डेढ़ साल से फरार निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने अदालत में किया आत्मसमर्पण
डेढ़ साल से फरार निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने अदालत में किया आत्मसमर्पण
ADVERTISEMENT
) उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के क्रशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत व रिश्वतखोरी के मामले में पिछले डेढ़ साल से फरार चल रहे महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार (आईपीएस) ने शनिवार को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
अदालत ने पाटीदार को 17 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
अभियोजन के अनुसार, पाटीदार के खिलाफ दर्ज यह मामला महोबा के कबरई थाने से संबंधित है। पाटीदार ने इस मुकदमे के साथ-साथ महोबा के कोतवाली नगर थाने में दर्ज एक अन्य मुकदमे में भी आत्मसमर्पण किए जाने की अर्जी दी है।
ADVERTISEMENT
सरकारी अधिवक्ता एम.के. सिंह ने बताया कि कोतवाली नगर महोबा में दर्ज उक्त मुकदमे की विवेचना चल रही है, जिसके कारण अदालत ने मणिलाल पाटीदार के वांछित होने की रिपोर्ट 19 अक्टूबर को विवेचक से तलब की है।
क्रशर व्यवसायी की मौत के मामले में अभियुक्त फरार था। अदालत उसके खिलाफ फरारी की उद्घोषणा भी जारी कर चुकी थी। अभियुक्त पर क्रशर व्यवसायी से घूस मांगने व घूस लेने के भी आरोप हैं।
ADVERTISEMENT
आरोप है कि अपनी मृत्यु से पहले क्रशर व्यवसायी ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार द्वारा अपनी हत्या किए जाने की आशंका जाहिर की थी। इस वीडियो के वायरल होने के दूसरे दिन इंद्रकांत त्रिपाठी को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई। त्रिपाठी की कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पांच दिन बाद मृत्यु हो गई थी।
ADVERTISEMENT
इस मामले की रिपोर्ट मृतक के भाई रविकांत त्रिपाठी ने 11 सितंबर 2020 को महोबा के कबरई थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि जून 2020 में इंद्रकांत त्रिपाठी से पाटीदार ने छह लाख रुपये प्रति माह रिश्वत की मांग की थी, जिसे देने में मृतक ने असमर्थता जताई थी।
आरोप है कि इसके बाद उसे परेशान किया जा रहा था। उप्र सरकार ने मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
ADVERTISEMENT