जब क़ातिलों ने PPE KIT पहन रची हत्या की ख़ौफ़नाक साज़िश, जिसने भी इसे सुना वो अंदर तक हिल गया
UTTAR PRADESH MURDER MYSTERTY UNFOLDED, KILLER HIDDEN UNDER PPE KIT CRIME TAK
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ये वही क़ातिल हैं जिन्होंने दोस्ती का सबसे पहले गला घोंटा फिर पीपीई किट पहन उसी दोस्त को शमशान में जला डाला.रौंगटे खड़े करने वाली इस वारदात से पूरा आगरा शहर सहम गया.दरअसल सुरेश चौहन इलाक़े के बड़े कारोबारी में से एक हैं,और ये है घर का 25 साल का इक़लौता बेटा सचिन.
बेटा समझदार था तो सुरेश चौहन ने सचिन को अपना बिजनेस पार्टनर बना लिया. बिजनेस को बढाने के इरादे से बाप बेटे दोनों ने ठेकेदार हर्ष चौहान को पार्टनर बना लिया. कुछ सालों तक सब अच्छा चला लेकिन अचानक आए लॉकडाउन से बिजनेस ठप हो गया. पार्टनरशिप अब घाटे का सौदा साबित हो रही थी.इसी बीच सचिन के दोस्त सुमित को 40 लाख रुपए की ज़रुरत पड़ी.
बिना किसी आनाकानी के सचिन ने पैसे तो तुरंत दे दिए लेकिन जब पैसे वापस देने की बारी आयी तो सुमित ने नखरे दिखाना शुरु कर दिया. लॉकडाउन में कमाई हो नहीं रही थी और अपने ही दोस्त से पैसों को लेकर बार बार ज़लील होना पड़ रहा था.
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कैसे दिया गया हत्या को अंजाम?
40 लाख को लोन और बिजनेस में हो रहे घाटे ने ख़ूनी स्क्रीप्ट में लाल स्याही का काम किया. साझेदार और फैमिली फ्रेंड समझे जाने वाले हर्ष चौहान को सुमित और सचिन के बीच हुए 40 लाख रुपए के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद हर्ष ने सुमित को सचिन की किडनैपिंग के प्लान में शामिल करते हुए वादा किया कि अपहरण के बाद वो मध्यस्थता करवाकर दो करोड़ की फिरौती दिलवा देगा.
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जिसमें से एक करोड़ उसका होगा और एक करोड़ वो सुमित को दे देगा और अगर किसी कारणफिरौती नहीं मिली तो भी वो सुमित को उसका सचिन पर बकाया 40 लाख रुपया किसी तरीके से दे देगा. क़र्ज के कारण बार बार ज़लील हो चुके सुमित ने इसके लिए तुरंत हामी भर दी.
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सुमित ने अपने साथी रिंकू, मनोज और हैप्पी को साथ मिला लिया. प्लान के मुताबिक 21 जून की रात जब लोअर और टी-शर्ट पहने सचिन टहलने के लिए निकला. तो चारों ने मिलकर उसे कार में चुपचाप बिठा लिया कि वो पास ही कहीं घूमने के लिए जा रहे हैं.
लेकिन जिस पल सचिन कार में बैठा उस पर मौत हावी हो गई. बंद कार में सचिन का गला कुछ ऐसे घोंटा गया कि उसने मौक़े पर ही दम तोड़ दिया. शातिर हत्यारे ने इसके बाद जो किया उसने इंसानियत का सिर शर्म से झुका दिया. पांचों ने इसके बाद पीपीई किट पहनी और कोविड पेशेंट बताकर उसका शमशान में अंतिम संस्कार भी कर दिया.
इसके बाद प्लान का दूसरा हिस्सा शुरु किया गया. परिवार को बार बार फोन कर 2 करोड़ की फिरौती मांगी गई. लेकिन दोनों ही हत्यारे यानि हर्ष और सुमित पुलिस और परिवार के साथ हर पल और हर क़दम बने हुए थे. लेकिन इसी बीच पुलिस के हाथ हैप्पी लगा और उसने सारा भेद खोल दिया. तो वहीं पिता सुरेश चौहन का कहना है की उन्हें बेटे और सुमित के बीच हुई पैसों की लेन-देन को लेकर कुछ पता नहीं है लेकिन वो अपने बेटे के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए अस्वस्त हैं
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