ट्रम्प को लगा जोर का झटका बहुत जोर से, इस वजह से अब नहीं लड़ पाएंगे राष्ट्रपति का चुनाव

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ट्रम्प को लगा जोर का झटका बहुत जोर से, इस वजह से अब नहीं लड़ पाएंगे राष्ट्रपति का चुनाव
डॉनल्ड ट्रम्प को कोलोराडो की अदालत ने चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया
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Donald Trump Disqualified :अब अमेरिका में कभी नहीं होगी ट्रम्प की सरकार। जी हां इस वक़्त अमेरिका में यही सबसे बड़ी बात सुर्खियों में छाई हुई है क्योंकि अमेरिका की एक अदालत ने डॉनल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य करार दिया है। अमेरिका की एक अदालत ने ट्रम्प को जोर का झटका बहुत जोर से देते हुए कहा है कि अमेरिका में चुनावों से डॉनल्ड ट्रम्प को दूर रखने वाली याचिका को मानते हुए ट्रम्प के खिलाफ फैसला दिया है। 

पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प चुनाव के लिए अयोग्य घोषित

कैपिटल हिल हिंसा मामले में फैसला

दरअसल ये फैसला अमेरिका के वॉशिंगटन में कैपिटल हिल हिंसा के संदर्भ में डॉनल्ड ट्रम्प के समर्थकों की भूमिका के मद्देनज़र ये फैसला सुनाया है। अमेरिका की कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प के खिलाफ ये फैसला सुनाया है। यानी अदालत के इस फैसले के बाद अब साल 2024 में होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनावों में डॉनल्ड ट्रम्प हिस्सा नहीं ले सकेंगे। हालांकि डॉनल्ड ट्रम्प कैम्प की तरफ से सामने आई खबरों पर यकीन किया जाए तो डॉनल्ड ट्रम्प अभी हार नहीं मानने वाले। मुमकिन है कि कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ डॉनल्ड ट्रम्प अमेरिका की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएं। 

ज्यूरी ने 4-3 से ट्रम्प के खिलाफ दिया फैसला

कोरोराडो की सुप्रीम कोर्ट ने सात सदस्यों वाली ज्यूरी में 4-3 से फैसला ट्रम्प के खिलाफ सुनाया। अदालत ने साफ कर दिया कि अगले साल होने वाले चुनावों के लिए डॉनल्ड ट्रम्प अब अयोग्य हो गए हैं। यानी अब वो किसी भी सूरत में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर शामिल नहीं हो पाएंगे और वॉइट हाउस की रेस से हट जएंगे। 6 जनवरी 2021 को अमेरिका का वॉशिंगटन में कैपिटल हिल में बड़ी संख्या में ट्रम्प समर्थक घुस गए थे और वहां जमकर हिंसा की थी। अमेरिका के इतिहास में ऐसी हिंसा पहली बार देखी गई। 

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 854 पन्नों की जांच रिपोर्ट 

दरअसल ट्रम्प समर्थकों का दावा था कि चुनावों में धांधली करने के बाद डॉनल्ड ट्रम्प को जानबूझकर हराया गया है। और उस चुनाव में जो बाइडन को विजयी घोषित किया गया था। इस हिंसा की जांच के लिए बेनी थॉम्पसन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी डेमोक्रेटिक पार्टी के सात सदस्य थे जबकि दो सदस्य रिपब्लिकन पार्टी के थे। इस कमेटी ने 854 पन्नों की अपनी जांच रिपोर्ट में ये सिफारिश की थी कि हिंसा के लिए काफी हद तक डॉनल्ड ट्रम्प और उनके भाषण ही कसूरवार हैं क्योंकि इससे उनके समर्थक बेकाबू होकर कानून को रौंदने पर आमादा हो गए थे। ऐसे में कमेटी ने सिफारिश की थी कि हिंसा के मद्देनज़र डॉनल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनावों  के लिए अयोग्य घोषित किया जाए। 

नतीजों की पलटने की साजिश

कमेटी ने यहां तक कहा था कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के वैद्य नतीजों को ट्रम्प समर्थकों ने पलटने की साजिश तक रच डाली थी। करीब 18 महीनों तक चली इस जांच में कमेटी ने करीब एक हजार से ज़्यादा गवाहों से पूछताछ की और उनकी गवाही दर्ज की। साथ ही लाखों पन्नों को भी खंगाला गया। 

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