रा चार जुलाई से शुरू होकर 15 जुलाई तक चलेगी।

ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी

डीजीपी ने कहा कि कांवड़ यात्रा एक बड़ा धार्मिक आयोजन है और प्रभावी भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए संबंधित सभी राज्य के पुलिस विभागों को पहले से ही पूर्ण समन्वय के साथ काम करना शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रोन और सीसीटीवी का इस्तेमाल किया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखी जाएगी। बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा कि उत्तराखंड में रेल पटरियों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के मद्देनजर कांवड़ों की ऊंचाई 12 फुट से कम रखना जरूरी है। 

कांवड़ों की ऊंचाई 12 फुट से कम रखना जरूरी

अधिकारी ने कहा कि रेल पटरियों के पूरी तरह से विद्युतीकृत हो जाने के मद्देनजर ऊंची कांवड़ लाना जोखिम भरा हो सकता है। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा के लिए करीब चार करोड़ कांवड़ियों के हरिद्वार आने की उम्मीद है।अधिकारियों ने कहा कि पूरे कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टर में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए हरिद्वार पुलिस द्वारा एक क्यूआर कोड भी जारी किया है जिसमें वाहन पार्किंग स्थल, मार्ग परिवर्तन और गुम हुए एवं मिले मोबाइल फोन से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी।

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हरिद्वार पुलिस द्वारा एक क्यूआर कोड भी जारी 

अधिकारियों ने कहा कि कांवड़ मेला क्षेत्र में 333 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे तथा निगरानी के लिए हरिद्वार और उसके आसपास 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। बैठक में बताया गया कि केंद्र से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 12 कंपनियों के अलावा तीन बम निरोधक दस्ते और श्वान दस्ते की मांग की गई है। बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के पुलिस अधिकारियों ने प्रत्यक्ष तौर पर या डिजिटल तरीके से हिस्सा लिया।

(PTI)

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