दुनिया का वो पहला शख्स जिसे दी गई थी नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत... ये कहानी हिला कर रख देगी!
Nitrogen Gas Execution: आज आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएगा। अमेरिका में एक कैदी को ऐसी सजा दी गई, जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत
अमेरिका की एक जेल में दी गई थी ये सजा
दुनिया भर में हुई थी सजा की चर्चा
Nitrogen Gas Execution: ये खबर थोड़ी अलग है। वो तारीख थी 25 जनवरी 2024 , दिन- गुरुवार, वक़्त- शाम के 7.30 बजे, जगह- अमेरिकी राज्य अलाबामा का डब्ल्यू सी होलमैन करेक्शनल फैसिलिटी यानी जेल।
इस जेल में कुछ ऐसा होने जा रहा था, जिसकी चर्चा पता नहीं कब तक होगी। एक कैदी को सजा-ए-मौत दी जाने वाली थी। मगर ये सजा पिछली किसी भी सजा-ए- मौत के मुकाबले बिल्कुल अलग थी। असल में यहां सजा-ए-मौत की सजा पाने वाले मुजरिम को नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत के घाट उतारने का प्लान हुआ था। जिसको सजा दी जाने वाली थी, उसका नाम स्मिथ था।
मौत का सीधा प्रसारण!
सारी तैयारियां हो चुकी थी। इस अनोखी और एक दम जुदा तरीके से दी जाने वाली मौत को देखने के लिए स्मिथ के परिवार के साथ साथ, धार्मिक गुरु के साथ साथ पांच पत्रकारों को भी बुलाया गया था। सभी के बैठने का खास इंतजाम था। सभी को अलग-अलग चैंबरों में बैठाया गया था। इस लाइव मौत को देखने के लिए सभी लोग शाम साढ़े सात बजे अलाबामा जेल पहुंच कर अलग-अलग चेंबर में अपनी जगहों पर बैठ चुके थे।
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Death Chamber बनाया गया था
स्मिथ को मौत की सजा देने के लिए बाकायदा डेथ चैंबर बनाया गया था। यानी एक तन्हा कमरा जिसके भीतर सिर्फ एक बेड था। बेड पर बेल्टें लगी हुई थी। थोड़ी ही देर में जेल के अधिकारी स्मिथ को वहां लाए। उसे खाना नहीं दिया गया था, क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक ये प्रक्रिया खाली पेट ही कराई जा सकती थी। स्मिथ को बेड पर लिटाया गया। उसे हाथों-पैरों को बेल्ट से बांध दिया गया। और उसके शरीर को सीने तक एक सफेद चादर से ढक दिया गया। अटॉर्नी जनरल डेथ चेंबर में पहुंचे और स्मिथ को उसका डेथ वारंट पढ़ कर सुनाया। इसके बाद स्मिथ के सामने मुंह के करीब एक माइक्रोफोन रखा, फिर उससे पूछा गया कि मौत से पहले आखिरी बार वो कुछ बोलना चाहता है? उसने अपने परिवार और धार्मिक गुरु की तरफ देखा और कहा -
आई लव यू। मैं प्यार और शांति के साथ जा रहा हूं। आप सबको प्यार। अलविदा...
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इसके बाद माइक्रोफोन को हटा दिया गया। उसके चेहरे पर बड़ा सा मास्क लगाया गया। मास्क में एक छोटा सा सुराख था। उस सुराख के साथ एक पाइप लगा हुआ था। ये पाइम स्मिथ के मुंह और नाक में डाल दिया गया। मास्क में लगे पाइप को नाइट्रोजन गैस सिलंडर से कनेक्ट कर दिया। शाम के 7.53 मिनट। चैंबर में बैठे सभी लोग इस मौत का लाइव प्रसारण दे रहे थे। अगले कुछ मिनटों में गैस उसके शरीर में घुसने वाली थी। शाम के 7.56 मिनट। नाइट्रोजन गैस के सिलिंडर का नॉब ऑन कर दिया गया। गैस उसके शरीर में घुसने लगी। वो तड़पने लगा और कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई।
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कुछ देर इंतजार के बाद डॉक्टरों ने स्मिथ को मृत घोषित कर दिया। बाकायदा अटॉर्नी जनरल ने बाद में कहा कि नाइट्रोजन गैस से मौत देने का तरीका कामयाब रहा। इस सजा-ए-मौत की चर्चा सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि कई देशों में हुई। कई देशों ने सजा के इस तरीके को ही गलत करार दिया। हालांकि कुछ देश इसका समर्थन करते दिखे।
क्या इल्जाम था स्मिथ पर?
58 साल के स्मिथ पर इल्जाम था कि उसने 1988 में एक पादरी की पत्नी की हत्या की थी। इसी जुर्म में दोषी ठहराए जाने के बाद तीन दशक पहले मौत की सजा सुनाई गई थी। स्मिथ और उनके सहयोगी जॉन पार्कर को 1988 में एलिज़ाबेथ सेनेट की हत्या का दोषी ठहराया गया था जिसके लिए उन्हें प्रत्येक को 1,000 डॉलर का भुगतान किया गया था।
पार्कर को 2010 में इंजेक्शन देकर मार दिया गया था। चार्ल्स सेनेट ने भी खुदकुशी कर ली थी। एलिजाबेथ उसकी पत्नी थी। कहते हैं कि सेनेट ने ही एलिजाबेथ को मारने के लिए स्मिथ और पार्कर को पैसे दिए थे। सेनेट एक धर्म प्रचारक की पत्नी थी, जिनकी हत्या के लिए स्मिथ और उसके साथी को 1 हजार डॉलर की सुपारी दी थी, जिसके बाद दोनों ने पहले महिला को पीट-पीट कर और फिर चाकुओं से गोद कर मौत के घाट उतार दिया था।
पहले बच गया था स्मिथ
हालांकि 2022 में उसे मौत की सजा दी जा रही थी, लेकिन वो बच गया था। 2022 में उसे ज़हर वाले इंजेक्शन से मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब डेथ सेल में डॉक्टर उसकी नस का ही पता नहीं लगा सके थे और कई बार इंजेक्शन लगाने के बावजूद वो बच गया था।
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