मालगाड़ी के दो पहियों के बीच बैठकर 100 KM दूर पहुँचा मासूम बच्चा, फिर ऐसे किया गया रेस्क्यू

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मालगाड़ी के दो पहियों के बीच बैठकर 100 KM दूर पहुँचा मासूम बच्चा, फिर ऐसे किया गया रेस्क्यू
मालगाड़ी के दो पहियों के बीच बैठकर 100 किमी दूर जा पहुँचे बच्चे को रेस्क्यू किया गया
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Child Rescue from Wheels of Goods Train: 7-8 बरस का एक बच्चा मालगाड़ी के दो पहियों के बीच बैठकर करीब 100 किलोमीटर दूर तक चला गया। गनीमत रही कि बच्चा किसी हादसे का शिकार नहीं हुआ और बाद में आरपीएफ ने उस बच्चे को रेस्क्यू कर लिया। मगर इस खबर के खुलासे के बाद रेलवे और रेल गाड़ियों में सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर अलग तरह की बहस भी शुरू हो गई। 

मालगाड़ी के पहियों के बीच से रेस्क्यू किया एक बच्चा

पहियों के बीच बच्चा दिखा तो रुह कांपी

दरअसल ये किस्सा सामने आया हरदोई से। हुआ ये कि लखनऊ में रेलवे ट्रैक के किनारे खेलते हुए एक छोटा बच्चा खेलते खेलते रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के पहियों के बीच जाकर बैठ गया। इससे पहले वो बच्चा वहां से निकल पाता ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी अचानक चल पड़ी। डर के मारे वो बच्चा वहीं पहियों के बीच सिमटकर बैठा रहा। और मालगाड़ी अपनी ही रफ्तार में तेजी से पटरियों पर दौड़ती रही। इसी बीच चलती हुई मालगाड़ी के पहियों पर संडीला के आगे दलेलनगर स्टेशन के पास कुछ लोगों की नजर पड़ी तो सबकी रूह कांप गई क्योंकि पहियों के बीच उन्हें एक मासूम बच्चा नज़र आ रहा था। इस बारे में रेलवे के अधिकारी फौरन हरकत में आए और जिस रास्ते पर मालगाड़ी दौड़ रही थी उसे अगले ही स्टेशन पर रोकने का संदेश भेज दिया गया। गाड़ी तब हरदोई स्टेशन पहुँचने वाली थी। हरदोई स्टेशन पर पहुंचते ही मालगाड़ी को रोक लिया गया और मालगाड़ी के पहिये के बीच में दुबके बैठे लड़के को RPF के जवानों ने उसे वहां से रेस्क्यू किया। 

100 किलोमीटर दूर पहुँच गया बच्चा

जिस वक्त  RPF के जवान ने बच्चे को वहां से बाहर निकाला तो वो बहुत बुरी तरह से डरा हुआ था। मौत के साथ सफर कर रहे बच्चे से उसका नाम पता और बाकी जानकारी हासिल करने के बाद बच्चे को आरपीएफ ने चाइल्ड केयर सेंटर के हवाले कर दिया। लोगों की हैरानी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें ये पता चला कि बच्चे ने एक दो या दस बीस किलोमीटर नहीं बल्कि पूरे 100 किलोमीटर का सफर किया था। 

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मां छोड़कर चली गई बच्चे को

पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम अजय बताया। बच्चे ने जो आरपीएफ को बताया उसके मुताबिक अजय के पिता पूरन लखनऊ के अलामनगर में राजाजीपुरम के बालाजी मंदिर में रहते हैं। बच्चे की मां उसे छोड़कर कहीं चली गई जबकि बच्चा और उसका पिता मंदिर के आस पास भीख मांगता था। साथी बच्चों के साथ खेलते खेलते वो वहीं आलमबाग में खड़ी मालगाड़ी के पहियों के पीछे जाकर छिप गया था। लेकिन जैसे ही वो पहियों के पास जाकर बैठा तो वैसे ही ट्रेन चल पड़ी और वो डर गया था। हैरानी की बात ये है कि बच्चा मालगाड़ी के पहियों के पास बैठा था और ट्रेन चल रही थी इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। 

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