UP Anil Dujana: जुर्म की दुनिया का “छोटा शकील” यूं फंस गया यूपी एसटीएफ के जाल में, खत्म हुआ 23 साल का आतंक!
Anil Dujana Encounter: कत्ल की 18 वारदातों को अंजाम देने के बाद दुजाना चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिशों में लगा था। वो जानता था कि सफेदपोश होने के बाद उसके काले कारनामों पर पर्दा पड़ सकता है।
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Anil Dujana Encounter: जमीन पर कब्जे कत्ल की वारदातें और दबंगई। यही वजह थी कि खूंखार अनिल दुजाना को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का छोटा शकील कहा जाता था। किसी जमीन से कब्जा हटाना हो या फिर कत्ल करवाना हो सुपारी अनिल दुजाना को ही दी जाती थी। बताते हैं कि अनिल दुजाना गैंग के पास एक 47 जैसे हथियारों की खेप थी।
कत्ल की 18 वारदातों को अंजाम देने के बाद दुजाना चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिशों में लगा था। वो जानता था कि सफेदपोश होने के बाद उसके काले कारनामों पर पर्दा पड़ सकता है। यही वजह है कि अनिल दुजाना ने पंचायत चुनाव लड़ा और जीता लेकिन ये चुनाव कोर्ट ने रद्द कर दिया था। गैंगस्टर की पत्नी पूजा नागर भी पंचायत चुनाव लड़ चुकी है। अनिल दुजाना ने महाराजगंज जेल में रहते हुए बागपत की रहने वाली पूजा से 15 फरवरी 2019 को पेशी के दौरान सगाई की थी। साल 2021 में जमानत पर छूटने के बाद अनिल दुजाना ने 18 फरवरी को शादी की। अनिल दुजाना को दामाद बनाने वाले पूजा के पिता लीलू ने अपने गांव के दुश्मनों को नीचा दिखाने के लिए अपनी बेटी की शादी गैंगस्टर अनिल दुजाना से शादी की थी।
पूजा के पिता लीलू का बागपत के एक शख्स राजकुमार से 40 बीघा जमीन को लेकर विवाद था। राजकुमार ने अपनी दो बेटियों की शादी 2018 में अपराधी गाजियाबाद के गैंगस्टर हरेंद्र खड़खड़ी और उसके भाई से कर दी थी। गैंगस्टर दामाद पाने के बाद विरोधी राजकुमार दामाद के दम पर लीलू को धमकाने लगा था। जिसके बाद पूजा के पिता ने हरेंद्र खड़खड़ी से बड़े गैंगस्टर को अपना दामाद बनाने का सोचा और उसकी यह तलाश अनिल दुजाना पर खत्म हुई और लीलू ने सिर्फ अपने गांव के विरोधी को नीचा दिखाने के अपनी बेटी पूजा की शादी अनिल दुजाना से कर दी थी।
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यूपी के बुलंदशहर में बादलपुर थाना क्षेत्र है। इस इलाके के दुजाना गांव में एक कुख्यात अपराधी सुंदर नागर उर्फ़ सुंदर डाकू हुआ करता था। जो बाद में अनिल दुजाना के नाम से जाना जाने लगा। हैरानी की बात ये है कि दुजाना गांव के लोग उसे मसीहा मानते थे। अनिल दुजाना की मौत की खबर गाँव मे आग की तरह फैल गई। अनिल दुजाना के पैतृक गांव वासियों को लगी तो गांव में गम का माहौल पैदा हो गया।
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गौरतलब है कि अभी एक हफ्ता पहले ही अनिल दुजाना अयोध्या की जेल से बाहर आ गया था जिसकी जानकारी गौतम बुध नगर पुलिस को कानों कान भी नहीं हुई। दुजाना के एनकाउंटर के बाद गांव की स्थिति काफी तनावपूर्ण है गांव में कोई भी कैमरे के सामने बोलने को तैयार भी नहीं है। अनिल दुजाना जहां पर अपनी कोठी बनाना चाहता था गांव में अभी बड़े-बड़े पेड़ और झाड़ खड़े हो गए हैं।
मेरठ के एक गांव में हमारी टीम ने उसे घेर लिया था। दुजाना ने बचने के लिए हमारी टीम पर गोलीबारी की और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।' दुजाना को घेरने वाली एसटीएफ टीम का नेतृत्व उप्र एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह कर रहे थे। अनिल दुजाना मूलरूप से दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा का रहने वाला था. इसका खौफ नोएडा के अलावा, गाजियाबाद, दिल्ली और एनसीआर के दूसरे इलाकों में था. कहा जा रहा है कि अभी 1 सप्ताह पहले ही जेल से बाहर आया था. इसके बाद वो फिर से अपने विरोधियों को जान से मारने की धमकी देने लगा था. उन्हें मारने की फिराक में था. खासतौर पर उन्हें धमकी दे रहा था जिन्होंने उसके खिलाफ कोर्ट में गवाही दी थी।
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